NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
बिहार: फिर सामने आया कोरोना टीकाकरण फ़र्ज़ीवाड़ा, वैक्सीन लगने से पहले ही आ गया सर्टिफिकेट
राजधानी पटना में टीकाकरण के फर्जीवाड़े का एक बार फिर मामला सामने आया है जहां टीका लगने से पहले ही सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। जब पीड़ित पीएचसी गया तो अस्पताल के कर्मचारी उसे ही ग़लत ठहराने लगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Jan 2022
covid
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

कोरोना की तीसरी लहर में देश भर में संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। स्थिति भयावह होती जा रही है। बिहार में भी संक्रमितों के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। तेजी से बढ़ते संक्रमितों के इन आंकड़ों के साथ बिहार में टीकाकरण के फर्जीवाड़े का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। इस तरह अगर टीकाकरण के मामले में लापरवाही और अनियमितता होती रही तो स्थिति खतरनाक हो सकती है। 

बिहार की राजधानी पटना में टीकाकरण के फर्जीवाड़ा का एक बार फिर मामला सामने आया है जहां टीका लगने से पहले ही सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार पटना में तुषार राज नाम के एक छात्र को कोरोना वैक्सीन लगने के दो घंटे पहले ही सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक छात्र ने टीका लेने के लिए सुबह 8:04 बजे ऑनलाइन स्लॉट बुक थी। बुकिंग करने के बाद मिडिल स्कूल सबलपुर में 1:00 बजे दोपहर से लेकर 3:00 बजे तक टीका लेने का मैसेज आया।

उसी समय छात्र के मोबाइल पर टीका लेने का सर्टिफिकेट जारी होने का मैसेज भी आ गया। इस मामले में मिडिल स्कूल में सबलपुर के प्रभारी प्रधानाचार्य विभूति कुमार ने हिंदुस्तान को बताया कि 14 जनवरी को वैक्सीन नहीं दिया गया है। इसके बाद जब तुषार राज अपने पिता के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटना सदर सबलपुर गए तो अस्पताल के कर्मचारी उन्हें ही गलत ठहराने लगे। हालांकि अंत में छात्र को टीका दे दिया गया।

ज्ञात हो कि बिहार में अब तक कुल 10 करोड़ से अधिक टीकाकरण हो चुका है। इनमें पहली खुराक लेने वालों की संख्या 6,19,27,710 जबकि दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या 4,44,55,543 है वही प्रीकॉशनरी डोज लेने वालों की संख्या 2,01,712 हो गई है।

पीएम, यूपी के सीएम को बिहार में लगे टीके

बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेने और अन्य बड़े लोगों को बिहार में टीका लगाए जाने का मामला सामने आया था। 

दूसरी डोज लिए बिना सर्टिफिकेट जारी

पिछले साल दिसंबर महीने की शुरूआत में राजधानी पटना में कई लोगों ने यह शिकायत की थी कि उन्होंने दूसरी डोज ली नहीं जबकि पोर्टल पर दूसरी डोज का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया था। इस तरह का मामला बिहार के अन्य इलाकों के टीका केंद्रों पर भी सामने आया था। पटना का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तीन केंद्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 

मृतक को भी लगा दिया टीका

बिहार में टीकाकरण फर्जीवाड़े की हद यह हो गई राज्य के विभिन्न जिलों में सैकड़ों मृत लोगों को कोरोना का टीका लगाए जाने का मामला भी सुर्खियों में रहा। मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, शेखपुरा सहित अन्य जिलों से इस तरह की खबरें आई थीं जहां मृत लोगों टीकाकरण कर दिया गया और इसका सर्टिफिकेट अपलोड कर दिया गया है।

टीकाकरण की संख्या बढ़ाने के लिए ऑपरेटरों पर दबाव

बता दें कि पीएम मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अन्य बड़े लोगों का नाम कोविन पोर्टल पर दर्ज करने को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग ने दो डेटा ऑपरेटरों को नौकरी से निकाल दिया था। नौकरी से निकाले गए इन डेटा ऑपरेटरों का आरोप था कि टीकाकरण की संख्या बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य प्रबंधक द्वारा उन्हें पोर्टल पर गलत नाम दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था। एक ऑपरेटर ने न्यूज़क्लिक को बताया था कि “स्वास्थ्य प्रबंधक टीका लगा चुके लोगों का वास्तविक डेटा मुहैया कराए बगैर मुझ पर नामों को दर्ज करते जाने के लिए दबाव डाल रहे थे।”

कोरोना जांच में भी हो चुका घोटाला

कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत यानी पिछले साल फरवरी महीने में ऐसे कई नाम और फ़ोन नंबर फ़र्ज़ी पाए गए। सूची में सैकड़ों ऐसे नाम दर्ज हैं जिनके मोबाइन नंबर की जगह 0000000000 लिखा था। किसी का नाम सही है तो फ़ोन नंबर ग़लत है और किसी का फ़ोन नंबर सही है तो नाम ग़लत पाया गया था।

ये भी पढ़ें: सड़क पर अस्पताल: बिहार में शुरू हुआ अनोखा जन अभियान, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जनता ने किया चक्का जाम

Bihar
COVID-19
corona vaccines
Covid-19 Vaccination
PATNA

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License