NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
उत्पीड़न
महिलाएं
भारत
पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो
पीड़ित बेटी ने खुद अपने पिता की गंदी करतूत का वीडियो बनाया और फिर उसे लेकर थाने पहुंची। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को 50 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पीड़िता को अपने ही रेप की वीडियो बनाने पर किसी और ने नहीं बल्कि बिहार पुलिस ने ही परोक्ष रूप से मजबूर किया।
राहुल कुमार गौरव
07 May 2022
viral video
वायरल वीडियो का एक दृश्य

बिहार की राजधानी पटना से 86 किलोमीटर और देश की राजधानी दिल्ली से 1186 किलोमीटर दूर, मिथिला के प्रवेशद्वार समस्तीपुर में एक पीड़ित लड़की ने खुद अपने पिता की गंदी करतूत का वीडियो बनाया और फिर उसे थाने लेकर पहुंची। साथ ही उसने अपने दोस्तों को भी ये वीडियो भेजी। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को 50 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पीड़िता को अपने ही पिता की वीडियो बनाने पर मजबूर किसी और ने नहीं बल्कि बिहार के प्रशासन की उपेक्षा और लापरवाही ने ही किया। 

शिकायत लेकर पहुंची तो पहले पुलिस ने भगा दिया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता ने आरोप लगाया है कि, उसके 50 वर्षीय पिता रोज उसके साथ गंदी हरकतें करते थे। उसके पिता पेशे से शिक्षक हैं। जब इस बात की शिकायत उसने मां से की तो मां ने उसे ही इन सारी चीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया। जिसके बाद उसके पिता लगातार उसके साथ बलात्कार करते रहे।

जब मां की ममता की छांव भी उसे नहीं मिली तो हिम्मत जुटाकर पीड़िता अपनी शिकायत लेकर रोसड़ा थाने पहुंची। वहाँ पुलिस वालों ने मदद करने की बजाय पीड़िता को ही भगा दिया। साथ ही पीडि़ता ने महिला हेल्प डेस्क पटना के नंबर पर इससे संबंधित शिकायत दर्ज कराई थी। वहां से भी कोई रिस्पांस नहीं मिला। जिसके बाद पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर पिता के कुकृत्य का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

पुलिस महकमे का क्या कहना है?

न्यूज़क्लिक ने जब रोसड़ा थाने से बात करने की कोशिश की तो इस मुद्दे पर खामोशी छाई रही। वहीं रोसड़ा एसडीपीओ सहरियार अख्तर ने मीडिया से कहा कि "आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ चल रही है। वारदात में अगर और भी लोग शामिल होंगे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में दिख रही युवती ही थाने पहुंची थी। जिसकी शिकायत के आधार पर आरोपी पिता को गिरफ्तार किया गया।"

शिक्षक के साथ पुरोहित के नाम को भी किया कलंकित

वहीं स्थानीय पत्रकार संजय झा के मुताबिक, "शिकायत के बाद लड़की के मामा पीड़िता को अपने घर ले गए। पीड़िता पर दबाव बनाया जा रहा हैं कि वो वीडियो को एडिट किया हुआ बताए और पिता के खिलाफ दी गई शिकायत वापस ले ले। लेकिन जन आंदोलन की वजह से पुलिस खामोश है। बता दूं कि संबंधित वीडियो वायरल होने के करीब 20 घंटे बाद रोसड़ा पुलिस हरकत में आई थी। पीड़िता का आरोपी पिता और उसकी पत्नी स्थानीय संस्कृत विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। पिता शहर के दर्जनों घरों में पूजा-पाठ कराने के साथ-साथ कई मंदिरों में भी पूजन अनुष्ठान कराता था। उसने शिक्षक के साथ-साथ पुरोहित के नाम को भी कलंकित कर दिया।"

नीतीश के सुशासन का दावा कितना सही?

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और केवल सच के संपादक बृजेश मिश्रा बताते हैं कि "एक पीड़ित द्वारा खुद के रेप की वीडियो बनाने के बाद, बिहार की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नीतीश अक्सर अपराध के सवालों पर कहते हैं कि '2005 से पहले क्या स्थिति थी?' लेकिन एनसीआरबी डाटा कहता है कि अपराध के लिए बदनाम बिहार में क्राइम के आंकड़े जरुर कम हुए हैं। मगर भीड़ हिंसा और लूटपाट के मामलों में बिहार की हालत पहले जैसी ही है। मर्डर के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। बाकी जो कसर बची थी वह शराबबंदी ने निकाली है।"

चर्चित पुलिस अधिकारी के क्षेत्र में भी अपराध कम नहीं

सहरसा शहर के युवा वकील कुणाल कश्यप न्यूज़क्लिक को बताते हैं- "हमारे शहर की एसपी जानी-मानी आईपीएस लिपि सिंह हैं। हमारे आइजी देश के चर्चित पुलिस अधिकारी शिवदीप लांडे हैं। इसके बावजूद शहर का अखबार लूट हत्या और चोरी से भरा रहता है। ऐसा कोई भी दिन नहीं गुजरता जहां चंद रुपयों की खातिर खून नहीं बहता। शहर की गलियां कोरेक्स और दारू बेचने से प्रसिद्ध हो रही हैं।" 

एडीजी (सीआईडी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 2020 की तुलना में ज्यादा क्राइम हुआ है। जहां हत्या के मामले में सहरसा दूसरे नंबर पर था। जबकि सीमांचल का शहर अररिया पहले नंबर पर।

सहरसा शहर में हाल में हुई हत्या

शराबबंदी से अपराध में कमी का दावा

सुपौल की गैर लाभकारी संस्था ग्राम विकास परिषद कई दिनों से शराब बंदी के खिलाफ आंदोलन चला रही है। ग्राम विकास परिषद की हेमलता पांडे बताती हैं कि, "शराबबंदी 'जीविका दीदियों' और महिलाओं की ही मांग थी। शुरुआत में यह मांग और कानून सही दिशा में काम कर रहा था। लेकिन वक्त के साथ-साथ शराब घर-घर बिकने लगा। कोरेक्स और गाँजे का सेवन ज्यादा होने लगा।"

आँकड़ों की मानें तो भारत में महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले कुल अपराधों में बिहार का प्रतिशत 2016 में घटकर 4 फ़ीसदी हुआ था लेकिन वक्त के साथ 2019 में फिर बढ़कर 4.6 फ़ीसदी पर पहुंच गया।

सरकार की बालू व शराब नीति से बढ़ रहा अपराध

नीतीश सरकार की बालू और शराब नीति से अपराध और अपराधियों का मनोबल राज्य में बढ़ता जा रहा है। इस बात पर हिदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी सहमति जता चुके हैं। भाकपा सुपौल के नेता और जेएनयू के पूर्व छात्र नरेंद्र यादव बताते हैं कि "नीतीश सरकार की बालू और शराब नीति से अपराध और अपराधियों का मनोबल राज्य में बढ़ता जा रहा है। बालू और शराब की वजह से पूरा बिहार बर्बाद हो रहा है। राज्य में हो रहीं तमाम हत्याएँ देखकर पता चल जाएगा कि बिहार को दारु तस्कर और शराब तस्कर चला रहे हैं।"

क्या बिहार में नीतीश का इकबाल खत्म हो गया?

एम.एल.टी विश्वविद्यालय, सहरसा के प्रोफेसर शशि झा बताते हैं- "नीतीश कुमार का पहला शासनकाल सुशासन का पर्यायवाची बना। लेकिन जब से नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ दूसरी बार गठबंधन करके 2017 में सरकार बनाई है, स्थितियां बदल गई हैं। एनसीआरबी की ओर से साल 2020 में जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018-2020 के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगों के कुल 1,807 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें बिहार में सबसे अधिक यानी 419 सांप्रदायिक दंगे के मामले दर्ज किए गए हैं। बिहार में अपराध के बढ़ते ग्राफ को देखकर तो यही लगता हैं कि बिहार में नीतीश का इकबाल खत्म हो गया है।"

ये भी पढ़ें: बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

Bihar
Bihar law and order
Bihar News
rape
rape cases
Women crime
Bihar Crime
Crime news 

Related Stories

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

बिहार शेल्टर होम कांड-2: युवती ने अधीक्षिका पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- होता है गंदा काम

बिहारः पांच वर्ष की दलित बच्ची के साथ रेप, अस्पताल में भर्ती

बिहारः बंधक बनाकर नाबालिग लड़की से गोरखपुर में 1 महीने तक किया गैंगरेप

पत्रकार हत्याकांड- कैसे मेडिकल माफिया का अड्डा बन गया छोटा सा कस्बा बेनीपट्टी?

बिहारः ग़ैर-क़ानूनी निजी क्लिनिक का पर्दाफ़ाश करने वाले पत्रकार की हत्या

बिहारः नाबालिग लड़की से गैंगरेप, एक आरोपी हिरासत में


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License