NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
स्वास्थ्य
भारत
बिहारः शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता पर हुए हमले के विरोध और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता पर हुए हमले समेत अन्य मांगों को लेकर पटना में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (ऐक्टू-गोप गुट) ने बुधवार को प्रदर्शन किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Nov 2021
बिहारः शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता पर हुए हमले के विरोध और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन

बिहार की राजधानी पटना में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता पर हुए हमले, आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवक घोषित करने और उन्हें 18 हजार प्रतिमाह वेतन देने समेत अन्य मांगों को लेकर बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (ऐक्टू-गोप गुट) ने बुधवार को प्रदर्शन किया। बिहार सहित देश भर में करीब 10 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ता हैं जो ग्रामीण भारत के स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं।

प्रदर्शन के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए एक्टू के प्रदेश सचिव रणविजय कुमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ता आम जनता की डॉक्टर्स हैं। उन्होंने कहा कि इन आशा कार्यकर्ताओं की बदौलत बिहार में जच्चा-बच्चा मृत्यु दर काफी पहले सामान्य हो गया। लेकिन जब से आशा कार्यकर्ताओं का काम शुरू हुआ तब से लेकर आज तक उनकी हालत में बदलाव नहीं हुआ। ये कार्यकर्ता जो मां-बहनों की देखभाल करती हैं इसके बदले पूरे भारत में उन्हें राशि नहीं दी जाती है। रणविजय ने इस दौरान उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता पर हुए हमले को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा ये हमला बेहद संगीन है।

उन्होंने कहा कि वेतन वृद्धि की मांग को लेकर जब उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर मांग पत्र देना चाहा तब योगी सरकार ने पुलिसिया दमन किया और कई आशाकर्मियों को चोटें आईं, उनके हांथ तोड़ दिए गए और जूतों तले रौंदा दिया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में लखीमपुरखीरी की घटना समेत अन्य घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि वह दिन दूर नहीं जब यूपी सरकार घर-घर में घूस कर लोगों से बर्बरतापूर्ण तरीके से पेश आएगी। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार फासिस्ट सरकार है। आजाद हिंदुस्तान में यूपी की जितनी बड़ी से बड़ी घटनाएं दूसरे राज्यों में नहीं हुई हैं।

ज्ञात हो कि पिछले मंगलवार को सीएम योगी से मिलने पहुंची आशा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने कथित तौर पर बल प्रयोग किया था। आशा कार्यकर्ता अपने मानदेय के लिए उनको ज्ञापन देने जा रही थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां पहुंचने से पहले ही रास्ते में पकड़कर शहर से बाहर भेज दिया था। इस दौरान उनकी पिटाई की गई और मीडिया वालों को भी उनकी फोटो खींचने से रोका गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने आशा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की कोशिश की तभी आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय और महिला दरोगा के बीच हाथापाई हो गई थी। बाद में महिला सिपाहियों ने आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय को पीटा था जिसमें वे घायल हो गई थीं। तस्वीरों में उनके में प्लास्टर बंधा हुआ दिख रहा है।

इसे पढ़ें : यूपी पुलिस की पिटाई की शिकार ‘आशा’ पूनम पांडे की कहानी


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License