NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अगले चीफ जस्टिस के लिए बोबडे के नाम की सिफारिश
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीफ जस्टिस गोगोई ने विधि एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिखकर जस्टिस बोबडे को अगला सीजेआई बनाने की सिफारिश की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Oct 2019
chief justice of india
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (बाएं) और जस्टिस बोबडे (दाएं)। फाइल फोटो, साभार : दैनिक भास्कर 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को केंद्र को एक पत्र भेजकर उच्चतम न्यायालय में अपने बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश एस ए बोबडे को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि न्यायमूर्ति गोगोई ने विधि एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति बोबडे को अगला प्रधान न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है।

न्यायमूर्ति गोगोई ने तीन अक्टूबर 2018 को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। वह 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने परम्परा के अनुसार अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बाद अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश की है।

कौन हैं जस्टिस बोबडे?

जस्टिस बोबडे का पूरा नाम शरद अरविंद बोबडे (एस ए बोबडे) है। उनका जन्म 24 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ।
बोबडे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस हैं। आप महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुंबई और महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के चांसलर हैं। 63 साल के जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 को रिटायर होंगे।

बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं जस्टिस बोबडे

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधार कार्ड को लेकर दिए गए आदेश में जस्टिस एस. एस. बोबडे भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई भी भारतीय मूल सुविधाओं से वंचित नहीं रह सकता है। इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन शामिल थे।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए बनाई आंतरिक समिति में जस्टिस एस. ए. बोबडे को नियुक्त किया था। उन्होंने ही जांच के लिए अपने साथ दो न्यायधीशों एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी को शामिल कर इसकी जांच कर महिला इंटर्न के आरोपों को खारिज कर दिया था।  

2016 में तीन बच्चों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई थी। इस फैसले में जस्टिस एस. ए. बोबडे भी शामिल थे।

अब राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की रोज़ाना हुई सुनवाई में भी जस्टिस एस. एस बोबडे भी शामिल रहे। पांच जजों की इस संविधान पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नज़ीर शामिल हैं। यह पीठ इस मामले में जल्द फैसला सुनाने वाली है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Chief justice of India
Justice Bobde
Justice Ranjan Gogoi
supreme court judges
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • Lenin
    अनीश अंकुर
    लेनिन: ‘‘कल बहुत जल्दी होता... और कल बहुत देर हो चुकी होगी... समय है आज’’
    22 Apr 2022
    लेनिन के जन्म की 152वीं सालगिरह पर पुनर्प्रकाशित: कहा जाता है कि सत्रहवी शताब्दी की अंग्रेज़ क्रांति क्रामवेल के बगैर, अठारहवीं सदी की फ्रांसीसी क्रांति रॉब्सपीयर के बगैर भी संपन्न होती लेकिन बीसवीं…
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,451 नए मामले, 54 मरीज़ों की मौत 
    22 Apr 2022
    दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज मुफ्त देने का ऐलान किया है। 
  • पीपल्स डिस्पैच
    नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर
    22 Apr 2022
    जर्मनी, कनाडा, यूके, नीदरलैंड और रोमानिया उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने यूक्रेन को और ज़्यादा हथियारों की आपूर्ति का वादा किया है। अमेरिका पहले ही एक हफ़्ते में एक अरब डॉलर क़ीमत के हथियारों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    सामूहिक विनाश के प्रवासी पक्षी
    22 Apr 2022
    रूसियों ने चौंकाने वाला दावा किया है कि, पेंटागन की जैव-प्रयोगशालाओं में तैयार किए गए डिजिटलीकृत प्रवासी पक्षी वास्तव में उनके क़ब्ज़े में आ गए हैं।
  • रश्मि सहगल
    उत्तराखंड समान नागरिक संहिता चाहता है, इसका क्या मतलब है?
    21 Apr 2022
    भाजपा के नेता समय-समय पर, मतदाताओं का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने के लिए, यूसीसी का मुद्दा उछालते रहते हैं। फिर, यह केवल एक संहिता का मामला नहीं है, जो मुसलमानों को फिक्रमंद करता है। यह हिंदुओं पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License