NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
फिल्में
भारत
नहीं रहे ‘‘रजनीगन्धा’’ की तरह महकने वाले ‘‘चितचोर’’ बासु चटर्जी
फ़िल्म उद्योग और अन्य क्षेत्रों के कई लोगों ने फ़िल्म निर्देशक चटर्जी के निधन पर शोक जताया। चटर्जी ने मध्यम वर्ग और उसकी हर दिन की खुशियों और जद्दोजहद को अपनी फिल्मों का केंद्र बनाया था।
भाषा
04 Jun 2020
Basu Chatterjee

मुंबई : ‘‘रजनीगन्धा’’ और ‘‘चितचोर’’ जैसी आम जनमानस से जुड़ी, हल्के फुल्के अंदाज वाली फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले अनुभवी फ़िल्म निर्माता बासु चटर्जी का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे।

चटर्जी के परिवार में उनकी बेटियां सोनाली भट्टाचार्य और रूपाली गुहा हैं। सांताक्रूज स्थित अपने आवास पर उन्होंने नींद में ही अंतिम सांस ली।

इंडियन फ़िल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफडीटीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उन्होंने सुबह के समय नींद में ही शांति से अंतिम सांस ली। वह उम्र संबंधी दिक्कतों के कारण पिछले कुछ समय से ठीक नहीं थे और उनके आवास पर ही उनका निधन हुआ। यह फ़िल्म उद्योग के लिए भारी क्षति है।’’

पंडित ने बताया कि फ़िल्म निर्माता का अंतिम संस्कार सांता क्रूज श्मशान घाट पर किया जाएगा।

फ़िल्म उद्योग और अन्य क्षेत्रों के कई लोगों ने निर्देशक के निधन पर शोक जताया। चटर्जी ने मध्यम वर्ग और उसकी हर दिन की खुशियों और जद्दोजहद को अपनी फिल्मों का केंद्र बनाया था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘दिग्गज फ़िल्म निर्देशक और पटकथा लेखक बासु चटर्जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने हमें ‘छोटी सी बात’, ‘चितचोर’, ‘रजनीगन्धा’, ‘ब्योमकेश बख्शी’, ‘रजनी’ जैसी तमाम शानदार फिल्में दीं। उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और पूरे फ़िल्म समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’

फ़िल्म निर्माता हंसल मेहता ने कहा कि चटर्जी अपने पीछे सिनेमा की महान विरासत छोड़ गए हैं।

‘‘कहानी’’ फ़िल्म के निर्देशक सुजॉय घोष ने कहा, ‘‘बासु चटर्जी चले गए। मेरे विचार से बहुत कम लोग रोजमर्रा की जिंदगी को उस अंदाज में देख पाते हैं, जैसा कि उन्होंने देखा। उनकी सभी फिल्में आम आदमी के चेहरे पर मुस्कुराहट लाती हैं। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और इसे साबित करने के लिए मैंने ‘कहानी 2’ बनाई।’’

चटर्जी ने एक पत्रिका में बतौर कार्टूनिस्ट अपने कैरियर की शुरुआत की थी लेकिन राज कपूर-वहीदा रहमान अभिनीत ‘तीसरी कसम’’ में बासु भट्टाचार्य के साथ काम करने के बाद अपने करियर की राह बदल ली।

ऋषिकेश मुखर्जी के साथ दोनों बासु भट्टाचार्य और बासु चटर्जी ने हिंदी सिनेमा की तिकड़ी बनाई जिनके फिल्मों के मूल्य मध्यम वर्ग और उसके हर दिन के संघर्ष पर टिके थे वो भी ऐसे दौर में जब बॉलीवुड की फिल्मों का ध्यान गुस्से और त्रासदियों वाली कहानियों पर था जिसके अगुवा अमिताभ बच्चन थे।

चटर्जी ने मध्यम वर्ग की कहानियों को जनता तक पहुंचाने के लिए विद्या सिन्हा, अमोल पालेकर और जरीना वहाब जैसे कलाकारों को चुना।

उनकी बेहतरीन फिल्मों में ‘‘उस पार’’, ‘‘चितचोर’’, ‘‘पिया का घर’’, ‘‘खट्टा मीठा’’ और ‘‘बातों बातों में’ शुमार हैं।

बासु के निधन से एक हफ्ते से भी कम समय पहले गीतकार योगेश गौर का निधन हो गया जिन्होंने चटर्जी की फिल्मों में कई मशहूर गीत लिखे जिनमें ‘‘रजनीगन्धा फूल तुम्हारे’’ और ‘‘ना जाने क्यों’’ शामिल हैं। गौर का 29 मई को निधन हो गया था।

Basu Chatterjee
Basu Chatterjee Passes Away
Basu Chatterjee died

Related Stories


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License