NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भाजपा ने नीतीश के खिलाफ टिप्पणियां करने वाले विधान पार्षद को किया निलंबित
भाजपा एमएलसी टुन्नाजी पाण्डेय ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के चलते मुख्यमंत्री हैं।
भाषा
04 Jun 2021
टुन्नाजी पाण्डेय

पटना: भाजपा ने शुक्रवार को बिहार में अपने विधान पार्षद (एमएलसी) टुन्नाजी पाण्डेय को निलंबित कर दिया जिनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गई कथित टिप्पणियों से गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों के बीच रिश्तों में खटास आ रही थी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पाण्डेय के निलंबन का आदेश जारी किया, जिसकी प्रतियां मीडिया को जारी की गई हैं। इससे एक दिन पहले अनुशासनात्मक समिति के प्रमुख विनय सिंह ने विधान परिषद के सदस्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

अपने पत्र में जायसवाल ने, नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ‘‘पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करते हुए’’ टिप्पणियां करने को लेकर पाण्डेय की खिंचाई की।

जायसवाल के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, ‘‘इस (नोटिस) के बावजूद आपने अपने भाषण से एक बार फिर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया जो साबित करता है कि आप अपने आप को पार्टी के दिशा निर्देशों से ऊपर समझते हैं। अत: आपको पार्टी से निलंबित किया जाता है।’’

यह कार्रवाई तब की गई है जब एक दिन पहले पाण्डेय ने कहा था कि वह तथ्य बता रहे थे। पार्टी के नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जब मुझे नोटिस मिलेगा तो मैं उसका जवाब दूंगा। ज्यादा से ज्यादा पार्टी मुझे निकाल सकती है। मैं अपना घर चलाने के लिए पार्टी पर निर्भर नहीं हूं।’’

उल्लेखनीय है कि टुन्ना पाण्डेय ने सिवान के पूर्व राजद सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा से मुलाकात के बाद टिप्पणी की।

शहाबुद्दीन का पिछले दिनों कोविड-19 की वजह से निधन हो गया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी समझे जाने वाले शहाबुद्दीन का भाजपा के साथ हमेशा विरोध रहा।

पाण्डेय ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के चलते मुख्यमंत्री हैं और यही बोलने की उन्हें सजा मिली।

पाण्डेय ने कथित तौर पर कहा था कि नीतीश कुमार एक बार जदयू के दूसरे नंबर की पार्टी और उसके बाद तीसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद मुख्यमंत्री बने, और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वे परिस्थितियों के चलते मुख्यमंत्री हैं, ये बात सच है।

बिहार विधान परिषद में पाण्डेय का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है।

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह राजद में शामिल हो सकते हैं जो विपक्ष में है लेकिन उसने विधानसभा में सबसे बड़े दल का दर्जा हासिल किया है।

भाजपा विधान पार्षद के मुख्यमंत्री के खिलाफ ‘‘अमर्यादित’’ बयान ने बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल पैदा कर दी थी।

जदयू और राजग के एक अन्य सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने इस पर नाखुशी जतायी और भाजपा से उचित कार्रवाई करने की अपील की।

बहरहाल, मुख्य विपक्षी दल राजद ने पाण्डेय का समर्थन करते हुए कहा कि वह लोगों की राय रख रहे थे।

Tunna Pandey
Bihar
Nitish Kumar
BJP

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License