NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार : विधायकों से पूछे बिना मुख्यमंत्री ने निकाले उनके मद से दो करोड़ रुपए, माले विधायकों ने जताया  विरोध
विपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर विधायक निधि को उनके क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं में खर्च किये जाने से रोके जाने का कड़ा विरोध जताया।
अनिल अंशुमन
24 May 2021
बिहार : विधयाकों से पूछे बिना मुख्यमंत्री ने निकाले उनके मद से दो करोड़ रुपए, माले विधायकों ने जताया  विरोध

बिहार विधान सभा के बजट सत्र 2021 के दौरान प्रस्तावित नए पुलिस बिल को जबरन पास कराये जाने का तीखा विरोध कर रहे सभी विपक्षी विधायकों को स्पीकर के जरिये बाहर से पुलिस बुलवाकर पिटवाये जाने के आरोप का सामना कर रहे मुख्यमंत्री एक बार फिर से विपक्ष के विधायकों के विरोध के निशाने पर आ गए हैं।

चंद दिनों पूर्व ही उनके द्वारा विधायक मद से दो-दो करोड़ रुपये की राशि जबरन निकाल लिए जाने और विधायकों को अपनी निधि क्षेत्र की स्वास्थय सुविधाओं में खर्च किये जाने से रोके जाने पर विपक्ष के सभी विधयक काफी आक्रोशित हैं। पिछले साल भी कोरोना से निपटने के नाम पर मुख्यमंत्री ने बिना उनकी अनुशंसा व अनुमति के 50-50  लाख रुपये निकाल लिए थे और बार बार हिसाब मांगे जाने के बावजूद मुख्यमंत्री आज तक कोई लेखा जोखा नहीं प्रस्तुत कर सके हैं।

इस बार फिर से मुख्यमंत्री द्वारा बिना विधायकों से कोई राय शुमारी के उनके मद से दो-दो करोड़ रूपये निकाले जाने के खिलाफ भाकपा माले के सभी 12 विधायकों ने 21 मई को राज्यव्यापी अनशन और भूख हड़ताल कर विरोध प्रदर्शित किया।

विधायक राशि के मनमाना अधिग्रहण और अपारदर्शी इस्तेमाल के खिलाफ प्रतिवाद कार्यक्रम के  माध्यम से उक्त विधायकों ने कोरोना आपदा के भयावह संकट की स्थिति में भी भाजपा–जदयू पर ओछी राजनीति कर विपक्ष के विधायकों की भूमिका सीमित करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि बिहार में महामारी संक्रमण के शुरुआत के समय से ही प्रदेश की लचर स्वास्थय व्यवस्था को फ़ौरन दुरुस्त करने की बार-बार मांग उठाने और अत्यावश्यक सुझाव देने के बावजूद सरकार लापरवाह बनी रही। अब झूठी सक्रियता दिखाकर मुख्यमंत्री ने माननीय विधायकों / पार्षदों से बिना किसी बातचीत के बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से वित्तीय वर्ष 2020 – 21 के विकास मद से दो-दो करोड़ की राशि जबरन अधिग्रहित करने की मनमानी कर रहें हैं। आन्दोलनकारी माले विधायकों ने यह मांग भी उठाई है कि इस राशि का कम से कम 50 % हिस्से को सभी जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों में जनता की स्वास्थय सेवाओं को उन्नत करने में खर्च किया जाय तथा उक्त राशि आवंटन की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनायी जाय। इसके लिए सभी विधायकों / पार्षदों की सहमती व उनके सुझावों को प्राथमिक महत्व दिया जाय। 

विधायक प्रतिवाद अभियान का नेतृत्व करते हुए माले विधायक दल नेता व बलरामपुर विधायक महबूब आलम ने बारसोई में अनशन पर बैठकर मीडिया से जारी बयान में कहा है कि आज पूरे देश और बिहार की जनता ने खुली आँखों से देख लिया कि किस तरह से केंद्र व राज्यों में सत्ताशीन भाजपा – जदयू सरकारें कोरोना महामारी से मुकाबले में पूरी तरह से फेल साबित हुई हैं। संक्रमण के दूसरी लहर ने गांवों को भी भयावह चपेट में ले लिया है। गंगा से लेकर गावों में लाशों की कतारें इन सरकारों के मानवहंता और जनविरोधी चरित्र को हर दिन उजागर कर रही हैं। सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण पूर्व से ही लचर स्वास्थय व्यवस्था महामारी संक्रमण के आगे पूरी तरह से ध्वस्त साबित होकर एक एक साँस के लिए जनता को तड़पा-तड़पा कर मार रही है। फिर भी पूरी बेशर्मी से हर दिन झूठा रिकवरी रेट प्रचारित कर समय पर जाँच व समुचित इलाज़ के अभाव में मर रहे लोगों के सही आंकड़े छुपाने का घिनौना खेल जारी  है। कितना दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसे संगीन हालात में भी लोगों की जान बचाने की फ़िक्र छोड़ कर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद विधायक मद की जिस राशि को  क्षेत्र की जनता के स्वास्थय मामलों के समाधान में खर्च होना था, कोरोना के नाम पर उसे हड़पने में लिप्त हैं। 

राजधानी  पटना स्थित माले विधायक दल मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठे खेत मजदूर नेता व फुलवारी शरीफ विधायक गोपाल रविदास व पालीगंज युवा विधायक संदीप सौरभ ने मीडिया से कहा कि हमारी आपत्ति इस बात से नहीं है कि मुख्यमंत्री और भाजपा जदयू सरकार ने विधायक मद के दो-दो करोड़ रुपये  जबरन ले लिया है,  बल्कि आपत्ति इस बात पर है कि इसके लिए किसी भी विधायक से कोई राय शुमारी नहीं की गयी। पिछली बार भी ऐसे ही बिना कुछ पूछे 50-50 लाख रुपये की जबरन निकासी कर ली गयी थी। लेकिन हम लोगों के बार-बार मांग उठाये जाने के बावजूद आज तक उसका कोई हिसाब नहीं दिया गया है। हम लोगों ने कोरोना महामरी से जूझ रही अपने क्षेत्रों की जनता के ज़रूरी इलाज़ के लिए जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े सभी स्थानीय अस्पतालों की हालत तत्काल दुरुस्त करने के ज़रूरी उपायों के लिए अपने विधायक मद की राशि खर्च करने की अनुशंसा की है। ताकि वहां डॉक्टर-नर्स व स्वस्थ्यकर्मियों की उपलब्धता से लेकर ऑक्सिजन बेड वेंटिलेटर और सभी आवश्यक दावों व चिकित्सीय उपकरणों की ज़ल्द से ज़ल्द उपलब्धता हो। लेकिन सरकार उसमें अडंगा डालने के लिए अपने पूरे स्वस्थ्य महकमा व प्रशासन को सुस्त बनाये हुए है।

माले विधायक गोपाल रविदास ने सरकार पर आरोप लगाया है कि जब ऑक्सिजन संकट की भयावह स्थितयों को देखकर ही उन्होंने जब अपने क्षेत्र फुलवारीशरीफ में तत्काल ऑक्सिजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की तो सरकार ने उस पर सीधा रोक लगाते हुए कह दिया कि ऐसी अनुशंसा का प्रावधान ही नहीं है। यानि सरकार और उसके मंत्री-विधायक जो खुद तो समय ऑक्सिजन उपलब्धता कर लोगों की जानें बचाने के सवाल पर सीन से गायब रहे, लेकिन जब विपक्ष के विधायक लोगों की जान बचाने के लिए कुछ करना चाहते हैं तो उस पर रोक लगा दी जा रही है, ऐसे में सरकार और उसके सत्ताधारी दल बताएं कि विधायकों से लिया गए पैसों का क्या होना है?

माले विधायक दल उपनेता सत्यदेव राम ने सिवान के दरौली, सचेतक विधायक अरुण सिंह ने काराकाट के अलावा घोषी विधायक रामबली सिंह ने जहानाबाद, महानंद प्रसाद ने अरवल, सुदामा प्रसाद ने तरारी, मनोज मंजिल ने अगियाँव, अजित कुशवाहा ने डुमराँव, अमरजीत कुशवाहा ने मैरवां तथा वीरन्द्र गुप्ता ने सिकटा विधान सभा क्षेत्र मुख्यालयों पर अनशन / भूख हड़ताल में शामिल हुए।

ताज़ा सूचना के अनुसार 23 मई को विपक्षी महागठबंधन के नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री को विशेष स्मार पत्र भेजकर कोविड अस्पतालों व कम्युनिटी किचेन के सर्वेक्षण से जनप्रतिनिधियों को रोके जाने को सरकार का अलोकतांत्रिक और जन विरोधी क़दम करार दिया है। 11 सूत्री स्मार पत्र में विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं के साथ सरकार के संवेदनहीन रवैये अपनाने और जन प्रतिनिधियों के साथ विभागों व प्रशासनिक अधिकारियों के असहिष्णु बर्ताव पर कड़ा विरोध जताया गया। साथ ही सरकार द्वारा विधायक मद कि राशि का जबरन अधिग्रहण किये जाने की भी तीखी निंदा करते हुए विधायक मद कि राशि को क्षेत्र विशेष की ज़रूरतों को चिन्हित कर राशि आबंटन की पूरी प्रक्रिया में विधायकों / पार्षदों कि सहभागिता / सलाह को सर्वोपरी बनाने की मांग की गयी। 

महागठबंधन नेताओं ने वेंटिलेटर, ऑक्सिजन और एम्बुलेंस की अद्यतन स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग उठाते हुए आरोप लगाया है कि पीएम केयर्स फंड के तहत हुए रद्दी वेंटिलेटर सप्लाई होने के कारण उनमें से अधिकांश बेकार साबित हो गए हैं। विगत 15 वर्षों में एमपी, एमएलए व एमएलसी व अन्य कोटे से ख़रीदे गए एम्बुलेंसों की ठोस जानकारी नहीं बतायी जा रही है। इसलिए सरकार पूरे मामले को प्रदेश की जनता के सामने रखे और महामारी की संभावित तीसरी लहर की कारगर तैयारी अभी से ही करे। ताकि जनता को फिर से जान देकर बर्बाद और बदहाल स्थितियों को न झेलना पड़े।

Bihar
Nitish Kumar Government
Nitish Kumar
Budget Session 2021
Bihar Legislative Assembly
BJP
jdu
CPI-ML
Protest

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • food
    रश्मि सहगल
    अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?
    18 May 2022
    कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का कहना है कि आज पहले की तरह ही कमोडिटी ट्रेडिंग, बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी और व्यापार की अनुचित शर्तें ही खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों के पीछे की वजह हैं।
  • hardik patel
    भाषा
    हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया
    18 May 2022
    उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर साझा कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
  • perarivalan
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया
    18 May 2022
    उम्रकैद की सज़ा काट रहे पेरारिवलन, पिछले 31 सालों से जेल में बंद हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद उनको कभी भी रिहा किया जा सकता है। 
  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि
    18 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 17 फ़ीसदी मामलों की बढ़ोतरी हुई है | स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटो में कोरोना के 1,829 नए मामले सामने आए हैं|
  • RATION CARD
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी
    18 May 2022
    लखनऊ: ऐसा माना जाता है कि हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के पीछे मुफ्त राशन वित
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License