NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार
"यह काफी भयावह घटना है। अब लोग बढ़ते क़र्ज़ के कारण आत्महत्या करने लगे हैं।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Jun 2022
suicide
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

बिहार के समस्तीपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों का शव रविवार की सुबह एक कमरे में फंदे से लटकता हुआ पाया गया। बताया जा रहा है कि कर्ज और गरीबी से तंग आकर परिवार ने खुदकुशी का रास्ता चुना। वहीं मृतक मनोज के दामाद का आरोप है कि कर्ज के चलते उन लोगों की हत्या की गई है। मृतकों में पति-पत्नी, दो छोटे बच्चे और बुजुर्ग मां हैं। सभी मृतकों का शव खपरैल मकान के भीतर एक कमरे से रस्सी से लटकता हुआ पाया गया। रविवार को घटना की जानकारी मिलते ही इलाके के लोगों में दहशत फैल गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिले के विद्यापतिनगर थाना के मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव के निवासी मनोज झा (42 वर्ष), उनकी पत्नी सुंदरमणि देवी (38 वर्ष), मां सीता देवी (65 वर्ष), सत्यम (10 वर्ष) और शिवम (7 वर्ष) ने सामूहिक खुदकुशी कर ली। रिपोर्ट के मुताबिक मनोज अपनी पत्नी, मां और दोनों बच्चों के साथ इस घर में रहते थे। मनोज की दो बेटियां भी हैं जिनकी शादी हो चुकी है। इनमें से एक बेटी निभा अपने पति के साथ माता-पिता से मिलने आई हुई थी। निभा के अनुसार घटना की रात वह और उसके पति दूसरे कमरे में सो रहे थे। सुबह जब वे उठे तो पाया कि दूसरा कमरा, जिसमें मनोज व परिवार के अन्य सदस्य सो रहे थे, खुला था और पांचों लोग फंदे से लटके हुए थें।

दामाद का आरोप यह आत्‍महत्‍या नहीं हत्‍या है

एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार मृतक मनोज के दामाद ने आरोप लगाया है कि यह आत्‍महत्‍या नहीं हत्‍या है। उनका कहना है कि उनके श्‍वसुर मनोज कुमार झा के परिवार के सभी सदस्‍यों की हत्‍याकर उन्‍हें फंसी पर लटकाया गया है। उन्‍होंने इस बात से इनकार किया कि वो आत्‍महत्‍या कर सकते हैं। दामाद का आरोप है कि जिन लोगों से मनोज कुमार झा और उनकी मां ने कर्ज लिया था वो लोग उनके साथ मारपीट करते थे। ये मारपीट उनसे आए दिन हो रही थी। मारपीट के दौरान पास के ही एक परिवार जिसने मनोज कुमार को कर्ज दिया था। उसने घर का दरवाजा तोड़ दिया था। परिवार के सदस्‍यों का घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया था।

छह माह पहले लिया था क़र्ज़

मृतक मनोज के बड़े दमाद गोवि‍ंंद कुमार झा का आरोप है कि मनोज कुमार ने करीब 6 महीने पहले कर्ज लिया था जिसके बाद वे लोग प्रताडि़त कर रहे थे। गोविंद का कहना है कि मनोज कुमार के परिवार पर जो कर्ज था छोटा मोटा था। ज्‍यादा पैसा नहीं लिया गया था। कई जगह से इन्‍होंने 5-6 हजार कर कर्ज लिया था। वहीं एनबीटी से बातचीत में गोविंद ने बताया कि उनके श्‍वसुर मनोज कुमार झा के पास कई गाडि़यां थीं। जिसे कर्ज देने वालों ने नीलाम करवा दिया।

पुलिस के एफ़आईआर न लिखने पर दी जान

मृतक के दामाद गोविंंद का आरोप है कि मनोज कुमार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और उनकी शिकायत पुलिस नहीं लिख रही थी, जिसकी वजह से वो और भी ज्‍यादा परेशान हो गए थे। गोविंद का कहना है कि कर्ज देने वालों ने मनोज कुमार के साथ मारपीट भी की थी। करीब 6-7 महीने पहले मनोज कुमार के पिता की मौत के समय भी मारपीट की गई थी। गोविंद के अनुसार कर्ज लौटाने को लेकर कुछ दिन पहले भी मारपीट की गई। इस दौरान घर का दरवाजा तोड़ दिया गया था। गांव के लोग जिसकी शिकायत पुलिस से की गई लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं लिखी और उनको थाने से भगा दिया गया।

गांव के चौकीदार ने दी गलत सूचना

दामाद गोविंद का आरोप है कि गांव के चौकीदार ने थाना प्रभारी को बताया कि मनोज कुमार ने कर्ज लिया है इसलिए मारपीट हो रही है। जिसके बाद मनोज कुमार की शिकायत नहीं लिखी गई। दामाद का कहना है कि इसके बाद उन्‍हें चारों तरफ से परेशान किया जाने लगा, मनोज कुमार को लोग प्रताड़ित कर रहे थे और पुलिस भी उनकी कोई मदद नहीं कर रही थी।

दामाद का आरोप जमीन हड़पने के लिए की गई हत्‍या

गोविंद ने आरोप लगाया कि मनोज कुमार ने जिन लोगों से कर्ज लिया है उन्‍होंने ही पूरे परिवार की हत्‍या कर आत्‍महत्‍या का रूप देने की कोशिश की है। दामाद का आरोप है कि यह पूरा मामला जमीन पर कब्‍जा करने को लेकर है। उन्‍होंने बताया कि कर्ज देने के नाम पर सादे काजग पर कर्ज देने वालों ने जमीन साइन करवा लिया है। जमीन पर कब्‍जा लेने के लिए सभी की हत्‍या की गई।

नीतीश सरकार पर विपक्षी पार्टियों का हमला

सोमवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मीडिया से बात करते हुए इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि, "यह काफी भयावह घटना है। अब लोग बढ़ते कर्ज के कारण आत्महत्या करने लगे हैं। हलांकि उन्होंने घटना को संदिग्ध मानते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने एवं दोषियों को सजा देने की मांग के साथ मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की सरकार से मांग की। साथ ही भट्टाचार्य ने माईक्रो फाईनेंस कंपनी को मनमानी करने की छूट देने की सरकारी नीति की आलोचना करते हुए इसकी समीक्षा करने की मांग की। इस मामले को उन्होंने मानसूनकालीन बिहार विधानसभा सत्र में माले विधायकों द्वारा उठाने की घोषणा की।”

डबल इंजन सरकार के बड़बोलेपन पर करारा तमाचा

विपक्षी पार्टी राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "समस्तीपुर में एक गरीब परिवार के सभी 5 सदस्यों ने गरीबी, भुखमरी, आर्थिक तंगी, महंगाई, बेरोजगारी और बदहाली से त्रस्त होकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दर्दनाक, हृदय विदारक, दुःखद और कथित डबल इंजन सरकार के बड़बोलेपन पर करारा तमाचा एवं काला धब्बा है।"

समस्तीपुर में एक गरीब परिवार के सभी 5 सदस्यों ने गरीबी, भुखमरी, आर्थिक तंगी, महंगाई, बेरोजगारी और बदहाली से त्रस्त होकर सामूहिक आत्महत्या कर ली।

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दर्दनाक, हृदय विदारक, दुःखद और कथित डबल इंजन सरकार के बड़बोलेपन पर करारा तमाचा एवं काला धब्बा है।

— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 6, 2022

Bihar
poverty
suicide
Nitish Kumar
Bihar government

Related Stories

मुज़फ़्फ़रपुर: हादसा या हत्याकांड!, मज़दूरों ने कहा- 6 महीने से ख़राब था बॉयलर, जबरन कराया जा रहा था काम

बिहार: समस्तीपुर माॅब लिंचिंग पीड़ितों ने बिहार के गृह सचिव से न्याय की लगाई गुहार

बिहार में सुशासन नहीं, गड़बड़ियों की है बहार!

रघुवंश बाबू का जाना राजनीति से एक प्रतीक के जाने की तरह है

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने की इतनी घटनाएं क्यों हो रही हैं?

उत्तर प्रदेश, बिहार में बिजली गिरने से दो दिन में 110 लोगों की मौत, 32 घायल

हादसा-दर-हादसा: अलग-अलग स्थानों पर 14 मज़दूरों समेत 15 की मौत, 30 घायल

सैकड़ों बीघा गेहूं की तैयार फसल जलकर ख़ाक, किसानों की सालभर की मेहनत बर्बाद

क्या बीएचयू प्रशासन की संवेदनहीनता ने ली आईआईटी कर्मचारी पिंटू की जान?

गंगा के कटाव से विस्थापित होने की कगार पर हजारों परिवार


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License