NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
'मैं उन हज़ारों में शामिल हो गया हूँ, जिनका उनकी सोच की वजह से शोषण होता है'
सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा का कहना है कि यूएपीए ऐसा भयानक क़ानून बन गया है, जो कार्यवाही या उसके नतीजे का इंतज़ार किए बग़ैर सज़ा दे सकता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Mar 2020
गौतम नवलखा
Image Courtesy: YouTube

सुप्रीम कोर्ट में गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े कि अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के कुछ ही देर बाद सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने कहा कि उनके ऊपर "सबसे अधिक दबाव" ख़ुद को निर्दोष साबित करने का है।

पुणे की पुलिस ने भीमा-कोरेगांव गांव में एक जनवरी, 2018 को हुई हिंसा की घटना के बाद गौतम नवलखा, आनंद तेलतुंबड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ माओवादियों से कथित संपर्क रखने के आरोप में मामला दर्ज किया था। 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गौतम और आनंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के साथ दोनों को तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दोनों को अपने पासपोर्ट तत्काल जमा कराने का भी निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने छह मार्च को इन दोनों को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम संरक्षण की अवधि 16 मार्च तक के लिये बढ़ा दी थी।

हम आपके बीच साझा कर रहे हैं गौतम नवलखा का पूरा बयान:

मैं शुक्रगुज़ार हूँ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा और एमआर शाह का जिन्होंने मुझे एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए 3 हफ़्ते का वक़्त दिया है। मैं उच्च वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल का भी शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने हमारा पक्ष रखा। इसके साथ ही मेरे क़रीबी दोस्तों-वकीलों का भी शुक्रिया जिन्होंने अपना क़ीमती वक़्त मेरा पक्ष रखने में लगाया।

अब जबकि मुझे 3 हफ़्ते के अंदर आत्मसमर्पण करना है, मैं ख़ुद से सवाल कर रहा हूँ: क्या मैं ऐसी उम्मीद करने की हिम्मत भी कर सकता हूँ कि मैं मुलज़िम होने के बोझ से आज़ाद हो पाऊँगा, या ये कार्यवाही भी एक साज़िश बन कर रह जाएगी और लंबित पड़े तमाम ऐसे मामलों में शामिल हो जाएगी? क्या सह-मुलज़िम और उनके जैसे और लोगों को अपनी आज़ादी वापस मिल सकेगी? ये सवाल इसलिए कौंधते हैं क्योंकि हम ऐसी वक़्त में जी रहे हैं जहाँ सामाजिक अधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है, और जहाँ सिर्फ़ एक नरेटिव काम कर रहा है, जिसे सार्वजनिक ज़िंदगी के भद्देपन की शह मिली हुई है।

यह क़ानून -- यूएपीए-- इस भयानक क़ानून के पास यह अधिकार है कि यह किसी संगठन और उसकी विचारधारा पर प्रतिबंध लगा सकता है। लिहाज़ा, सबसे ग़ैर-हानिकारक और जायज़ बातचीत भी सरकार की नज़र में ग़ैर-क़ानूनी बन जाती है। यूएपीए ऐसा भयानक क़ानून बन गया है, जो कार्यवाही या उसके नतीजे का इंतज़ार किए बग़ैर सज़ा दे सकता है।

इसलिए मैं जानता हूँ कि मैं उन हज़ारों में शामिल हो गया हूँ, जिनका उनकी सोच की वजह से शोषण होता है।

मेरे हिसाब से 'टेस्ट क्रिकेट', क्रिकेट का सबसे अच्छा फ़ॉर्म है। जहाँ सहन-शक्ति, धैर्य, फ़ेयर प्ले, साहस और खुलने (redemption) से खेल की शोभा बढ़ती है। यही वो गुण हैं, जिनकी उम्मीद मैं ज़िंदगी के इस 'टेस्ट मैच' में ख़ुद से करता हूँ। मेरे ऊपर सबसे ज़्यादा दबाव ख़ुद को निर्दोष साबित करने का है।

मेरे दोस्तों, साथियों और परिवार का शुक्रिया, जो इस दौरान मेरे साथ खड़े रहे। मैं आप सब का क़र्ज़दार हूँ।

लियोनार्ड कोहेन की आवाज़ में गाना 'Anthem' सुनिएगा।

Ring the Bell,

Which still can ring

Forget your perfect

Offering

There is a crack,

A crack in everything

That’s how light gets in
.

गौतम नवलखा

16 मार्च,2020

नई दिल्ली

नोट : गौतम नवलखा अंग्रेजी में लिखा मूल बयान आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

‘I’m Joining Ranks of Thousands Who Are Made to Suffer for Their Convictions’

gautam navlakha
Bhima Koregaon
Bhima Koregaon Case
Bhima Koregaon Arrests of Activists
Modi government
NIA
Indian Supreme Court

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License