NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
बिहारः ग़ैर-क़ानूनी निजी क्लिनिक का पर्दाफ़ाश करने वाले पत्रकार की हत्या
हत्या से पहले पत्रकार बुद्धिनाथ ने एक वीडियो बनाया था जिसमें वे फ़र्ज़ी क्लिनिक का ज़िक्र कर रहे हैं। इस वीडियो में वे बताते हैं कि उन्हें 12 जुलाई 2019 को गोली मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने इसमें आगे कहा कि वे लड़ते रहे है और लड़ते रहेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Nov 2021
Buddhinath

बिहार में फिर एक पत्रकार की हत्या कर दी गई है। बदमाशों ने उनकी लाश को जलाकर हाई-वे के किनारे फेंक दिया था। ये घटना शुक्रवार 12 नवंबर की शाम को प्रकाश में आया। वे 9 नवंबर से लापता थे। 22 वर्षीय बुद्धिनाथ झा मधुबनी के बेनीपट्टी में अवैध तरीके से चलाए जा रहे हेल्थ क्लिनिक का लगातार पर्दाफाश कर रहे थे। परिजनों का कहना है कि उनकी हत्या के पीछे मेडिकल माफिया हो सकता है। बुद्धिनाथ ने कई अवैध क्लिनिक के खिलाफ शिकायत की थी और प्रशासन ने कुछ के खिलाफ जुर्माना भी लगाया था।

बुद्धिनाथ मधुबनी के बेनीपट्टी के रहने वाले थे और एक हिंदी न्यूज पोर्टल बीएनएन न्यूज बेनीपट्टी से जुड़े थे। 

उन्होंने कई अवैध क्लीनिक के खिलाफ शिकायत की थी जिस पर कार्रवाई हुई और कई क्लिनिक पर जुर्माना लगाया गया था और कई क्लिनिक को बंद करा दिया गया था। 

गोली मारने की मिली थी धमकी 

बुद्धिनाथ का एक वीडियो फेसबुक पर वायरल हो रहा जिसे पटना स्थित वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र ने शेयर किया है। इस वीडियो में बुद्धिनाथ कई मामलों का खुलासा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वे इसमें बताते हैं कि बेनीपट्टी में दो दर्जन से अधिक फर्जी नर्सिंग होम हैं। इस दौरान वे जनता से अपील करते हैं कि वे इस तरह के नर्सिंग होम से बचने की सलाह दे रहे हैं। इसमें वे एक क्लिनिक द्वारा मरीज के मारे जाने की घटना का भी जिक्र कर रहे हैं। बुद्धिनाथ कह रहे हैं कि ये क्लिनिक कानून की धज्जियां उड़ाकर चलाए जा रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें 12 जुलाई 2019 को गोली मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि वे लड़ते रहे है और लड़ते रहेंगे। 

बुद्धिनाथ के भतीजे बीजे बिकाश ने द वायर से बताया है कि ‘जब हम सुबह उनके कमरे में गए, तो हमें क्लीनिक के पास उनकी बाइक मिली। उनका लैपटॉप चल रहा था, जिसका मतलब है कि वह कुछ मिनट पहले कहीं जाने की तैयारी कर रहे होंगे।’

10 नवंबर को उनके परिवार के सदस्यों ने स्थानीय पुलिस को उनके लापता होने की जानकारी दी थी। परिजनों के अनुसार 10 नवंबर की सुबह करीब पांच किलोमीटर दूर एक गांव में उनके मोबाइल की लोकेशन का पता चला था। अगले दिन 11 नवंबर को बुद्धिनाथ के बड़े भाई चंद्रशेखर झा ने बेनीपट्टी पुलिस थाने में उनके लापता होने की बाबत शिकायत दर्ज कराई। 

दर्ज कराई गई शिकायत में इलाके के ग्यारह निजी नर्सिंग होम का नाम दिया गया था जिसके बारे में कहा गया कि बुद्धिनाथ झा के लापता होने में इनकी भूमिका हो सकती है क्योंकि पत्रकार ने उनके खिलाफ लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।

12 नवंबर की शाम को बेनीपट्टी से करीब पांच किलोमीटर दूर पर स्थित एक गांव से बिकाश को फोन आया कि स्टेट हाईवे के किनारे एक लाश है। ये सूचना मिलने के बाद बिकाश पुलिस के साथ वहां गए और उनकी पहचान की। उनका शव जला हुआ था। बिकाश कहते हैं कि हमने उनकी पहचान करने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया और बाद में उनके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

बेनीपट्टी के एसडीपीओ ने न्यूजक्लिक को कहा कि अभी मामले की जांच की जा जा रही है। 

बुद्धिनाथ की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई

बुद्धिनाथ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जिला के स्वास्थ्य अधिकारियों ने आठ निजी नर्सिंग होम की जांच की थी जो कथित तौर पर उचित लाइसेंस के बिना क्लिनिक चलाए जा रहे थे। इनमें से चार क्लीनिकों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

उन्होंने वर्ष 2019 में एक नर्सिंग होम खोला था जिसके चलते स्थानीय डॉक्टर नाराज थे। इसको लेकर उन्हें क्लीनिक बंद करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने इलाके में गैर कानूनी क्लीनिकों का पर्दाफाश करने का मन बना लिया और उन्होंने इस बाबत कई आरटीआई लगाईं। इसके संबंध में उन्होंने संबंधित विभागों में शिकायतें दर्ज कराई थी। 

बुद्धिनाथ के भाई त्रिलोक झा के अनुसार निजी नर्सिंग होम के खिलाफ की गई कार्रवाई से इसके मालिक नाराज थे। इनके मालिकों ने कई बार उन्हें धमकी दी थी और शिकायत दर्ज कराने से रोकने पर पैसे की पेशकश भी की थी। 

हत्या को लेकर प्रदर्शन 

बुद्धिनाथ की हत्या को लेकर रविवार को बेनीपट्टी के लोहिया चौक के पास लोगों ने प्रदर्शन किया और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद थे। मांग पत्र में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई और स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की गई। इसमें मधुबनी के आरक्षी आधीक्षक के गलत बयानी पर सार्वजनिक माफीनामा या बर्ख़ास्तगी की मांग की गई।

image

इसमें मृतक के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। साथ ही फर्जी नर्सिंग होम को अविलंब बंद कर संचालक पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। 

image

विपक्ष का सरकार पर हमला 

सीपीआइएम के प्रदेश सचिव अवधेश कुमार ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि इस हत्या की उच्च स्तरीय जांच की जाए और हत्यारे को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। पार्टी ने मृतक के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार में अनेकों जगहों पर हो रहे अपराधिक घटनाओं से लगता है कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि माफिया, अपराधी, पुलिस गठजोड़ को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते अपराध की घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। 

भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार पूरी तरह से अपराधियों के चंगुल में है। हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं दिखलाई पड़ती है। दरअसल, अपराधियों को सत्ता व प्रशासन का खुलेआम संरक्षण है इसलिए उनका मनोबल सातवें आसमान पर है और वे दिनदहाड़े हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मधुबनी जिला के बेनीपट्टी लोहिया चौक के निवासी पत्रकार व आरटीआई एक्टिविस्ट बुद्धिनाथ झा का अपहरण व उसके बाद निर्ममता से की गई हत्या बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि बिहार में आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या एक ट्रेंड बनता जा रहा है। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए कि आखिर बिहार में पत्रकारों व आरटीआई कार्यकर्ताओं को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस हत्याकांड को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि नीतीश राज में सच बोलना, गलत का विरोध करना सबसे बड़ा जुर्म है। सरकार में बैठे लोग अपने निजी हित के लिए माफियाओं और विरोधियों का मनोबल बढ़ाए हुए हैं। 

पहले भी हो चुकी हैं पत्रकारों की हत्याएं

इस साल 10 अगस्त को पूर्वी चंपारण में एक पत्रकार मनीष कुमार सिंह (30 वर्ष) की हत्‍या कर दी गई थी। अपराधियों ने उन्हें अगवा कर गला रेत कर हत्या कर दी थी। मनीष एक न्यूज चैनल से जुड़े हुए थे। 

13 मई 2016 को सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने उस समय उनकी हत्या कर दी थी जब वे अखबार के दफ्तर से अपनी बाइक से देर रात घर लौट रहे थे।

12 नवंबर 2016 को सासाराम में पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की बदमाशों ने हत्या कर दी थी। बिहार के समस्तीपुर 3 जनवरी 2017 को एक हिन्दी दैनिक के पत्रकार ब्रजकिशोर ब्रजेश की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। 

Bihar
Buddhinath
Buddhinath murdered case
bihar police
Press freedom
attack on journalists

Related Stories

पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया

यूपी में मीडिया का दमन: 5 साल में पत्रकारों के उत्पीड़न के 138 मामले

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

बिहार शेल्टर होम कांड-2: युवती ने अधीक्षिका पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- होता है गंदा काम

बिहारः पांच वर्ष की दलित बच्ची के साथ रेप, अस्पताल में भर्ती

बिहारः बंधक बनाकर नाबालिग लड़की से गोरखपुर में 1 महीने तक किया गैंगरेप

पत्रकार हत्याकांड- कैसे मेडिकल माफिया का अड्डा बन गया छोटा सा कस्बा बेनीपट्टी?


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License