NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
भारत बंद को सफल बनाने के लिए हर वर्ग से समर्थन मिल रहा हैः सीपीआई (एम)
पटना के जमाल रोड स्थित सीपीआई (एम) के कार्यालय में "भारत बंद" की तैयारियों को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस कॉन्फ्रेंस में तीन वाम दलों सीपीआई (एम), सीपीआई और सीपीआई (एमएल) शामिल हुए।
एम.ओबैद
24 Sep 2021
Bharat Band

27 सितंबर को 'भारत बंद' करने के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर सभी वाम दलों की बिहार इकाईयों ने समर्थन किया है। आज यानी 24 सितंबर को पटना के जमाल रोड स्थित सीपीआई (एम) के कार्यालय में बंद की तैयारियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस कॉन्फ्रेंस में तीन वाम दलों सीपीआई (एम), सीपीआई और सीपीआई (एमएल) शामिल हुए।

कॉन्फ्रेंस में सीपीआई (एम) की ओर से अरुण मिश्रा और गणेश शंकर सिंह, सीपीआई (एमएल) की ओर से केडी यादव और धीरेंद्र झा और सीपीआई के इरफान अहमद व इंदुभूषण शामिल हुए। सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य अरुण मिश्रा ने कहा कि इस बंद को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है। गुरुवार को मोटरसाइकिल जुलूस निकाला गया था। हर जगह सभाएं हो रही है। ये बंद बड़े पैमाने पर किया जाएगा। लगातार बैठकें हो रही हैं और तमाम जन संगठनों की ओर से प्रचार अभियान जारी है। इसको लेकर काफी अच्छा रेस्पॉन्स है और बंद काफी सफल होगा। इस बंद में हर वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। बंद में शामिल होने के लिए हमलोगों ने व्यापारियों से भी कहा है। उन लोगों की तरफ से भी काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिला है। युवा संगठन और महिला संगठन समेत हर वर्ग के लोग इस बंद में शामिल हो रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि अन्य विपक्षी दलों ने भी भारत बंद के लिए समर्थन दिया है।

पूछे जाने पर कि क्या कृषि कानूनों के अलावा और कोई मुद्दा है जिसको इसमें शामिल किया जाएगा, तो मिश्रा ने कहा कि जनता के तमाम मुद्दों को इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूरों का कानून खत्म कर उनके लिए जो संहिताएं बना दी गई हैं उसे भी इसमें पूरजोर तरीके से उठाया जाएगा। साथ ही पब्लिक सेक्टर को बेचने और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले का मुद्दा भी काफी अहम है जिसे इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जनता के तमाम मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे हैं। बिहार में भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हो रहा है। खासकर यहां जो जल नल योजना है, उसमें एक बड़ी धांधली सामने आई है। बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिवार के लोग ठेकेदारी वगैरह से जुड़े हुए हैं। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से कहा कि उसमें एक रिपोर्ट छपी है जिसमें बताया गया है कि कहीं नल लगा है तो उसमें पानी नहीं है। इस तरह भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बंद में हमले बाढ़ के मुद्दे को भी शामिल किया है। बिहार में बाढ़ से किसानों की काफी क्षति हुई है। उनके पुनर्वास और मुआवजा दिलाने की भी मांग इसमें शामिल है।

इसे भी पढ़ें: “27 सितम्बर के भारत बंद को बिहार के किसान-मज़दूर बनाएंगे ऐतिहासिक”

अरुण मिश्रा ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा काफी लचर है। बिहार सरकार ने पिछली घटनाओं से भी सबक नही ली है। अगर खुदा न ख्वास्ते तीसरी लहर आती है तो फिर वैसी ही परिस्थिति उत्पन्न हो जाएगी जो परिस्थिति दूसरी लहर में देखी गई थी। इस पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार ये समझ रही है कि कोरोना का मामला खत्म हो गया है लेकिन इसकी तैयारी तो रखनी होगी। इसको लेकर सरकार पूरी तरह से निश्चिंत है। अभी अभी हाल में बच्चों के बुखार का मामला सामने आया है। जिस तरह वायरल फीवर से बच्चों की मृत्यु हो रही है और बड़ी संख्या में बच्चे अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं वह बेहद चिंता की बात है। दूसरी तरफ क्रोनिक बीमारी से ग्रसित लोग काफी उपेक्षित हैं।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल वाम दलों के अन्य नेताओं ने कहा कि पिछले 10 महीनों से किसान दिल्ली के मोर्चे पर डटे हुए हैं, अब तक 600 किसानों की शहादत हो चुकी है। इसके बावजूद अंबानी-अडानी परस्त केंद्र सरकार किसानों से वार्ता करने को तैयार नहीं है। यह संवेदनहीनता का चरम है। प्रस्तावित बिजली विधेयक के जरिए केंद्र सरकार बिजली का कारपोरेटीकरण करने में लगी है। जनता की गाढ़ी कमाई से खड़ी राष्ट्रीय सम्पदाओं जैसे रेल, सेल, भेल, सड़क, अस्पताल, बैंक, बीमा आदि को सरकार बेचने में लगी है।

इसे भी देखें: किसानों का भारत बंद सरकार की नींद तोड़ेगा

इसमें महंगाई का मुद्दा भी उठाया गया। वाम नेता ने कहा कि कमरतोड़ मंहगाई से त्रस्त जनता के ऊपर टैक्स का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। आज़ादी के बाद अर्थव्यवस्था की ऐसी बुरी हालत कभी नहीं हुई थी। बेरोजगारी की बढ़ती दर हर रोज नया रिकॉर्ड बना रही है। वहीं मज़दूरी दर में हाल के दिनों में भारी गिरावट हुई है। 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिता लाया गया है। इसके खिलाफ आगामी 27 सितंबर को संयुक्त किसान संगठनों के आह्वान पर आयोजित भारत बंद बिहार में ऐतिहासिक होने वाला है। वाम दल पूरी मुस्तैदी से बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरेंगे।

वामदल के नेताओं ने आगे कहा कि बिहार में बाढ़, किसानों-बटाईदारों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपये मुआवजा, मनरेगा मज़दूरों का कार्ड, काम और समय पर मज़दूरी भुगतान की गारंटी, मनरेगा में दैनिक मज़दूरी 600 रुपये करने, वायरल फीवर से लगातार हो रही मौत आदि सवालों को भी उठाया जाएगा।

वाम नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार की बहुप्रचारित नल-जल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार व लूट बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। इन तथ्यों से जाहिर है कि भाजपा-जदयू संरक्षित ताकतों ने आम लोगों से पेयजल छीनने का काम किया है। इसलिए वाम दल इस पूरे मामले की हाईकोर्ट के सीटिंग जज से न्यायिक जांच कराने की मांग करते हैं। साथ ही, वाम नेताओं ने राष्ट्रीय स्तर की किसी प्रतिष्ठित एजेंसी से सभी पंचायतों में नल-जल योजना की भौतिक स्थिति का सर्वे कराने की भी मांग की। यह भी कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती है तब तक नल-जल योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद को कैबिनेट से बाहर रखा जाए। वाम नेताओं ने बिहार की जनता से 27 सितंबर के भारत बंद को ऐतिहासिक बनाने की अपील की है।

ज्ञात हो कि बिहार में इस बंद को सफल बनाने के लिए सीपीआई (एम), सीपीआई, सीपीआई (माले) लिबरेशन, फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रदेश इकाई के नेताओं ने जमाल रोड स्थित सीपीआई (एम) के कार्यालय में पिछले सप्ताह भी बैठक की थी। इस बैठक की अध्यक्षता सीपीआई (एम) के प्रदेश सचिव अवधेश कुमार ने की थी।

इस बैठक में वाम दलों की प्रदेश की सभी जिला इकाईयों से 27 सितंबर को भारत बंद सफल बनाने का आह्वान किया गया। वाम दल इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि संयुक्त मोर्चा ने इस बंद के मद्देनजर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के अलावा बेरोजगारी, महंगाई, सरकारी संपत्ति को बेचने के साथ साथ श्रम कानून जैसे तमाम जन मुद्दों को अपने आंदोलन में जोर शोर से उठाने की योजना बनाई है। बता दें कि बिहार में वायरल फीवर ने बच्चों को परेशान कर रखा है। इसको लेकर सैंकड़ों की संख्या में बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए। इस फीवर ने कई मासूम बच्चों की जान ले ली। उधर उत्तर बिहार में आई बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। इसमें जान माल का भारी क्षति हुई है। वाम दलों ने बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सहायता के लिए पुनर्वास तथा फसलों के नुकसान को लेकर मुआवजा देने की मांग की है।

सीपीआई (एम) कार्यालय में हुई बैठक में सभी जिला समितियों को बैठक कर इस बंद को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने प्रचार प्रसार करने, लोगों को मुद्दों से परिचित कराने और उन्हें इस बंद में शामिल होने के लिए आह्वान किया गया। बैठक में सभी जिलों में 26 सितंबर को मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया था।

Bharat Bandh
Bihar
farmers
CPIM
CPI
CPIML
left
Farmers-workers unity
Corruption

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया


बाकी खबरें

  • No more rape
    सोनिया यादव
    दिल्ली गैंगरेप: निर्भया कांड के 9 साल बाद भी नहीं बदली राजधानी में महिला सुरक्षा की तस्वीर
    29 Jan 2022
    भारत के विकास की गौरवगाथा के बीच दिल्ली में एक महिला को कथित तौर पर अगवा कर उससे गैंग रेप किया गया। महिला का सिर मुंडा कर, उसके चेहरे पर स्याही पोती गई और जूतों की माला पहनाकर सड़क पर तमाशा बनाया गया…
  • Delhi High Court
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: तुगलकाबाद के सांसी कैंप की बेदखली के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दी राहत
    29 Jan 2022
    दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 फरवरी तक सांसी कैंप को प्रोटेक्शन देकर राहत प्रदान की। रेलवे प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में सांसी कैंप के हरियाणा में स्थित होने का मुद्दा उठाया किंतु कल हुई बहस में रेलवे ने…
  • Villagers in Odisha
    पीपल्स डिस्पैच
    ओडिशा में जिंदल इस्पात संयंत्र के ख़िलाफ़ संघर्ष में उतरे लोग
    29 Jan 2022
    पिछले दो महीनों से, ओडिशा के ढिंकिया गांव के लोग 4000 एकड़ जमीन जिंदल स्टील वर्क्स की एक स्टील परियोजना को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह परियोजना यहां के 40,000 ग्रामवासियों की…
  • Labour
    दित्सा भट्टाचार्य
    जलवायु परिवर्तन के कारण भारत ने गंवाए 259 अरब श्रम घंटे- स्टडी
    29 Jan 2022
    खुले में कामकाज करने वाली कामकाजी उम्र की आबादी के हिस्से में श्रम हानि का प्रतिशत सबसे अधिक दक्षिण, पूर्व एवं दक्षिण पूर्व एशिया में है, जहाँ बड़ी संख्या में कामकाजी उम्र के लोग कृषि क्षेत्र में…
  • Uttarakhand
    सत्यम कुमार
    उत्तराखंड : नदियों का दोहन और बढ़ता अवैध ख़नन, चुनावों में बना बड़ा मुद्दा
    29 Jan 2022
    नदियों में होने वाला अवैज्ञानिक और अवैध खनन प्रकृति के साथ-साथ राज्य के खजाने को भी दो तरफ़ा नुकसान पहुंचा रहा है, पहला अवैध खनन के चलते खनन का सही मूल्य पूर्ण रूप से राज्य सरकार के ख़ज़ाने तक नहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License