नाम गुम जाएगा
चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही पहचान है
गर याद रहे
...
तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
...
सच, यह ख़बर लिखते-लिखते भी हमारी उंगलियां, की-बोर्ड और गला लता मंगेशकर को ही गुनगुना रहे हैं। उनकी गाए गीत गा रहे हैं।
सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक के ट्विटर हैंडल से साभार
लता मंगेशकर का रविवार को मुंबई स्थित एक अस्पताल में निधन हो गया। 92 वर्षीय गायिका कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और उन्हें बीमारी के मामूली लक्षण थे। उन्हें आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर प्रतीत समदानी और उनकी टीम उनका इलाज कर रही थी।
जनवरी में मंगेशकर की तबीयत में सुधार हुआ था और वेंटिलेटर हटा दिया गया था लेकिन शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। मंगेशकर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद रविवार को उनका निधन हो गया।
लता मंगेशकर के निधन से गीत-संगीत के एक युग का अंत हो गया। कई पीढ़ियां उनके गाए फ़िल्मी गीत सुनते-सुनते बड़ी हुई हैं। और आज उनके जाने से हर कोई दुखी है। हैरान है-परेशान है।
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
हैरान हूँ मैं,
हो हैरान हूँ मैं
आज अगर भर आई है
बूंदे बरस जाएंगी
...
लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा
लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार रविवार शाम पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी स्टेडियम में किया गया। मंत्रोच्चार के बीच उनके छोटे और इकलौते भाई ह्दयनाथ मंगेशकर ने उनके शरीर को मुखाग्नि दी। उनके अंतिम सम्मान में तीनों सेनाओं और पुलिस के जवानों ने सलामी दी।
इससे पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत तमाम दिग्गज राजनीतक नेताओं, फ़िल्मी हस्तियों व अन्य लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए।
लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न हस्तियों ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक प्रकट किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने पार्श्व गायिका के साथ एक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'लता जी का निधन मेरे लिए और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है। उनके गाए गीत भारत के सारतत्व और सुंदरता को प्रदर्शित करते हैं तथा पीढ़ियों ने इन्हें अपने अंतर्मन की अभिव्यक्ति के रूप में पाया है। भारत रत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय हैं।'
कोविंद ने उनसे मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि लता दीदी एक विलक्षण व्यक्तित्व थीं और उनके जैसे कलाकार सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह जब भी लता दीदी से मिले, उन्हें गर्मजोशी से भरा पाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी मंगेशकर के साथ एक तस्वीर साझा की और कहा कि महान गायिका के निधन से 'एक खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता।'
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता। भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी।’’
मोदी ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला। मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा। मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। ओम शांति।’’
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘ भारतीय सिनेमा की सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जी का निधन देश की और संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है।’’
नायडू ने कहा, ‘‘ लता जी के निधन से आज भारत ने अपना वह स्वर खो दिया है जिसने हर अवसर पर राष्ट्र की भावना को भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके गीतों में देश की आशा और अभिलाषा झलकती थी। उन्होंने कहा कि लता जी का मधुर स्वर दशकों तक देश में फिल्म संगीत की पहचान रहा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ देश की शान और संगीत जगत की सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सुरीली आवाज अमर है, जो उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी।
गांधी ने ट्वीट किया, 'लता मंगेशकर जी के निधन की दुखद खबर मिली। उनकी आवाज कई दशकों तक भारत में सबसे प्रिय रही।'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'उनकी सुरीली आवाज अमर है और उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्विटर पर मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारतीय कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
उन्होंने लिखा, 'भारतीय संगीत की बगिया में सुरों को चुन-चुनकर सजाने वाली सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के निधन का दुखद समाचार मिला। उनके निधन से भारतीय कला जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर लता जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और इस दुःख की घड़ी में परिजनों को कष्ट सहने का साहस प्रदान करें।'
प्रियंका ने अपनी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मंगेशकर की एक तस्वीर भी साझा की।
वाम दल सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया-
“हमारी आजादी के बाद से भारतीयों की कई पीढ़ियों की आशाओं, सपनों और आकांक्षाओं को जीवन देने वाली लोकप्रिय आवाज नहीं रही।
यह सिर्फ फिल्म उद्योग का नुकसान नहीं है। यह सभी भारतीयों के लिए व्यक्तिगत क्षति है”।
सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए लिखा-
“उनकी मधुर आवाज़ और सुखदायक, भावपूर्ण गीतों को सुनकर पीढ़ियों ने शांति महसूस की, और महसूस करती रहेंगी।
वह वास्तव में दुनिया में भारत की संगीत दूत थीं”।
फिल्म जगत की श्रद्धांजलि
फिल्म जगत से अभिनेता अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री शबाना आज़मी, अभिनेता अक्षय कुमार, अजय देवगन और फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने गायिका को श्रद्धांजलि दी।
बच्चन ने कहा, ‘‘वह हमें छोड़कर चली गईं...सदियों की सबसे बेहतरीन आवाज खामोश हो गई...।’’
वहीं, शबाना आजमी ने कहा, ‘‘उनकी आवाज ने हमारे जीवन को रोशन कर दिया, जब हम उदास होते हैं तो हमें उससे सांत्वना मिलती है, जब हम कमजोर होते हैं तो ताकत मिलती है।’’
अक्षय कुमार ने ट्वीट किया, 'मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे... और ऐसी आवाज को कोई कैसे भूल सकता है। लता मंगेशकर जी के निधन से गहरा दुख हुआ, मेरी संवेदना और प्रार्थनाएं।'
देवगन ने लिखा, 'एक महान हस्ती। मैं हमेशा उनके गीतों की विरासत को संजोकर रखूंगा। हम कितने भाग्यशाली हैं कि हम लता जी के गाने सुनकर बड़े हुए। ओम शांति। मंगेशकर परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।'
मेहता ने कहा कि भारतीय कोकिला की संगति में 'स्वर्ग भी धन्य हो गया है।'
उन्होंने ट्वीट किया, 'कोकिला चली गई है। स्वर्ग धन्य हो गया है। लता जी जैसा कोई दूजा नहीं होगा। ओम शांति।'
क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा, 'महानतम भारतीयों में से एक शख्सियत ने आज हमें अलविदा कह दिया।'
बायोकॉन की अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने भी ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने ट्वीट किया, 'उनके निधन से हमारे जीवन में खामोशी सी पैदा हो गई है। ओम शांति।'
स्वर सम्राज्ञी के रूप से जानी जाने वाली लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। उन्होंने 1942 में एक गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और सात दशकों से अधिक समय तक हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 36 भारतीय भाषाओं में लगभग 25,000 गीत गाए।
उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’, ‘लग जा गले’, ‘मोहे पनघट पे’, ‘चलते चलते’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘अजीब दास्तां है’, ‘होठों में ऐसी बात’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘पानी पानी रे’ जैसे कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज देकर यादगार बना दिया।
भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर को कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई अन्य भारतीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 2001 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न भी मिला था।
शब्दों में नहीं समा सकतीं लता : गुलजार
लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रसिद्ध गीतकार गुलजार ने कहा कि वह एक चमत्कार हैं, जिन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।
गुलजार और लता दीदी ने पहली बार 1963 में आयी फिल्म ‘बंदिनी’ के गीत ‘मोरा गोरा रंग लेइले’ में पहली बार काम किया था और दोनों ने अंतिम बार 2021 ‘ठीक नहीं लगता’ में काम किया था। इस गीत को 26 साल पहले एक फिल्म के लिए रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन वह कभी रिलीज नहीं हुई।
पीटीआई/भाषा के साथ साक्षात्कार में अनुभवी गीतकार ने कहा, ‘‘लताजी अपने-आप में करिश्मा हैं और यह करिश्मा हमेशा नहीं होता है और आज यह करिश्मा मुक्कमल हो गया। वह चली गईं। वह चमत्कारिक गायिका थीं, जिनकी आवाज में चमत्कार था। उनके लिए विशेषण खोजना कठिन है। हम उनके बारे में चाहे कितनी भी बातें कर लें, वह कम होगा। उन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।’’
गुलजार और लता ने ‘खामोशी’, ‘किनारा’, ‘लेकिन’, ‘रूदाली’, ‘मासूम’, ’लिबास’, ‘दिल से...’, ‘सत्या’, ‘हु तू तू’ और ‘माचिस’ सहित तमाम फिल्मों में साथ काम किया।
गुलजार निर्देशित फिल्म ‘किनारा’ का गीत ‘नाम गुम जाएगा’ आज मंगेशकर के ब्रह्मलीन होने को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहा है। गुलजार ने कहा कि उनके बारे में बात करते हुए यह गीत बिल्कुल ‘उचित’ है।
उन्होंने याद किया, ‘‘हमने एक फिल्म के लिए गीत लिखा था। मुझे याद है, मैंने उनसे कहा था कि जब आप ऑटोग्राफ देंगी तो इसका इस्तेमाल (गीत की लाइनों का) कर सकती हैं। ‘मेरी आवाज ही मेरी पहचान है, अगर याद रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा नहीं था कि ऐसा होगा (यह उनकी पहचान बन जाएगा), लेकिन यह उनकी पहचान बन गया और उनकी पहचान इसी से होने लगी।’’
गुलजार का कहना है कि जिस दिन यह गीत रिकॉर्ड हुआ था, उन्हें वह दिन और लता के साथ हुई बातचीत अच्छी तरह याद है।
लता मंगेशकर की आवाज़ का जादू हमेशा बरकरार रहेगा: पाकिस्तानी मंत्री
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने रविवार को महान गायिका लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया है और उनकी आवाज का जादू हमेशा बरकरार रहेगा।
मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर और उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि 92 वर्षीय गायिका के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण रविवार सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चीन के दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल चौधरी ने बीजिंग से उर्दू में शोक संदेश ट्वीट किया, 'लता मंगेशकर के निधन से संगीत के एक युग का अंत हो गया। लता ने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया और उनकी आवाज का जादू हमेशा बरकार रहेगा।'
उन्होंने कहा, 'जहां भी उर्दू बोली और समझी जाती है, वहां लता मंगेशकर को अलविदा कहने वालों का हुजूम है।'
मंगेशकर के निधन की खबर ट्विटर पर ट्रेंड कर रही है और लगभग सभी टीवी चैनलों पर उनके निधन की खबर के साथ-साथ उनके सदाबहार गीत प्रसारित किये जा रहे हैं।
पाकिस्तान के सरकारी टीवी पर भी मंगेशकर के निधन की खबर प्रसारित हुई, जो सीमा के इस ओर उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।
मेरी गायकी किसी तरह का चमत्कार नहीं : लता
नयी दिल्ली: लता मंगेशकर ने एक समय कहा था कि उनकी गायिकी किसी तरह का चमत्कार या कोई असाधारण चीज नहीं है और जो कुछ है वह ईश्वर की इच्छा है क्योंकि कई ने उनसे बेहतर गाया, लेकिन उन लोगों को वह सब कुछ नहीं मिला ‘जो मुझे मिला’।
उनका यह भी मानना था कि किसी को सफलता को सिर पर चढ़ कर नहीं बोलने देना चाहिए।
लता ने कहा था, ‘‘मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूं कि मेरी सफलता ने मुझ पर नुकसानदेह प्रभाव नहीं डाला।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘यदि मुझे कुदरत का तोहफा मिला है तो यह ईश्वर का ही आशीर्वाद है। किसने सोचा था कि मैं इतनी मशहूर हो जाउंगी। ठीक है, मैं गा सकती हूं लेकिन मेरी गायिकी किसी तरह का चमत्कार नहीं है। मेरी गायिकी कोई असाधारण चीज नहीं है। कई लोगों ने मुझसे बेहतर गाया था लेकिन शायद उन्हें वह सब कुछ नहीं मिला जो मुझे मिला। ’’
यह टिप्पणी ‘लता मंगेशकर...इन हर आउन वॉयस’ पुस्तक में की गई है जिसे टीवी कार्यक्रम निर्माता एवं लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर ने लिखी है और जिसे 2009 में नियोगी बुक्स ने प्रकाशित किया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)