NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
बाइडेन प्रशासन फ़िलिस्तीनियों के साथ संबंधों को बहाल करते हुए उन्हें वित्तीय सहायता देगा
हालांकि मौजूदा अमेरिकी सरकार अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरुशेलम स्थानांतरित करने के पिछले ट्रम्प प्रशासन के फैसले को नहीं पलटेगा।
पीपल्स डिस्पैच
27 Jan 2021
बाइडेन प्रशासन

पूर्ववर्ती ट्रम्प प्रशासन के कामकाज के उलट राष्ट्रपति जो बाइडेन के अधीन नई अमेरिकी सरकार ने मंगलवार 26 जनवरी को कहा कि वह यूनाइटेड स्टेट्स में फिलिस्तीनी राजनयिक मिशन को फिर से बहाल कर और फिलिस्तीन को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता व मानवीय सहायता को फिर से शुरु कर फिलिस्तीनी सरकार और वहां के लोगों के साथ अपने टूटे हुए संबंधों को बहाल करने के लिए कदम उठाएंगे।

रिपोर्टों में संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत रिचर्ड मिल्स के हवाले से लिखा गया है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि बाइडेन प्रशासन को पिछली सरकार के दौरान अमेरिका और फिलिस्तीन के बीच टूटे हुए और समाप्त किए गए रिश्तों को लेकर अफसोस है और यह संबंधों को बहाल करने के लिए कार्रवाई शुरू कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ अपने सच्चे और पक्के सहयोगी के रूप में खड़ा रहेगा।

रिपोर्ट के अनुसार नई सरकार ट्रम्प प्रशासन की सार्वभौमिक रूप से खारिज की गई 'डील ऑफ द सेंचुरी' के विपरीत 'टू-स्टेट सॉल्यूशन' के लिए अमेरिकी समर्थन को बहाल रखेगा। डील ऑफ दे सेंचुरी की मानवाधिकार समूहों द्वारा एकतरफा, इजरायल के प्रति भारी झुकाव वाला और इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के रंगभेद और कब्जे को कानूनी रूप से मान्यता देते और आधिकारिक रूप से मान्यता देते हुए निंदा की गई थी।

हालांकि, नव नियुक्त सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंथनी ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरिकी सरकार येरूशेलम से तेल अवीव अमेरिकी दूतावास को वापस नहीं ले जाएगी। ये एक विवादास्पद और व्यापक रुप से निंदा किए गया निर्णय जिसे साल 2017 में राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लिया गया था जो अंतरराष्ट्रीय सहमति के खिलाफ था साथ ही साथ अमेरिकी नीति और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन था।

बाइडेन प्रशासन ने अब तक अन्य एकतरफा निर्णयों पर कुछ नहीं किया है जो कि ट्रम्प प्रशासन ने अपने कार्यकाल में लिया था। इन निर्णयों में सीरियाई गोलान हाइट्स पर इजरायल की संप्रभुता को मान्यता देना, येरुशेलम को "अपरिवर्तनशील और अविभाजित राजधानी" के रूप में इजरायल के दावों को मान्यता देना, कब्जे वाले फिलिस्तीनी भूमि पर अवैध यहूदी बस्तियों के लिए अमेरिका के समर्थन और अमेरिका में बीडीएस आंदोलन जैसे निर्णय शामिल हैं।

Biden administration
Palestine
america on palestine
usa and palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

रूस के लिए गेम चेंजर है चीन का समर्थन 

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

इज़राइल, फ़लस्तीन के बीच नए सिरे से हिंसा भड़कने की आशंका : संयुक्त राष्ट्र दूत

फ़िलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी लोय अल-अश्क़र ने रिहाई पर हुए समझौते के बाद भूख हड़ताल ख़त्म की


बाकी खबरें

  • राजेंद्र शर्मा
    सुंदरता का पता नहीं, लेकिन अच्छे दिन देखने वाले की आंखों में बसते हैं
    13 Mar 2022
    छप्पन इंच जी के प्रताप से, इतनी मिसाइलें जमा हो चुकी हैं कि दीवाली के रॉकेटों वाला हाल है। दो-चार इधर-उधर टहल भी जाएं तो खास फर्क नहीं पड़ता है। पड़ोसी के घर में जा भी पड़ी तो क्या? वोट पड़ चुके होंगे…
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस से लेकर पंजाब के नए राजनीतिक युग तक
    13 Mar 2022
    हर हफ़्ते की महत्वपूर्ण ख़बरों और उनके पीछे की मंशाओं को समझाने के लिए “ख़बरों के आगे पीछे” लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन
  • vidhansabha
    रवि शंकर दुबे
    यूपी चुनाव नतीजे: कई सीटों पर 500 वोटों से भी कम रहा जीत-हार का अंतर
    13 Mar 2022
    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधनों के बीच बेहद कांटे का मुकाबला रहा। 53 सीटें ऐसी रहीं जहां हार-जीत का अंतर 200 से लेकर 5000…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: चुनाव सेवक का अश्वमेध यज्ञ
    13 Mar 2022
    बीजेपी सरकार चलाने में जितनी मेहनत करती है उससे अधिक मेहनत सरकार बनाने में करती है। सरकार जब एक बार बन जाए तो चल तो रामभरोसे जाती ही है।
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'जीते हुए लश्कर के सिपाही, ऐसे कैसे हो जाते हैं?'
    13 Mar 2022
    बमबारी, हमले और जंग के शोर के बीच इतवार की कविता में पढ़िये स्वप्निल तिवारी की लिखी नज़्म 'शेल-शॉक्ड'...
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License