NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बजट में मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात और युवाओं की जीविका पर प्रहार: विपक्ष 
“सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘विश्वासघात’ और युवाओं की जीविका पर ‘आपराधिक प्रहार’ किया है।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Feb 2022
cartoon

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को लोकसभा में आम बजट 2022-23 पेश करते हुए अपने भाषण में इस बजट को अगले 25 साल का ब्लू प्रिंट कहा है, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हए इसे आम जन के अनुकूल और प्रगतिशील करार दिया, लेकिन विपक्ष इससे सहमत नहीं है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘‘विश्वासघात’’ और युवाओं की जीविका पर ‘आपराधिक प्रहार’ किया है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है। मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।’’

M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!

Nothing for
- Salaried class
- Middle class
- The poor & deprived
- Youth
- Farmers
- MSMEs

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार के वादे एक के एक बाद झूठ साबित होते जा रहे हैं। राजकोषीय घाटा बहुत ही ज्यादा है... कॉरपोरेट कर घटाया (गया बजट में)। आम लोगों को राहत नहीं दी। वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण के दौरान महाभारत का उल्लेख किया। मैं तो यही कहूंगा कि यह ‘द्रोणाचार्य और अर्जुन का बजट’ है, ‘एकलव्य का बजट’ नहीं है।’’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है।

सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 प्रतिशत भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं। नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं। महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया?’’

Budget for whom?
The richest 10% Indians owns 75% of the country's wealth.
Bottom 60% own less than 5%.
Why are those who amassed super profits during the pandemic, while joblessness, poverty & hunger have grown, not being taxed more?#Budget2022

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 1, 2022

उन्होंने दावा किया, ‘‘शहरी रोजगार गारंटी के बारे में कोई घोषणा नहीं हुई। मनरेगा के लिए आवंटन पिछले साल के बराबर 73 हजार करोड़ रुपये रहा। युवाओं की जीविका पर आपराधिक हमला हुआ है।’’
 
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है । बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है। ‘पेगासस स्पिन बजट’ है।’’

BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING - A PEGASUS SPIN BUDGET

— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बजट से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और मध्य वर्ग की परवाह नहीं करते।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हीरे सरकार के सबसे अच्छे मित्र हैं। किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री कोई परवाह नहीं करते।

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘करोना काल में लोगों को बजट से बहुत उम्मीद थी। बजट ने लोगों को मायूस किया। आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है। महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं।’’

करोना काल में लोगों को बजट से बहुत उम्मीद थी। बजट ने लोगों को मायूस किया। आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है। महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं।

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 1, 2022

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?’’

1. संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों? 1/2

— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2022

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप (ही) थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है। करों की मार लोगों का जीना दूभर किए हुए है। इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने का होता तो बेहतर होता।’’

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अतुल कुमार अनजान ने आरोप लगाया कि इस बजट में ग्रामीण भारत और आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘एक तरफ ग्रामीण भारत और आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई तो दूसरी ओर कारपोरेट कर कम करके देश के संपन्न लोगों को को सहूलियत दी गई है। किसानों, युवाओं के लिए कुछ नहीं किया गया। सरकार देश की आर्थिक प्रगति की गाड़ी को पटरी पर लाने में विफल साबित हुई है।’’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय बजट महंगाई बढ़ाने वाला, उद्योगपतियों की जेब भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला साबित होगा। 
 
उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा दोगुना हो गया है, इस बजट के बाद यह घाटा और बढ़ने वाला है तथा बजट में किसान, आम आदमी, गरीब, महिलाओं एवं वंचित वर्ग के लिये कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं। 
 
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Union Budget 2022
Budget 2022-23
Nirmala Sitharaman
Middle class
opposition parties
Congress
AAP
TMC
BSP
SP
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License