NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रिपोर्ट: जेल में बंद भीमा कोरेगांव के आरोपियों के ख़िलाफ़ मालवेयर के ज़रिए सबूतों को प्लांट किया गया !
अमेरिकी फर्म की इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद, रोना विल्सन के वकील सुदीप पासबोला ने बुधवार को अपने मुवक्किल के 
ख़िलाफ़ मुकदमे को खारिज करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की  है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Feb 2021
भीमा कोरेगांव

भीमा कोरेगावं मामले में नया खुलास हुआ है , जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सामाजिक कार्यकर्ताओ को फ़साने की साज़िश हुई है।  एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका स्थित  एक डिजिटल फोरेंसिक फर्म ने पाया है कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच कर रही पुलिस द्वारा एक्टिविस्ट रोना विल्सन के एक लैपटॉप में मालवेयर का इस्तेमाल करते हुए "भड़काऊ" सबूत डाले गए थे। विल्सन उन 15 कार्यकर्ताओं, वकीलों और शिक्षाविदों के एक समूह में शामिल हैं, जिन्हें 1 जनवरी, 2018 को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र में जेल में कैद किया गया है। इन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप है।

स्क्रॉल-इन के रिपोर्ट के मुतबिक "आर्सेनल कंसल्टिंग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए,  वाशिंगटन पोस्ट  ने  है कि अमेरिकी फोरेंसिक फर्म ने पाया कि एक हमलावर(हैकर) ने एक्टिविस्ट रोना विल्सन की गिरफ्तारी से पहले उनके लैपटॉप में घुसपैठ करने के लिए मालवेयर का इस्तेमाल किया था और अपने कंप्यूटर से कम से कम 10 इंक्रिमिनेटिंग लेटर (फँसाने वाले दस्तावेज़)  विल्सन के लैपटॉप में डाले।"  

ये वह पत्र  हैं जो पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव मामले में दायर आरोपपत्र में अपने प्राथमिक साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किए थे।

संयोग से,  पहले इसकी जांच पुणे पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हार गई तो पिछले साल जनवरी में इस मामले को केंद्रीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया।  बीजेपी केंद्र सरकार पर शासन कर रही है और एनआईए गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है, जिसके मुखिया अमित शाह हैं।

“रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि इन 10 पत्रों में एक पत्र वो भी था ,जिस के आधार पर पुलिस ने दावा किया था कि विल्सन ने एक माओवादी आतंकी को पत्र लिखा था, जिसे एक बड़ी माओवादी साजिश के रूप में देखा जा रहा था। और यहां तक कि इस पत्र में वे  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए प्रतिबंधित समूह से  बंदूक और गोला-बारूद जुटाने की आवश्यकता पर चर्चा कर रहे थे। रिपोर्ट में पाया गया कि पत्र विल्सन के लैपटॉप  में हिडन फ़ोल्डरद्वारा प्लांट किया गया था। 

एएनआई की रिपोर्ट  के अनुसार, वाशिंगटन पोस्ट द्वारा अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के  बाद,   विल्सन के वकील सुदीप पासबोला ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की  है।

 एएनआई ने कहा पसबोला ने मैसाचुसेट्स(Massachusetts) स्थित फॉरेंसिक फर्म आर्सेनल डिजिटल की रिपोर्ट को संलग्न किया है, जिससे उनके मुवकिल के लैपटॉप की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी की जांच करने के लिए संपर्क किया गया था।

हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट ने हैकर की पहचान नहीं हुई  लेकिन यह बात जरूर साफ की है कि विल्सन इस साज़िश का एकमात्र शिकार नहीं है।

यह रिपोर्ट जांच की "निष्पक्षता" पर गंभीर सवाल उठाते हुए अमेरिकी फोरेंसिक रिपोर्ट ने यह भी उल्लेख किया है कि विल्सन के लैपटॉप से 22 महीने समझौता किया गया था। आगे रिपोर्ट बताती है कि हैकर्स का प्राथमिक लक्ष्य निगरानी और अपराध संकेती दस्तावेज़ को प्लांट करना  था।

इसमें यह भी सामने आया है सह आरोपी वर वरा राव के खातों का इस्तेमाल भी किया गया है।

 रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 80 वर्षीय कवि-ऐक्टिविस्ट और सह आरोपी वर वरा राव के खातों से एक संदिग्ध ईमेल की सीरीज के बाद से ही 2016 में विल्सन के लैपटॉप से छेड़छाड़ की गई।

रिपोर्ट बताती  है कि बातचीत के दौरान, राव के खाते का उपयोग करने वाले व्यक्ति ने विल्सन के लैपटॉप पर एक विशेष दस्तावेज़ खुलवाने का प्रयास किया , जो कि एक नागरिक स्वतंत्रता समूह के एक बयान का डाउनलोड करने का लिंक था। 

जब विल्सन ने अनुपालन किया तो लिंक ने नेटवायर, जो कि एक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध मालवेयर है, उसे उनके लैपटॉप पर प्लांट कर दिया, जिसने हैकर को विल्सन के लैपटॉप का एक्सेस दे दिया।

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार ,  आर्सेनल ने मालवेयर लॉगिंग और  विल्सन की कीस्ट्रोक्स, पासवर्ड और ब्राउज़िंग गतिविधि के रिकॉर्ड भी खोज निकाले, और फ़ाइल सिस्टम जानकारी भी बरामद की जिससे पता चल रहा है कि किस तरह हमलावर ने विल्सन के लैपटॉप में  एक छिपे हुए फ़ोल्डर में कम से कम 10 आरोप संकेती पत्र प्लांट किए।

फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये पत्र माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के नए संस्करण का उपयोग करते हुए बनाए गए थे, जो विल्सन के कंप्यूटर पर मौजूद नहीं थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भी कोई सबूत नहीं मिला कि दस्तावेज या छिपे हुए फ़ोल्डर कभी खोले भी गए थे।

भीमा कोरेगांव रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, आर्सेनल के अध्यक्ष, मार्क स्पेंसर ने ट्वीट किया: “मेरी टीम ने भीमा कोरेगांव मामले में हमें प्रदान किए गए इलेक्ट्रॉनिक डेटा पर लगातार काम किया है, और मेरा मानना है कि भविष्य में डिजिटल फोरेंसिक्स के  अभ्यास के लिए हमने इसके लिए एक हाई लेवल बार सेट किया है। 

द वायर की एक रिपोर्ट के  अनुसार,  स्पेंसर ने कहा कि उन्हें 31 जुलाई, 2020 को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच करने के लिए विल्सन के वकील की टीम ने संपर्क किया था।

 रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया कि "विल्सन के लैपटॉप से समझौता करने के लिए जिम्मेदार हमलावर के पास व्यापक संसाधन थे और यह स्पष्ट है कि उनके प्राथमिक लक्ष्य निगरानी और  आरोपी संकेती दवातवेज को प्लांट करना था।"

सरकारी सूत्रों ने हालांकि, वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि सबूत "प्लांट" किए गए थे।

एनआईए के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि आर्सेनल कंसल्टिंग की रिपोर्ट "जांच और एकत्र किए गए सबूतों को कलंकित करने का प्रयास" है। उन्होंने कहा कि पुणे एफएसएल रिपोर्ट में यह सुझाव देने के लिए कुछ भी नहीं था कि सबूत प्लांट किए गए है  या आरोपी रोना विल्सन की लैपटॉप से "समझौता" किया गया है।

भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए के अनुसार, 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच द्वारा आयोजित एल्गर परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान आरोपियों ने भड़काऊ भाषण दिए। 

गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं में जेल में बंद और जमानत से वंचित वकील सुधा भारद्वाज, कवि-कार्यकर्ता वरवारा राव, सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, अरुण परेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस, हनी बाबू, स्टेन स्वामी,  गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े  शामिल हैं।

सरकार के अनुसार वर्ष 2016-2019 के दौरान यूएपीए के तहत 5,922 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

यह सरकार लगातार सामाजिक कार्यकर्ताओं और अपने विरोधियों को डाला जेल भेज रही है।  केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि वर्ष 2016 से 2019 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में विधिविरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 5,922 है।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की कुल संख्या 1,948 है।

उन्होंने कहा कि यूएपीए के तहत 2016 से 2019 के दौरान गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की कुल संख्या 5,922 है जबकि इस अवधि में 132 व्यक्तियों को बरी कर दिया गया है।

Bhima Koregaon Case
elgar parishad
Pune Police
US Forensic Report
Rona Wilson
Malware
Planted Evidence
Arsenal Consuting
NIA

Related Stories

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

भड़काऊ बयान देने का मामला : पुणे पुलिस ने कालीचरण को हिरासत में लिया

मैंने बम नहीं बाँटा था : वरवरा राव

एल्गार परिषद मामला : कोर्ट ने कहा वरवरा राव को 18 नवंबर तक सरेंडर करने की ज़रूरत नहीं

'नये भारत' को नफ़रती भीड़तंत्र क्यों बना रहे हैं, मोदी जी!

एल्गार परिषद: नवलखा को तलोजा जेल के 'अंडा सेल' में भेजा गया, सहबा हुसैन बोलीं- बिगड़ गई है तबीयत

भीमा कोरेगांव मामलें में आरोपी रोना विल्सन के पिता की मौत

पेगाससगेट : हम सभी फ़िलीस्तीनियों की तरह स्वतंत्र इच्छा से वंचित हो सकते हैं

इज़राइल स्थित एनएसओ ग्रुप के मालवेयर ने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं को बनाया निशाना

स्टेन स्वामी: जब उन्होंने फादर ऑफ द नेशन को नहीं छोड़ा तो ‘फादर’ को क्या छोड़ते


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    ‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं
    26 May 2022
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के दौरे पर हैं, यहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज
    26 May 2022
    दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 
  • भरत डोगरा
    भारत को राजमार्ग विस्तार की मानवीय और पारिस्थितिक लागतों का हिसाब लगाना चाहिए
    26 May 2022
    राजमार्ग इलाक़ों को जोड़ते हैं और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाते हैं, लेकिन जिस अंधाधुंध तरीके से यह निर्माण कार्य चल रहा है, वह मानवीय, पर्यावरणीय और सामाजिक लागत के हिसाब से इतना ख़तरनाक़ है कि इसे…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा
    26 May 2022
    केरल में दो महीने बाद कोरोना के 700 से ज़्यादा 747 मामले दर्ज़ किए गए हैं,वहीं महाराष्ट्र में भी करीब ढ़ाई महीने बाद कोरोना के 400 से ज़्यादा 470 मामले दर्ज़ किए गए हैं। 
  • लाल बहादुर सिंह
    जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है
    26 May 2022
    जब तक जनता के रोजी-रोटी-स्वास्थ्य-शिक्षा के एजेंडे के साथ एक नई जनपक्षीय अर्थनीति, साम्राज्यवादी वित्तीय पूँजी  से आज़ाद प्रगतिशील आर्थिक राष्ट्रवाद तथा संवैधानिक अधिकारों व सुसंगत सामाजिक न्याय की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License