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चीनी छात्रों के प्रवेश को सीमित करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में बिल पेश
सत्तारूढ़ पार्टी के दो सांसदों ने अमेरिकी विश्वविद्यालय के कुछ कार्यक्रमों में प्रवेश पाने से चीनी छात्रों को रोकने के लिए बिल पेश किया।
पीपल्स डिस्पैच
28 May 2020
चीनी छात्र

यूएस रिपब्लिकन पार्टी के दो संघीय सांसदों ने 27 मई को एक बिल पेश किया जो कुछ विषयों में चीनी छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने से रोक देगा। सीनेटर टॉम कॉटन और मार्शा ब्लैकबर्न ने इस बिल को अमेरिकी सीनेट में पेश किया इस बीच आरोप लगाया कि चीनी सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका से तकनीकी और वैज्ञानिक विशेषज्ञता को "चोरी" करने के लिए छात्र और शोध वीजा का लाभ उठाती रही है।

सिक्योर कैंपस एक्ट नाम का यह बिल एसटीईएम विषयों (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा) के कार्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा से सभी चीनी छात्रों पर प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ करेगा। ये बिल चीनी छात्रों को प्रयोगशालाओं और अनुसंधान परिसरों में काम होने वाले किसी भी अनुसंधान परियोजनाओं का हिस्सा होने से रोक देगा।

यह उन लोगों को भी रोकेगा और पड़ताल करेगा जिन्होंने विदेशी प्रतिभा भर्ती कार्यक्रमों में काम किया है, जो अमेरिका में काम करने के लिए पर्याप्त छात्रवृत्ति और पारिश्रमिक के साथ विदेशी छात्रों को हायर करते हैं। इस बिल में पहचान किए गए सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों, हांगकांग और ताइवान के छात्रों और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा छूट वाले छात्रों को छूट दी गई है।

इस बिल का प्रस्ताव अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ बैठक के बाद चीनी छात्रों के लिए वीजा को सीमित करने के लिए तंत्र तैयार करने के ट्रम्प के संकेत के एक दिन के भीतर आया है।

प्रस्तावित क़ानून को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा जासूसी और बौद्धिक संपदा की चोरी से निपटने के साधन के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस बिल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी रिपब्लिकन पार्टी के सत्तारूढ़ दक्षिणपंथी प्रशासन द्वारा चीनी छात्रों और चीन पर हमले की नई घटना के रूप में देखा जा रहा है।

ट्रम्प ने बार-बार नोवेल कोरोनोवायरस महामारी के लिए चीन को दोषी ठहराया है और इसे "चीनी वायरस" कहा है। ट्रम्प और उनकी सरकार के अधिकारियों और मास मीडिया में उनके समर्थकों के इस तरह के बयान ने न केवल चीनी नागरिकों बल्कि एशियाई अमेरिकी समुदाय के ख़िलाफ़ हमलों और भेदभाव के मामलों में एक साथ वृद्धि सामने आई।

चीनी छात्रों का अमेरिका में सबसे ज़्यादा संख्या है। शैक्षणिक वर्ष 2017-2018 में सरकारी अनुमानों के अनुसार अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों में 3,60,000 छात्रों के क़रीब थें और देश की अर्थव्यवस्था में 13 बिलियन अमरीकी डॉलर के क़रीब योगदान दिया।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

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