NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बंगाल उपचुनाव: तृणमूल ने ‘‘देरी’’ के लिए निर्वाचन आयोग की आलोचना की
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की वह याचिका सुनवाई के लिए बुधवार को स्वीकार कर ली, जिसमें विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के निर्वाचन को चुनौती दी गई है।
भाषा
14 Jul 2021
ECI

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सात विधानसभा सीटों के लिए चुनाव एवं उपचुनाव कराने में ‘‘देरी’’ को लेकर नाराजगी जताते हुए बुधवार को बताया कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव कराने की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग से बृहस्पतिवार को मुलाकात करेगा। मुख्यमंत्री पद पर निर्बाध बने रहने के लिए ममता बनर्जी के लिए ये उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं।

राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर रे ने निर्वाचन आयोग पर तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या वह चुनाव आयोजित कराने के लिए ‘‘कोविड-19 की तीसरी लहर का इंतजार’’ कर रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी संबंधी स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में हैं और हालात चुनाव कराने के अनुकूल हैं।

राज्य की पांच रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। राज्य में उन दो अन्य सीटों के लिए चुनाव होने हैं, जहां उम्मीदवारों की मौत के बाद मतदान रद्द कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री बनर्जी नंदीग्राम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के हाथों विधानसभा चुनाव हार गई थीं। ऐसे में, उपचुनाव उनके लिए बहुत महत्व रखते हैं। संविधान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति विधायक या सांसद नहीं है और वह मंत्रिपद पर आसीन होता है, तो उसके लिए छह महीने में विधानसभा या विधानपरिषद या संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है। यदि मंत्री ऐसा नहीं कर पाता है, तो छह महीने बाद वह पद पर नहीं बना रह सकता। बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए चार नवंबर तक विधायक बनना होगा।

राज्यसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रे ने कहा, ‘‘हम सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव और लंबित चुनाव कराने की मांग के साथ दिल्ली में कल (बृहस्पतिवार को) निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। जब कोविड-19 चरम पर था, तब विधानसभा चुनाव आठ चरणों में आयोजित किए गए थे, लेकिन अब हालात काफी सुधर गए हैं।’’

रे ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग उपचुनावों में देरी कर रहा है। क्या वह तीसरी लहर का इंतजार कर रहा है। हम चाहते हैं कि उपचुनाव जल्द से जल्द कराये जायें ।’’

दिनहाटा और शांतिपुर विधानसभा सीटें से विधायक बने भाजपा नेताओं निशीथ प्रामाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया था और सांसद बने रहने का फैसला किया था। प्रामाणिक को हाल में मंत्रिपरिषद विस्तार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में शामिल किया गया है।

राज्य के मंत्री सोवनदेव चट्टोपाध्याय के इस्तीफे के बाद बनर्जी की परंपरागत सीट भवानीपुर खाली हो गई है। उन्होंने बनर्जी के इस सीट से विधानसभा में चुने जाने का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा दे दिया था। तृणमूल प्रमुख ने अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था, जिसके बाद पार्टी ने भवानीपुर से चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा था।

कोविड-19 के कारण तृणमूल नेताओं काजल सिन्हा और जयंत नस्कर के निधन के कारण उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में क्रमश: खरदाह और गोसाबा सीटों पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है।

मुर्शिदाबाद में शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया था और बाद में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

इस समय बनर्जी और वित्त मंत्री अमित मित्रा मंत्रालय के ऐसे दो सदस्य हैं, जो विधायक नहीं है। मित्रा ने अस्वस्थ होने के कारण पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन बनर्जी को विधानसभा में जगह बनाने के लिए उपचुनाव जीतना होगा। तृणमूल ने मई में 294 सदस्यीय विधानसभा में 213 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार का गठन किया है।

अदालत ने शुभेंदु के निर्वाचन को चुनौती देने वाली ममता की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार की

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की वह याचिका सुनवाई के लिए बुधवार को स्वीकार कर ली, जिसमें विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। अदालत ने अधिकारी को नोटिस जारी किए जाने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति शम्पा सरकार ने कहा कि बनर्जी की चुनाव याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई होगी। न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि इस बीच इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक अधिकारी और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किए जाएं।

न्यायमूर्ति सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय प्रशासन से उनकी पीठ को मिली रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव याचिका जन प्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का पालन करते हुए दायर की गई है। अदालत ने निर्वाचन आयोग को नंदीग्राम में चुनाव संबंधी सभी रिकॉर्ड एवं उपकरण संरक्षित रखने का निर्देश दिया।

इससे पहले, न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया था, जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने इस मामले को न्यायमूर्ति सरकार की पीठ के पास भेज दिया था। निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार अधिकारी ने बनर्जी को 1,956 मतों के अंतर से हराया था।

mamata banerjee
election commission of India
Suvendu Adhikari

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

बढ़ती हिंसा और सीबीआई के हस्तक्षेप के चलते मुश्किल में ममता और तृणमूल कांग्रेस

बलात्कार को लेकर राजनेताओं में संवेदनशीलता कब नज़र आएगी?

2 सालों में 19 लाख ईवीएम गायब! कब जवाब देगा चुनाव आयोग?

केजरीवाल का पाखंड: अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया, अब एमसीडी चुनाव पर हायतौबा मचा रहे हैं

बीरभूम नरसंहार ने तृणमूल की ख़ामियों को किया उजागर 

दिल्ली नगर निगम चुनाव टाले जाने पर विपक्ष ने बीजेपी और चुनाव आयोग से किया सवाल

जनादेश-2022:  इस बार कहीं नहीं दिखा चुनाव आयोग, लगा कि सरकार ही करा रही है चुनाव!

क्या यह मोदी लहर के ख़ात्मे की शुरूआत है?

पेगासस कांड: आखिर क्या है RSS से जुड़ा GVF ट्रस्ट? जिसकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के आयोग की जांच पर लगा दी रोक


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License