NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार: नियुक्ति पत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी अभ्यार्थियों पर बर्बर लाठीचार्च, विपक्ष ने की निंदा
आंदोलनकारियों का कहना था कि धरना देने का विधिवत आदेश प्राप्त था, बावजूद इसके, अचानक 19 जनवरी देर शाम बड़ी संख्या में पुलिस बल के द्वारा धरनार्थियों को पीटा गया, उनके सामान को उठाकर फेंक दिया गया और बने पंडाल को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। फिर भी आंदोलनकारी डटे हुए हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Jan 2021
बिहार: नियुक्ति पत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी अभ्यार्थियों पर बर्बर लाठीचार्च, विपक्ष ने की निंदा

बिहार में 19 जनवरी की शाम को गर्दनीबाग में नियुक्ति पत्र देने की मांग को लेकर धरना दे रहे टी.ई.टी.-सी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यार्थियों पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया और उनके सामानों को फेंक दिया। यहाँ तक उनके टेंट को भी उखाड़ दिया गया।  ठंड की पूरी रात आंदोलनकारियों ने धरना स्थल के बगल में गर्दनीबाग स्टेडियम में बिताया। पटना पुलिस-प्रशासन के इस कृत्य को लेकर चारों तरफ निंदा हो रही है। इसे सरकार का असंवेदनशील कृत्य कहा जा रहा है। यह धरना 18 जनवरी को ही शुरू हुआ था और पुलिसया दमन के बाद भी अभी तक जारी है।

अब इन प्रदर्शनकारियों को विपक्षी नेताओं और दलों का भी समर्थन मिल रहा है।  कल यानि 20 जनवरी को नेता प्रतिपक्ष सहित वाम दलों के नेताओं ने भी प्रदर्शनकारियों से मुलाक़ात की।  

क्या है पूरा मामला?

आंदोलनकारियों ने बताया कि वे सभी टी.ई.टी. उत्तीण अभ्यार्थी हैं। उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को तुरंत नियुक्ति पत्र देने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार शिक्षकों की बहाली नहीं कर रही है। आंदोलनकारियों का कहना था कि धरना देने का विधिवत आदेश प्राप्त था, वाबजूद अचानक  19 जनवरी देर शाम बड़ी संख्या में पुलिस बल के द्वारा धरनार्थियों को पीटा गया, उनके समान को उठाकर फेंक दिया गया और बने पंडाल को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। फिर भी आंदोलनकारी डटे हुए हैं ।

धरना स्थल पर मंगलवार सुबह से ही अभ्यर्थियों द्वारा नारेबाजी और मांग पूरा करने को लेकर प्रदर्शन चल रहा था। दोपहर दो बजे धरना स्थल के गेट पर कुछ अभ्यर्थियों द्वारा प्रदर्शन तेज कर दी गयी। इसके बाद पुलिस ने दोनों गेट बंद करके लाठीचार्ज शुरू किया। धरना स्थल से सभी अभ्यर्थियों को हटाया गया। ज्ञात हो कि प्रदेश भर के टीईटी अभ्यर्थी 18 जनवरी से गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे। चार दिवसीय आंदोलन और धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन अभ्यर्थियों की संख्या दोगुना हो गई थी।

सी.पी.आई.(एम.) के राज्य सचिव अवधेश कुमार, पटना जिला सचिव मनोज चन्द्रवंशी, एस.एफ.आई. के नेता कुमार निशांत और दीपक गर्दनीबाग स्टेडियम जाकर आंदोलनकारियों से भेंट की तथा उनकी मांगों और पुलिस ज़्यादती के बारे में पूरी जानकारी लेते दिखे।

गर्दनीबाग स्टेडियम में धरनार्थियों को संबोधित करते हुए सीपीआई(एम) के राज्य सचिव ने पुलिस की ज्यादत्ती की घोर निन्दा करते हुए, पार्टी की ओर से उनके आंदोलन के प्रति एकजुटता का इजहार किया। राज्य सचिव ने नीतीश सरकार की तानाशाही वाले कदम की आलोचना करते हुए पूछा कि 19 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा का क्या हुआ? यह भी शायद चुनावी जुमला ही था। उन्होंने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी विधानसभा के अन्दर और बाहर उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को तुरंत नियुक्ति पत्र देने की मांग पर आंदोलन करेगी। उन्होंने नीतीश सरकार से उत्तीर्ण अभ्यिार्थियों को तुरंत नियुक्ति पत्र देने की मांग की।

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर स्कूलों में योगदान की गारंटी करवाने की बजाए सरकार लाठी-गोली की भाषा बोल रही है। हम सबको याद है कि विगत विधानसभा चुनाव में जब एनडीए गठबंधन को अपनी हार सुनिश्चित दिखाई पड़ने लगी थी, तो उसने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था।  लेकिन सत्ता में आते ही उसने अपने उस वादे को भुला दिया और पहले की ही तरह दमन का रुख अख्तियार किए हुए है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि 94 हजार छात्र 2017 में ही टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपने नियोजन की बाट जोह रहे हैं. 2019 में उनसे आवेदन भी लिए गए गए लेकिन नियोजन नहीं हो रहा है. तीन साल बीत जाने के बाद भी जब सरकार ने कोई यथोचित कदम नहीं उठाया, तब उन्होंने आंदोलन का रास्ता पकड़ा है।  होना तो यह चाहिए था कि सरकार तत्काल उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करती, उनके नियोजन का उपाय निकालती, लेकिन सत्ता के घमंड में चूर भाजपा-जदयू की सरकार लाठी चलवा रही है।

तेजस्वी आंदोलनरत शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने में शामिल हुए

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव बुधवार की देर शाम पटना में आंदोलनरत शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने में शामिल हुए ।

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि इतनी ठंड में आंदोलनरत शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करवाया गया और उनके पंडाल को उखड़वा दिया गया।

तेजस्वी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद 94,000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं दिया जा रहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदा बेरोजगारों, छात्रों, शिक्षकों, नौजवानों और किसानों के समर्थन में हूँ और रहूँगा। विपक्ष में रहते हुए भी बेरोजगार साथियों को नौकरी दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।’’

बता दें कि कड़ाके की ठंड में भी गर्दनीबाग धरना स्थल पर सैकड़ों नियोजित शिक्षक अभ्यर्थी डटे हुए थे. वे हर हाल में सरकार से नियोजन को लेकर लिखित आश्वासन मांग रहे थे. लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया.

शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग है कि जिला स्तर पर ओपेन कैंप के माध्यम से काउंसिलिंग और नियुक्ति पत्र वितरण करने संबंधी शेड्यूल जल्द से जल्द जारी किया जाए. 

Bihar
TET-CTET
bihar police
Police lathicharge
Nitish Kumar
Tejashwi Yadav
CPI-M
CPI-ML

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License