NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बेतिया: सड़क परियोजना के लिए ढाही पूरी ईदगाह, सिर्फ एक हिस्से के अधिग्रहण का था नोटिस
“भू अर्जन विभाग ने ईदगाह के 07 डिसमिल हिस्से के अधिग्रहण के लिए 20 सितंबर 2019 को पत्र ज़ारी किया था, लेकिन प्रशासन ने पूरी ईदगाह को तोड़ने की कार्रवाई कर सांप्रदायिक भावनाओं को चोट पहुंचाया है तथा कुछ लोगों के स्वार्थ में काम किया है।
मौहम्मद अली
18 Jan 2022
Idgah was demolished

बिहार के बेतिया में हिंदुस्तान-नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना के लिए हो रहे अतिक्रमण के नाम पर ईदगाह को ढाहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

मामला बेतिया के मिनाटांड ब्लाक के इनरवा बाजार का है, जहां पर सड़क चौड़ीकरण के काम में बाधा बन रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए पुलिस प्रशासन ने जगह चिह्नित करके 5 जनवरी को लोगों को नोटिस दिया था कि सभी 11 फ़रवरी तक अपनी ज़मीन खाली कर दें।

सड़क चौड़ीकरण के कार्य के बीच में एक सैकड़ों साल पुरानी ईदगाह भी बाधा बन रही थी। प्रशासन ने उसकी भी पैमाइश करके 20 फीट जमीन को तोड़ने के लिए चिह्नित कर दिया था।

प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के तहत 11 जनवरी को SDM नरकटिया गंज धनंजय कुमार के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनाती के साथ अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया।

घटनास्थल पर मौजूद मुन्नवर आलम के अनुसार, “अतिक्रमण हटाने के दौरान जब ईदगाह के चिह्नित हिस्से को तोड़ने की बारी आई, तो प्रशासन ने SDM की मौजूदगी में JCB की मदद से 20 फीट ज़मीन तोड़ दी। उसके बाद SDM वहां से चले गए तथा उसके 10 मिनट बाद फिर से CO फोर्स लेकर आए तथा ईदगाह की और ज़मीन तोड़ने लगे, जिस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपना विरोध जाताना शुरू कर दिया। तभी अचानक JCB का शीशा कहीं से फेंके गए पत्थर लगने के कारण टूट गया। आपको बता दें कि घटनास्थल पर दोनों समुदाय के लोग काफ़ी तादाद में मौजूद थे। इस घटना के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

इसी बीच दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने घरों की तरफ़ जाकर पथराव करने लगे, तथा JCB ड्राइवर कृष्णा यादव ने पुलिस की मौजूदगी में पूरी ईदगाह तोड़ दी।

विधानसभा प्रत्याशी रिज़वान रेयाजी ने बताया कि "यहां पुराने ज़माने से ही ईदगाह हैं, हमारे पास इसके 1954 के कागज़ भी हैं, जिनका दस्तावेज़ नंबर 8487 है। इंडो-नेपाल सीमा के लिए ईदगाह की ज़मीन का 07 डिसमिल हिस्से को टूटना था यानी 15-16 फीट ज़मीन टूटनी थी, उसके बावजूद SDM ने 20 फीट ज़मीन पर निशान लगा दिया जिस पर हमको कोई आपत्ति नहीं थीं, लेकिन प्रशासन की मिली भगत से पूरी ईदगाह को तोड़ दिया गया। इसमें CO राजीव रंजन की भूमिका मुख्य रुप से रहीं है, क्योंकि SDM 20 फीट ज़मीन तोड़ने के बाद चले गए थे। उसके बाद CO ने आकर ईदगाह तुड़वाई।"

विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता का कहना है कि "भू अर्जन विभाग ने ईदगाह के 07 डिसमिल हिस्से के अधिग्रहण के लिए 20 सितंबर 2019 को पत्र ज़ारी किया गया था, लेकिन प्रशासन ने पूरी ईदगाह को तोड़ने की कार्रवाई कर सांप्रदायिक भावनाओं को चोट पहुँचाया है तथा कुछ लोगों के स्वार्थ में काम किया है।”

विधायक के अनुसार, जहां निजी ज़मीन हैं वहा इंडो-नेपाल सड़क परियोजना की चौड़ाई 60 फीट है, लेकिन यही चौड़ाई ईदगाह के पास 100 फीट कर दी जाती है, जो दोहरा मापदंड हैं तथा न्याय संगत नहीं हैं। हम जिलाधिकारी से मांग करते हैं कि "07 डिसमिल से ज्यादा जितनी भी ज़मीन ईदगाह की तोड़ी गई हैं, उसपर पुनः ईदगाह का निर्माण कराया जाए तथा 07 डिसमिल जमीन जिसका अधिग्रहण किया गया है, उसका ईदगाह कमेटी को मुआवजा दिया जाए।”

जब इस मामले के बारे में जानने के लिए SDM धनंजय कुमार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि "जो भी लोग बोल रहें हैं कि ईदगाह को तोड़ा गया है, वह गलत हैं। ऐसे ही अधिग्रहण नहीं होता हैं, उसके लिए नापी होती हैं, नोटिस होता है, उसके बाद विभाग के लोग चिह्नित करके तुड़वाते हैं।”

न्यूजक्लिक के लिए जब SDM से पूछा गया कि आपकी निगरानी में जब 20 फीट ज़मीन तोड़ी गई तो फ़िर बाद में पूरी ईदगाह कैसे तोड़ दी गई, तो उन्होंने कहा यह सब बात फोन पर नहीं बता सकते हैं, आप भू अर्जन कार्यालय जाकर पता करें। जिसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।

लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं

Bihar
bettiah
Idgah demolished
MLA Virendra Prasad Gupta

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License