NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
समाज
भारत
बिहार की प्रवासी महिला मलयालम साक्षरता परीक्षा में रही अव्वल
मिशन की निदेशक पीएस श्रीकला ने हाल ही में काथुर के घर जाकर उनकी इस अनूठी उपलब्धि पर बधाई दी।  काथुर ने कहा, '' चांगति योजना के तहत तैयार की गई ‘‘हमारी मलयालम’’ नाम की किताब रोजमर्रा के कामों में भी मददगार साबित हुई। '' 
भाषा
15 Feb 2020
Bihari-migrant-woman-emerges-topper-in-Malayalam
image courtesy :Mathrubhumi

कोल्लम: मलयालम मातृभाषा नहीं होने के बाद भी बिहार की 26 वर्षीय प्रवासी महिला ने इस पारंपरिक भाषा में हुई साक्षरता परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। केरल में प्रवासी मजदूरों को मलयालम सिखाने के लिए यह साक्षरता परीक्षा आयोजित की जाती है। 
बिहार के एक अंजान गांव से आई रोमिया काथुर ने मलयालम भाषा में गहरी पकड़ बनाते हुए हाल ही में केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की ओर से आयोजित परीक्षा में पूरे 100 अंक लाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। काथुर करीब छह साल पहले काम की तलाश में अपने पति सैफुल्लाह के साथ केरल पहुंची और दक्षिणी कोल्लम जिले के उमयानालूर में बस गई। 
यहां एक छोटी सी जूस की दुकान चलाने वाली तीन बच्चों की मां काथुर ने अपनी चार महीने की बेटी तमन्ना को अपने साथ ले जाकर पिछले महीने स्थानीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा दी थी। पूरे राज्य में 19 जनवरी को आयोजित हुई साक्षरता परीक्षा योजना ''चांगति (दोस्त)'' के दूसरे चरण में कुल 1998 प्रवासी मजदूरों ने भाग लिया था। ''चांगति'' योजना का लक्ष्य प्रवासी मजदूरों को चार महीने के भीतर मलयालम भाषा सिखाना है। 

साक्षरता मिशन के अधिकारियों ने बताया कि इसकी शुरुआत 15 अगस्त 2017 को एर्णाकुलम जिले के पेरंबुवूर में हुई थी, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि ''चांगति'' योजना के दो चरणों में करीब 3700 प्रवासियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की। 

मिशन की निदेशक पीएस श्रीकला ने हाल ही में काथुर के घर जाकर उनकी इस अनूठी उपलब्धि पर बधाई दी।  काथुर ने कहा, '' चांगति योजना के तहत तैयार की गई ‘‘हमारी मलयालम’’ नाम की किताब रोजमर्रा के कामों में भी मददगार साबित हुई। '' 
     

bihari migrant woman
malayalam
literacy exam
Kerala

Related Stories

बिहार के बाद बंगाल के स्कूली बच्चों में सबसे ज़्यादा डिजिटल विभाजन : एएसईआर सर्वे

ऑनलाइन कक्षाओं के लिए नए डिजिटल ऐप का होगा इस्तेमाल: केरल मंत्री

केरल: नौ महीनों बाद फिर से खुले स्कूल

शिक्षा के 'केरल मॉडल' को दूसरे राज्यों को भी क्यों फॉलो करना चाहिए?

केरल की “फर्स्ट बेल”: डिजिटल शिक्षा के लोकतंत्रीकरण के लिए व्यापक जन-आन्दोलन की शुरुआत

ऑनलाइन एजुकेशन तो ठीक है लेकिन कहीं ये 'डिजिटल खाई' तो नहीं बना रहा है?


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License