NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कोरेगांव-भीमा मामला: नवलखा की याचिका की सुनवाई से अलग हुए न्यायमूर्ति भट्ट
इससे पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति बीआर गवई ने भी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। अब तक कुल पांच जजों ने सुनवाई से खुद को अलग किया है।
भाषा
03 Oct 2019
supreme court

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के एक और न्यायाधीश रवीन्द्र भट्ट ने गुरुवार को कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद का अलग कर लिया। गौतम नवलखा ने इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार करने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दे रखी है।

इससे पहले, 30 सितंबर को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और इसके बाद एक अक्टूबर को न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति बी आर गवई ने नवलखा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। अब तक कुल पांच जजों ने सुनवाई से खुद को अलग किया है।

नवलखा की याचिका बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आयी। यह मामला पेश होते ही न्यायमूर्ति भट्ट ने इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

पीठ को जब नवलखा के वकील ने यह सूचित किया कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दिये गये तीन सप्ताह के संरक्षण की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो रही है तो पीठ ने कहा कि इस मामले में शुक्रवार को नयी पीठ विचार करेगी।

इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर रखी है ताकि उसका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जाये।

उच्च न्यायालय ने 2017 के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में जनवरी, 2018 में गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से 13 सितंबर को इंकार कर दिया था।
 
इस मामले में नवलखा के साथ ही वरवरा राव, अरुण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी आरोपी हैं।

पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एलगार परिषद के बाद एक दिसंबर को कोरेगांव-भीमा में हुई कथित हिंसा के मामले में जनवरी, 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी।

Koregaon-Bhima case
gautam navlakha
Justice Ranjan Gogoi
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: गर्मी व सूखे से मचेगा हाहाकार
    29 Apr 2022
    जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के कई इलाके इस समय भीषण सूखे की चपेट में हैं। सूखे के कारण लोगों के पलायन में 200 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है।
  • भाषा
    दिल्ली दंगा : अदालत ने ख़ालिद की ज़मानत पर सुनवाई टाली, इमाम की याचिका पर पुलिस का रुख़ पूछा
    29 Apr 2022
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के कानून की संवैधानिक वैधता पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष आगामी सुनवाई के मद्देनजर सुनवाई टाल दी और इसी मामले में शरजील इमाम की जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस का रुख पूछा।
  • विजय विनीत
    इफ़्तार को मुद्दा बनाने वाले बीएचयू को क्यों बनाना चाहते हैं सांप्रदायिकता की फैक्ट्री?
    29 Apr 2022
    "बवाल उस समय नहीं मचा जब बीएचयू के कुलपति ने परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन और अनुष्ठान किया। उस समय उन पर हिन्दूवाद के आरोप चस्पा नहीं हुए। आज वो सामाजिक समरसता के लिए आयोजित इफ़्तार…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    उत्तर प्रदेश: बुद्धिजीवियों का आरोप राज्य में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का फ़ैसला मुसलमानों पर हमला है
    29 Apr 2022
    राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा धार्मिक उत्सवों का राजनीतिकरण देश के सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर देगा।
  • कुमुदिनी पति
    नई शिक्षा नीति से सधेगा काॅरपोरेट हित
    29 Apr 2022
    दरअसल शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह से सरकार द्वारा बिना संसद में बहस कराए ताबड़तोड़ काॅरपोरेटाइज़ेशन और निजीकरण किया जा रहा है, उससे पूरे शैक्षणिक जगत में असंतोष व्याप्त है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License