NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बीएमसी को दिव्यांग कर्मचारियों को लॉकडाउन अवधि का बकाया वेतन भुगतान करने का निर्देश
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने बीएमसी को निर्देश देते हुए कहा कि दो किस्तों में से पहले का भुगतान दिवाली से पहले किया जाना चाहिए।
भाषा
28 Oct 2020
BMC
Image courtesy: The Economic Times

मुंबई: बम्बई उच्च न्यायालय ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अपने दिव्यांग कर्मचारियों को उन दिनों का वेतन का भुगतान नहीं करने के निर्णय को बुधवार को ‘‘अवैध’’ करार दिया जब वे लॉकडाउन के दौरान काम पर नहीं पहुंच पाये थे। अदालत ने ऐसे कर्मचारियों को बकाये का भुगतान दो किस्तों में करने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने बीएमसी को निर्देश देते हुए कहा कि दो किस्तों में से पहले का भुगतान दिवाली से पहले किया जाना चाहिए।

पीठ ‘नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड’ (एनएबी) द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उक्त जनहित याचिका लॉकडाउन अवधि के दौरान बीएमसी द्वारा अपने 268 दृष्टिबाधित कर्मचारियों को उनका पूरा वेतन का भुगतान नहीं करने को लेकर दायर की गई थी।

अधिवक्ता उदय वारुंजिकर के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार, बीएमसी ने शुरुआत में अपने दिव्यांग कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान काम पर आने से छूट दी थी।

अर्जी में कहा गया है कि 21 मई को बीएमसी ने एक परिपत्र जारी करके ऐसे कर्मचारियों को सूचित किया कि वे बिना वेतन नुकसान के विशेष अवकाश के हकदार हैं। अर्जी के अनुसार हालांकि 26 मई को बीएमसी ने एक अन्य परिपत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि वे विशेष अवकाश नहीं बल्कि एक ‘‘अनुमेय अवकाश’ था जो निकाय नियमों के तहत मंजूर किया जाना जरूरी है और इसमें कर्मचारियों को उन दिनों के वेतन का नुकसान शामिल होता है जब वे काम पर आने में असफल रहते हैं।

याचिका के अनुसार परिपत्र में कहा गया कि अनुमेय अवकाश को वरिष्ठ प्राधिाकारियों द्वारा मंजूर किया जाना जरूरी है और जिन दिनों के लिए ऐसा अवकाश मंजूर नहीं हो, कर्मचारी को उसके लिए वेतन का नुकसान उठाना होगा।

बुधवार को उच्च न्यायालय की पीठ ने 26 मई के उक्त परिपत्र को अवैध करार दिया।

पीठ ने कहा,‘‘परिपत्र में न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है। परिपत्र और वेतन रोकने के उसके कदम को अवैध करार दिया जाता है।’’

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं सहित दिव्यांग कर्मचारी सभी मौद्रिक लाभों के लिए पात्र हैं। पीठ ने बीएमसी को अपने दिव्यांग कर्मचारियों को सभी वेतन बकाया और मौद्रिक लाभ भुगतान करने का निर्देश दिया, यहां तक कि उन्हें भी ‘‘जो महामारी के दौरान ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं कर सके थे।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि भुगतान दो किस्तों में किया जाना चाहिए, पहली किस्त का भुगतान दीपावली से पहले किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी किस्त का भुगतान पहली किस्त के भुगतान के 45 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

याचिका के अनुसार, दिव्यांग कर्मचारियों को इस साल 23 मार्च से 31 मई के बीच पूरा भुगतान किया गया था, बाद के महीनों में बीएमसी ने उन दिनों के लिए कटौती करना शुरू कर दिया, जब वे काम पर आने से चूक गए थे।

हालांकि, बीएमसी ने उच्च न्यायालय के समक्ष पिछली सुनवाई के दौरान दावा किया था कि उसने अपने दिव्यांग कर्मचारियों की ‘‘बहुत अच्छे से देखभाल’’ की है।

इसमें कहा गया था कि बीमएसी में लगभग 1,150 दिव्यांग हैं, जिनमें 268 दृष्टिबाधित कर्मचारी शामिल हैं और उसने उनके लिए बस सेवा शुरू की थी। बीएमसी ने कहा कि उसके कर्मचारियों को शहर में लोकल ट्रेन के इस्तेमाल की भी अनुमति थी।

BMC
BMC Handicapped Employees
Lockdown
Lockdown Salary

Related Stories

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

जब तक भारत समावेशी रास्ता नहीं अपनाएगा तब तक आर्थिक रिकवरी एक मिथक बनी रहेगी

25 मार्च, 2020 - लॉकडाउन फ़ाइल्स

लॉकडाउन में लड़कियां हुई शिक्षा से दूर, 67% नहीं ले पाईं ऑनलाइन क्लास : रिपोर्ट

शिक्षा बजट: डिजिटल डिवाइड से शिक्षा तक पहुँच, उसकी गुणवत्ता दूभर

यूपी: महामारी ने बुनकरों किया तबाह, छिने रोज़गार, सरकार से नहीं मिली कोई मदद! 

बजट '23: सालों से ग्रामीण भारत के साथ हो रही नाइंसाफ़ी से निजात पाने की ज़रूरत

यूपी चुनावों को लेकर चूड़ी बनाने वालों में क्यों नहीं है उत्साह!

संभावित लॉकडाउन के ख़तरे के बीच बिहार-यूपी लौटने लगे प्रवासी श्रमिक !

मुंबईः दो साल से वेतन न मिलने से परेशान सफाईकर्मी ने ज़हर खाकर दी जान


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • राजेंद्र शर्मा
    फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!
    23 Apr 2022
    कटाक्ष: इन विरोधियों को तो मोदी राज बुलडोज़र चलाए, तो आपत्ति है। कोर्स से कवियों को हटाए तब भी आपत्ति। तेल का दाम बढ़ाए, तब भी आपत्ति। पुराने भारत के उद्योगों को बेच-बेचकर खाए तो भी आपत्ति है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
    23 Apr 2022
    बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
  • डेविड वोरहोल्ट
    विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
    23 Apr 2022
    विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त
    23 Apr 2022
    एक ऐसे वक्त जबकि देश संवैधानिक मूल्यों, बहुलवाद और अपने सेकुलर चरित्र की रक्षा के लिए जूझ रहा है तब कांग्रेस पार्टी को अपनी विरासत का स्मरण करते हुए देश की मूल तासीर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License