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भारत
राजनीति
बिहार में पुल पर बवाल: 264 करोड़ की लागत से बने पुल की संपर्क सड़क टूटी
बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन किया था। इसका एप्रोच रोड गंडक नदी के पानी के दबाव नहीं झेल पाया और देखते ही देखते ध्वस्त हो गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Jul 2020
बिहार में पुल पर बवाल

बिहार के गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु की संपर्क सड़क बुधवार को पानी के दबाव से टूट गई। बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था। गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों से इस माह सेतु को जोड़ने का यह अतिमहत्वकांक्षी पुल था। इसके निर्माण में करीब 264 करोड़ की लागत आई थी। इस पुल के पहुंच पथ के ध्वस्त होने से आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गयी है और चंपारण, तिरहुत और सारण समेत कई जिलों से संपर्क भी टूट गया।

इसको लेकर विपक्ष और स्थानीय लोग नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। लोगों का कहना है कि बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने जिस पुल का उद्घाटन एक महीने पहले आधा दर्जन मंत्री और दर्जनों विधायक और सांसदों के साथ किया था, वो एक महीने भी नहीं टिक पाया।

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इसे बनाने में 3 वर्षो का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन इसे बनने में लगभग आठ साल लगे। गौरतलब है कि गोपालगंज को चंपारण, सारण और तिरहुत के कई जिलों से जोड़ने के लिहाज से सत्तरघाट महासेतु बहुत आवश्यक पुल है।

तेजश्वी सहित विपक्ष के कई नेताओं का सरकार पर तंज

इस पूरे मामले में बिहार के मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजश्वी यादव ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि '8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया।

ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है "

8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया।

ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है।इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है pic.twitter.com/cnlqx96VVQ

— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 15, 2020

वमपंथी दल सीपीआई एमएल के नेता दीपांकर मामले में नितीश सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया और कहा" .. विकास इसी का नाम है! "

Inaugurated: 16 June, 2020
Washed away: 15 July, 2020
Location: Gopalganj, Bihar
Expenditure: Rs 263.48 crore
The ultimate relic of development in Nitish Kumar's reign of good governance.
विकास इसी का नाम है! pic.twitter.com/CIWoyMrhDt

— Dipankar (@Dipankar_cpiml) July 16, 2020

कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक पेज पर इस पूरे मामले पर नितीश कुमार पर तंज कसते हुए लिखा कि 'बिहार में ऐसी बहार है कि करोड़ों की लागत से बना पुल एक झटके में ध्वस्त हो जाता है। बिहार ने ऐसी बहार की आशा नहीं की थी। इस बार बहारें बदलेगी।'

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तेजश्वी ने मीडिया से बात करते हुए इस पूरे मामले की जाँच करवाने और तत्काल मंत्री नंद किशोर यादव को बर्खास्त करने तथा निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की और कहा आरसीपी टैक्स देकर ट्रांसफर पोस्टिंग जब तक होता रहेगा तब तक पुल टूटते रहेंगे।

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तेजश्वी ने कहा कि "बिहार में पुल टूटना आम बात हो गई है अभी कुछ दिनों पहले बिहार के भागलपुर में उद्घाटन से चंद घंटो पहले 1000 करोड़ का बांध टूट जाता है। गोपालगंज में उद्घाटन के 29 दिन बाद 263 करोड़ का पुल ध्वस्त हो जाता है। 15 साल में हज़ारों करोड़ के 55 घोटाले हो चुके हैं लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सृजन जैसे घोटाले में 3300 करोड़ रुपये सरकारी खज़ाने से लूटे गए।"

आगे उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह है। हज़ारों करोड़ सिर्फ़ प्रचार और विज्ञापन में खर्च कर छवि निर्माण में लगे है। जनता अब सच जान चुकी है।"

सरकार का दावा, पुल सही सलामत

विपक्ष के हमले को देखते हुए पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी कि, गोपालगंज का सत्तरघाट घाट पुल बिल्कुल सही सलामत है। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि, सत्तर घाट मुख्य पुल से 2 किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लंबाई के छोटे से पुल का पहुंच पथ कटा है, जो गंडक नदी के बांध के अंदर अवस्थित है।

नंदकिशोर यादव ने यह कहा कि गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज्यादा है इस कारण उनके पहुंचकर सड़क का हिस्सा कट गया यह अप्रत्याशित पानी के दबाव के कारण हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि, इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ।

नंदकिशोर यादव ने बताया कि मुख्य सत्तरघाट पुल जो 1.4 किलोमीटर लंबा है, वह पूरी तरह से सुरक्षित है। पथ निर्माण मंत्री ने यह भी कहा कि पानी का दबाव कम होते ही, यातायात फिर से चालू कर दिया जाएगा। 

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Nitish Kumar
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