NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
बीएचयू : सेंट्रल हिंदू स्कूल के दाख़िले में लॉटरी सिस्टम के ख़िलाफ़ छात्र, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
बीएचयू में प्रशासन और छात्र एक बार फिर आमने-सामने हैं। सीएचएस में प्रवेश परीक्षा के बजाए लॉटरी सिस्टम के विरोध में अभिभावकों के बाद अब छात्रों और छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है।
सोनिया यादव
04 Apr 2022
BHU

लाइब्रेरी आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत के बाद एक बार फिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय (सीएचएस) यानी बीएचयू सुर्खियों में बना हुआ है। इस बार मामला बीएचयू से जुड़े सेंट्रल हिंदू स्कूल का है। यहां दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा के बजाय लॉटरी सिस्टम के विरोध में अभिवावकों के बाद अब छात्रों और छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। इनका कहना है कि इस तरह की प्रणाली सीएचएस प्रवेश प्रक्रिया की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान खड़ा करती है और इस तरह की खोखली और भ्रष्ट प्रणाली को खत्म किया जाना चाहिए जिससे कि प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आए।

बता दें कि सेंट्रल हिंदू स्कूल को काशी हिंदू विश्वविद्यालय का मातृ संस्थान भी कहा जाता है। यहां हर साल न केवल वाराणसी, बल्कि यूपी के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में छात्र आवेदन करते हैं। बीते दो सालों से कोरोना महामारी के चलते प्रशासन सेंट्रल हिन्दू स्कूल में कक्षा छठवीं, नवीं और ग्यारहवीं में प्रवेश परीक्षा न लेकर लॉटरी सिस्टम के आधार पर बच्चों को भविष्य तय कर रहा है। इस सिस्टम में 11वीं में प्रवेश के लिए ई-लॉटरी के साथ ही बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंक भी कंसीडर किए जाते है। हालांकि अभिवावकों और छात्रों के मुताबिक मौजूदा व्यवस्था किसी जुए से कम नहीं है, जहां छात्रों का दाखिला उनकी किस्मत से तय होता है। वहीं बीएचयू प्रशासन इसे बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कम्प्यूटरीकृत यादृच्छिकरण पर आधारित बताते हुए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष कह रहा है।

क्या है पूरा मामला?

बीएचयू की ओर से संचालित सेंट्रल हिंदू गल्र्स और बॉयज स्कूल (सीएचएस) में दाखिले की प्रक्रिया बीते दो से सवालों के घेरे में है। बीते साल भी कक्षा छठवीं से नवीं तक के दाखिले के लिए जमकर हंगामा होने के साथ-साथ धांधली के आरोप लगे थे। एडमिशन के लिए बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में लॉटरी खोली गई थी, जहां अभिभावकों ने जमकर विरोध किया था। उस दौरान अभिभावकों का कहना था कि कुछ देर के लिए अंदर किसी को जाने नहीं दिया गया था, जिसमें धांधली की पूरी आशंका थी। उस समय भी इस प्रक्रिया को खत्म करने की मांग उठी थी। अब एक बार फिर दाखिले की नोटिफिकेशन के साथ ही इस पूरी प्रक्रिया का विरोध शुरू हो गया है।

पहले अभिवाक इस संबंध में प्रशासन के खिलाफ खड़े थे अब छात्र संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। शनिवार, 2 अप्रैल को छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने प्रदर्शन करते हुए कुलपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में छात्रों ने कहा कि सेंट्रल हिंदू स्कूल में भी पहले की तरह प्रवेश परीक्षा कराई जाए, जिससे शिक्षा में पारदर्शिता बनी रहे। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर यह लॉटरी प्रणाली खत्म नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

प्रवेश परीक्षा बहाली के साथ ही 'कुलपति कोटा'' और 'पेड कोटा' को भी खत्म करने की मांग

सेंट्रल ऑफिस के गेट पर प्रदर्शन में शामिल बीएचयू के पूर्व छात्र डॉ. विकास सिंह ने कहा कि लॉटरी एक तरह का जुआ है। इसके बारे में भी अगर हमे समझाना पड़े, तो शिक्षकों को शिक्षण का काम छोड़ देना चाहिए। यदि 48 घंटे में इस मांग पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो हम सभी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

विकास सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया, “देश की आजादी की लड़ाई में इस विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों कमर्चारियों ने अतुलनीय योगदान दिया है। अमरशहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने यहीं एमए इतिहास के विद्यार्थी रहते हुए आजादी की लड़ाई लड़े और फांसी के फंदे को चूमा। जब देश आजद हुआ तो संविधान में 389 सदस्य थे और उन 389 में से 89 सदस्य किसी न किसी रूप में बीएचयू से सम्बंधित रहे थे। इसी बीएचयू से ही संबद्ध सेंट्रल हिंदू स्कूल का इतिहास भी गौरवशाली रहा है, यह बीएचयू से भी पहले स्थापित 1898 में एनी बेसेंट के प्रयासों से स्थापित हुआ। जिसने राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने वाले तमाम छात्रों को तैयार किया है। स्थापना से लेकर अब तक सेंट्रल स्कूल ने बीएचयू की एक मजबूत नीवं के रूप में भी कार्य किया है जिससे ऊपर विश्वविद्यालय की बुलन्द ऐतिहासिक इमारत खड़ी है।"

विकास आगे कहते हैं कि बीते 2 सालों से कोरोना के नाम पर सीएचएस की प्रवेश परीक्षा को बंद करके लॉटरी और दसवीं के परसेंटेज पर प्रवेश दिया जाने लगा है। इस साल भी बीएचयू ने सीएचएस की प्रवेश परीक्षा ना करा कर पुनः उसी जुआ प्रणाली और परसेंटेज के आधार पर प्रवेश देने का निर्णय लिया है। ये छात्रों के भविष्य को जुए में दांव पर लगाने जैसा है। इसलिए एक सकारात्मक उम्मीद के साथ हम मांग करते हैं की सीएचएस प्रवेश परीक्षा को पुनः बहाल किया जाए साथ ही पूर्व कुलपति प्रोफेसर जीसी त्रिपाठी के समय शुरू की गई एडमिशन के 'कुलपति कोटा' और पेड कोटा जैसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक प्रणाली को भी समाप्त किया जाए।

मालूम हो कि बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जीसी त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल के दौरान सेंट्रल हिंदू स्कूल में दाखिले की कुछ सीटें 'कुलपति कोटा'' और 'पेड कोटा' के नाम पर आरक्षित कर ली थीं। जिससे आम लोगों के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या में कमी आ गई है। इस लेकर छात्र संगठनों की लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि ये कोटे की सीटें खत्म की जाए, जिससे इस प्रतिष्ठित विद्यालय की पहुंच अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चों तक बढ़ाई जा सके।

काबिलियत के ऊपर किस्मत 'घोर अन्याय' है!

लॉटरी सिस्टम को खत्म किए जाने और प्रवेश परीक्षा की पुनः बहाल करने की मांग को लेकर जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने भी बीएयू के कुलपति को एक पत्र लिखा है। प्रोफेसर हरिकेश सिंह पूर्व में बीएचयू के शिक्षा संकाय के डीन व बीएचयू स्कूल बोर्ड के वाइस चेयरपर्सन भी रह चुके हैं।

इस पत्र में प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने लिखा है कि लॉटरी सिस्टम घोर अन्याय है और ये शैक्षिक मेघा के खिलाफ है। उनके पत्र के मुताबिक, “मैं इन विद्यालयों के स्कूल बोर्ड का वाइस चेयरमैन साल 2000 से 20002 तक था। उसी समय स्कूल एंट्रेंस टेस्ट यानी SET की प्रक्रिया अपनाई गई थी। यह प्रतियोगिता कक्षा 3 में प्रवेश के लिए तथा कक्षा ग्यारहवीं के लिए भी थी। केवल नर्सरी में अभिवावक की उपस्थिति में साक्षात्कार लेकर प्रवेश दिया जाता था।"

गौरतलब है कि सेंट्रल हिंदू स्कूल की स्थापना वर्ष 1898 में थियोसॉफिकल सोसायटी की एनी बेसेंट ने किया था। इसका इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है। यहां जे कृष्णमूर्ति, जयंत नार्लीकर, केएन गोविंदाचार्य, कमलापति त्रिपाठी, राम मनोहर लोहिया, जॉर्ज अरुंडेल, आर्थर रिचर्ड्सन, केएल किचलू, इकबाल नारायण गुर्टू जैसा हस्तियां पठन-पाठन का कार्य कर चुकी हैं। ऐसे में छात्रों का कहना है कि लॉटरी सिस्टम से दाखिला इन सभी महान हस्तियों के आदर्शों के खिलाफ होने के साथ ही एक अबौद्धिक शिक्षण प्रणाली भी है, जो काबिलियत के ऊपर किस्मत को तरजीह देती है।

Banaras Hindu University
BHU
BHU Students Protest
Central Hindu School
Admission lottery system
NSUI

Related Stories

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

गरमाने लगा बनारस: किसान आंदोलन के समर्थक छात्रों के खिलाफ FIR, सिंधोरा थाने पर प्रदर्शन

यूपी में पश्चिम से पूरब तक रही भारत बंद की धमक, नज़रबंद किए गए किसान नेता

बीएचयू: यौन हिंसा के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, प्रशासन का असंवेदनशील रवैया!

उत्तराखंड: गैरसैंण विधानसभा का घेराव करने पहुंचे घाट आंदोलनकारियों पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज

बीएचयू: सोते हुए छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई, थाना घेराव के बाद गिरफ़्तार छात्र हुए रिहा

बीएचयू: प्रवेश परीक्षा के ख़िलाफ़ ‘छात्र सत्याग्रह’ जारी, प्रशासन का किसी भी विरोध से इंकार

परीक्षा का मसला: छात्रों का सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन जारी

बीएचयू: छात्रावास में लगा ताला, जबरन हॉस्टल खाली कराने के ख़िलाफ़ छात्रों का धरना!


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License