NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार: काम का दाम मांग रहे वार्ड सचिवों पर बर्बर लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश
"विगत चार सालों से सरकार राज्य के 1 लाख 14 हजार वार्ड सचिवों से वार्ड स्तर पर नल-जल एवं गली-नली योजना में काम कराती रही है लेकिन आज तक इन लोगों को एक रुपया तक नहीं दिया गया है। जब वे अपने काम का दाम मांग रहे हैं तो उल्टे उनपर बर्बर लाठियां चल रही हैं, यह कहां का न्याय है?"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Jul 2021
बिहार: काम का दाम मांग रहे वार्ड सचिवों पर बर्बर लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

बिहार के पंचायत वार्ड सचिवों ने मानदेय और नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर गुरुवार को पटना की सड़कों पर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने उनपर बर्बर लाठीचार्ज किया।

वार्ड सचिवों ने गुरुवार दोपहर गांधी मैदान में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी विधानसभा की ओर बढ़ ही रहे थे कि अनुमति न रहने की वजह से पुलिस ने जेपी गोलंबर के पास ही सबको रोक दिया। इस दौरान बैरिकेडिंग तोड़ने का वार्ड सचिवों ने प्रयास किया, तभी भारी संख्या में मौजूद पुलिसबल ने वाटर कैनन चलाने के साथ लाठीचार्ज कर दिया।  इस दौरान बिहार पुलिस ने महिला पुरुष का भेद न करते हुए सभी को बुरी तरह पीटा और उन्हें सड़क पर घसीटा। जिससे कई लोगों के कपड़े भी फट गए। अब इसको लेकर विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछ रहे हैं कि यही है आपका न्याय?

स्थानीय अखबारों के मुताबिक़ वार्ड सचिव का कहना है कि पिछले 4 साल से लोग काम कर रहे हैं। अभी तक उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। वार्ड के अंतर्गत होने वाले तमाम कामों को करते हैं, लेकिन वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी बातें नहीं मानेगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

बिहार में करीब एक लाख 15 हजार वार्ड सचिव कार्यरत हैं। वार्ड सचिवों से लगातार 4 साल से काम करवाया गया। ये सचिव नल जल योजना, सात निश्चय के तहत होनेवाले सभी कामों को करते हैं।

इस घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे वार्ड सचिव नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिले और उन्हें अपनी पीड़ा सुनाई। तेजस्वी ने भी उन्हें आश्वस्त किया कि वो उनके संघर्ष में साथ हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक वीडियो जारी करते हुए लिखा "राजद वार्ड सचिवों पर हुए लाठीचार्ज की भर्त्सना करता है!

हम वार्ड सचिवों की हर माँग और संघर्ष के साथ हैं! जो लाठी के ज़ोर से सरकार चलाने का तानाशाही स्वप्न देख रहे हैं वो समझ लें कि जब त्रस्त नागरिकों की लाठी चलेगी तो वो कराह भी नहीं पाएँगे!":

वहीं वाम दलों ने भी इसकी आलोचना की है। माकपा के राज्यसचिव अवधेश सिंह ने भी बर्बर लाठीचार्ज का वीडियो शेयर करते हुए इस घटना की निंदा की और फेसबुक पर लिखा "पटना में हुए पंचायत वार्ड सचिव द्वारा उचित मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन पर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज निंदनीय। शांतिपूर्वक प्रदर्शन पर लाठीचार्ज कायरतापूर्ण हरकत है। बिहार के युवा रोजगार के लिए और कॉन्टेक्ट पर बहाल युवा अपना वेतन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.... "

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार की भाजपा-जदयू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह सरकार लगातार दमन की भाषा बोल रही है। पटना में जिस प्रकार से वार्ड सचिवों पर पुलिसिया दमन किया गया, उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम ही होगी।

उन्होंने कहा कि विगत चार सालों से सरकार राज्य के 1 लाख 14 हजार वार्ड सचिवों से वार्ड स्तर पर नल-जल एवं गली-नली योजना में काम कराती रही है लेकिन आज तक इन लोगों को एक रुपाया तक नहीं दिया गया है। जब वे अपने काम का दाम मांग रहे हैं तो उल्टे उनपर बर्बर लाठियां चल रही हैं, यह कहां का न्याय है?

माले द्वारा जारी बयान में कहा गया ये वार्ड सचिव भूखे-प्यासे रहकर सरकार का काम रहे हैं। ऐसी भी कोई संवेदनहीन सरकार हो सकती है, यह समझ से परे है। भाकपा-माले बेगार में काम करवाने की इस सामंती मिजाज वाली प्रवृति की घोर निंदा करती है।

माले ने मांग की है कि सरकार अविलंब सभी वार्ड सचिवों को चार साल के काम का दाम दे तथा सबका स्थायीकरण करे। भाकपा-माले वार्ड सचिवों के आंदोलन के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है और इस लड़ाई को लड़ेगी।

Bihar
Bihar Legislative Assembly
bihar police
Police lathicharge

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License