NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार चुनाव: दूसरे चरण में 13 सीटों पर वाम की भाजपा-जदयू को सीधी टक्कर
दूसरे चरण में राज्य के 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। मीडिया के चुनावी आकलन में अब इस बात को फोकस किया जाना कि यह चुनाव ‘ विकास बनाम बदलाव की बयार’ के बीच हो रहा है, काफी अहम है।
अनिल अंशुमन
02 Nov 2020
बिहार चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मंगलवार, 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इस चरण में राज्य के 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। मीडिया के चुनावी आकलन में अब इस बात को फोकस किया जाना कि यह चुनाव ‘ विकास बनाम बदलाव की बयार’ के बीच हो रहा है, काफी अहम है। यह इस बात का भी प्रत्यक्ष प्रमाण है कि जिस बिहार के चुनाव को सिर्फ जातीय ध्रुवीकरण केन्द्रित बताने व समझने–समझाने की परिपाटी रही वो नज़र नहीं आ रही है।

इस बार बिहार चुनाव में कोई भी यहाँ आकर खुली आँखों से देख–समझ सकता है कि सत्ता प्रायोजित गोदी मीडिया की तमाम भ्रमपूर्ण कोशिशों के बावजूद यह चुनाव, प्रदेश और देश तक के जलते हुए सवालों से किस कदर सरगर्म हो चला है। सत्ता सियासत के तमाम चुनावी दिग्गजों की सोशल इंजीनियरिंग भी जीत की गारंटी नहीं करा पाने के कारण अब वे बौखलाहट में 2015 के चुनाव की भांति विपक्षी महागठबंधन के खिलाफ अनर्गल प्रलाप पर उतारू हो गए हैं।

एक ओर खुद प्रधानमंत्री और उनके केंद्रीय मंत्री बिहार के लोगों के लिए ‘ फ्री कोरोना वैक्सीन ’ देने की घोषणा करते हुए 15 वर्ष पूर्व की सरकार का खौफ दिखला कर महागठबंधन के नेता को जंगलराज का युवराज कह रहें हैं, तो  राज्य के मुख्यमंत्री– मंत्री और नेता– प्रत्याशी वर्षों पूर्व बने सड़क–पुल–पुलिया निर्माण इत्यादि को प्रदेश का विकास बताकर मतदाताओं को रिझा रहें हैं।  साथ ही विपक्षी महागठबंधन नेता तेजस्वी यादव को अनुभवहीन बताते हुए उनपर निजी पारिवारिक आक्षेप भी किए जा रहें हैं।

बिहार के युवाओं में तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता के साथ साथ यह भी गौरतलब है कि ऐसा पहली बार है जब प्रदेश की कई सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों को महागठबंधन में शामिल वामपंथी दलों के प्रत्याशी सीधी टक्कर दे रहें हैं। जिनके खिलाफ भाजपा के स्टार प्रचारक तक अपनी चुनावी सभाओं में खूब ज़हर उगल रहें हैं। भाकपा माले को विध्वंसक ताक़तें, सीपीआई – सीपीएम को राष्ट्रविरोधी, टुकड़े– टुकड़े गैंग और मजदूर–किसानों को भड़काने वाली शक्तियाँ बताते हुए राजद पर अवसरवादी गठजोड़ करने के आरोप लगा रहें हैं।

मीडिया के ही हवाले से दूसरे चरण के 13 विधानसभा सीटों पर लेफ्ट बनाम भाजपा-जदयू की सीधी टक्कर है। जिसमें सीपीआई के 4  ( बखरी, टेघड़ा, बछवाड़ा और झंझारपुर सीट) , सीपीएम के 3 (विभूतिपुर, मांझी और मटीहानी) और भाकपा माले के 6 ( भोरे– सु., जीरादेई, दारौली– सिटिंग, दरौंधा, दीघा और फुलवारीशरीफ) प्रत्याशी मैदान में हैं।

भाजपा – जदयू द्वारा वामपंथी प्रत्याशियों के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार और अनर्गल बयानों से परे ‘ बदलो सरकार और नया बिहार’ का नारा बुलंद करते हुए सभी वामपंथी दलबिहार में बदलाव को एकमात्र विकल्प बता रहें हैं। अपने चुनावी प्रचार में – आलू / प्याज़ की जमाखोरी करनेवाली सरकार को सबक सिखाने, भाजपा– जदयू की चक्की में पिसते किसान–युवा–गरीब!, खेती की नीलामी– कॉरपोरेट की गुलामी नहीं सहेंगे तथा भूख – पलायन – बुलडोजर की मार के खिलाफ सरकार बदलने के की अपील की जा रही है।

29 अक्टूबर को पटना में आयोजित संयुक्त वामपंथी दलों के संवादता सम्मेलन को सीपीएम महासचिव सीताराम येचूरी, सीपीआई महासचिव डी राजा तथा भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने संबोधित करते हुए पहले चरण के मतदान आकलन में महागठबंधन की बढ़त के लिए जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार की जनता ये फैसला कर चुकी है कि इस बार सरकार को बदल देना है। पहले चरण की भांति अगले चरण के मतदान में भी यही साबित होगा। मोदी जी व उनके नेताओं के महागठबंधन और वामपंथी दलों के विरुद्ध किए जा रहे दुष्प्रचार का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि – वे जनता को भूतकाल के अंधेरे में ले जाना चाहते हैं, वहीं वामपंथी दल, लोगों को भविष्य के उजाले में ले जाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। भाजपा द्वारा महागठबंधन की जीत को बिहार में जंगल राज की वापसी कहने को बिहार की जनता का अपमान बताते हुए कहा कि यह चुनाव इस देश के लोकतन्त्र और संविधान पर किए जा रहे सत्ता– हमलों के खिलाफ इसे बचाने का भी संघर्ष है  जिसमें सभी वाम दल एकजुट होकर महागठबंधन के साथ हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा तेजस्वी यादव को जंगलराज का युवराज कहे जाने की प्रतिक्रिया में कविता कृष्णन ने कहा कि उन्हें यह उपाधि यूपी की अपनी पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री को देनी चाहिए। जिन्होंने अपने प्रदेश में भयावह दमन, सत्ता संरक्षण में महिला उत्पीड़न-बेलगाम अपराध और आतंक का राज कायम कर रखा है। जिसके खिलाफ बिहार के लोगों ने भी तय कर लिया है कि बिहार को यूपी नहीं बनने देंगे।

एनडीए गठबंधन दलों (जेडीयू – लोजपा) में भाजपा द्वारा आपसी फूट पैदा करने की छिड़ी चर्चाओं पर बोलते हुए माले महासचिव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि – भाजपा न तो गठबंधन धर्म निभा सकती है न हिन्दू धर्म और न ही राजधर्म।

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय सत्ताधारी नेताओं के महागठबंधन की जीत से पाकिस्तान में विजय के पटाखे फूटेंगे... जैसे बयानों की भांति इस चुनाव में भी वैसे ही अनर्गल प्रलाप कर वोट ध्रुवीकरण की कवायद जारी है। मसलन, देश में 300 आतंकी घुसनेवाले हैं, अभिनंदन है सीमा पर चीन के छक्के छुड़ाने वाले बिहारी सैनिकों का...!

उक्त संदर्भों में वरिष्ठ साहित्यकार– बुद्धिजीवी चौथीरम यादव जी का सोशल मीडिया पोस्ट - बिहार में नहीं गल पा रही सांप्रदायिकता की दाल ...कभी भी धार्मिक कट्टरता को जगह नहीं मिल पायी है .... क़ाबिले गौर है। जो इस सवाल पर भी ध्यान खींचता है कि जब जाति पूरे देश की सच्चाई है तो फिर बिहार को ही सबसे अधिक बदनाम क्यों किया जाता है? विश्लेषक बताते हैं कि चौथीरम यादव जी के दावे को आधार प्रधान करता है बिहार की मिट्टी में वामपंथी आंदोलनात्मक चेतना की मजबूत उपस्थिति..!

(अनिल अंशुमन स्वतंत्र लेखक और संस्कृतिकर्मी हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

Bihar election 2020
Bihar Polls
left parties
BJP
jdu
RJD
Tejashwi Yadav
Sitaram yechury
CPIM
CPI

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License