केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार और संघ-शिक्षित दर्जनों संगठनों की देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से चिढ़ और नफ़रत किसी से छुपी नहीं है
केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार और संघ-शिक्षित दर्जनों संगठनों की देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से चिढ़ और नफ़रत किसी से छुपी नहीं है. पर भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद जैसे शिक्षा मंत्रालय के मातहत चलने वाले स्वायत्त संगठन भी अब निहित स्वार्थ और संकीर्ण आधारों पर इतिहास की इबारत लिखने में शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं. दूसरी तरफ,चुनाव से ऐन पहले यूपी में कई जिलों और शहरों-गावों के नाम बदलने की कोशिश हो रही है. इसके पीछे भी ध्रुवीकरण की सांप्रदायिक राजनीति है. उधर, विपक्ष की सबसे बडी पार्टी-कांग्रेस 'सेल्फ़ गोल' में उस्ताद बनती दिख रही है. पंजाब के एक विवादा फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में भी कुछ ऐसा ही करती दिख रही थी. पर छत्तीसगढ़ फिलहाल 'सेल्फ़ गोल' से बच गया. लेकिप पंजाब में कैप्टन-सिद्धू टकराव चरम पर है. पक्ष और विपक्ष की राजनीति के कुछ खास पहलुओं पर #HafteKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विचारोत्तेजक विश्लेषण:
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