NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
CAA/NRC: कोलकाता का पार्क सर्कस मैदान बना ‘शाहीन बाग’
एक ओर दिल्ली पुलिस शाहीन बाग के धरने को हटाने के प्रयास में लगी है तो वहीं दूसरी ओर देश के कई अन्य इलाकों में शाहीन बाग़ जैसे मोर्चे खुल गए हैं। यूपी के लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर के अलावा बिहार के गया और कोलकाता के पार्क सर्कस में भी शाहीन बाग की झलक देखने को मिल रही है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Jan 2020
CAA Protest

नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए और एनआरसी के खिलाफ देश भर में छात्रों, नागरिक समाज के लोगों और महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के धरने को हटाने और बचाने की कोशिशें लगातार जारी हैं, इस बीच देश के कई इलाकों में शाहीन बाग़ जैसे मोर्चे खुल गए हैं। कोलकाता में महिलाएं 7 जनवरी से पार्क सर्कस मैदान में धरना दे रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि जब तक उनके पक्ष में ‘फैसला’ नहीं आ जाता तब तक वे यहां से नहीं हटेंगी। यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे धरना-प्रदर्शन की तरह है।

इस प्रदर्शन में पेशवर महिलाओं से लेकर आम गृहिणी भी हिस्सा ले रही हैं। यहां धरना दे रही महिलाओं में से एक युवा शोधार्थी नौशीन बाबा खान ने कहा, ‘‘यह करो या मरो की लड़ाई है। हम यहां शांति से तब तक बैठेंगे जब तक फैसला हमारे पक्ष में नहीं आ जाता है।’’
         
सीएए को लेकर डाले गए 59 याचिकाओं की सुनवाई 22 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में होनी है। इसको लेकर उन्होंने कहा, ‘‘ देखें क्या होता है! न्यायिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं लेकिन अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया तो धरना जारी रहेगा।’’
         
वहीं एक गृहिणी फरहत इस्लाम ने कहा, ‘‘ हम यहां खुले में ठंड को झेलते हुए बैठे हैं। हम बीते 10 दिनों से यहां से करीब 100 मीटर दूर स्थित नजदीकी मस्जिद में महिला शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कभी यहां से हटने के बारे में नहीं सोचा।’’
         
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं और अब भाजपा सीएए के नाम पर प्रमाणित भारतीय लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है।’’ फरहत ने कहा कि करीब 10 दिन के धरने के बाद कोलकाता नगर निगम प्रशासन ने तीन-चार बायो शौचालय और अन्य जरूरी सुविधाएं महिलाओं को 17 जनवरी को मुहैया कराई हैं।
         
धरने पर बैठी महिलाओं को पेश आ रही समस्याओं के बारे में फरहत ने कहा, ‘‘आलिया विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय, यादवपुर विश्वविद्यालय, सुरेंद्रनाथ कॉलेज के विद्यार्थियों ने सैनिटरी नैपकिन मुहैया कराए हैं जबकि इलाके के लोग हर संभावित सहायता पहुंचा रहे हैं।’’
         
पेशे से फल विक्रेता अर्जुन तिवारी ने कहा, ‘‘ हमारी बहनें हमारे अधिकारों की लड़ाई के लिए काफी समस्याओं का सामना कर रही हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी मदद करें।’’

गौरतलब है कि यूपी में लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर के अलावा बिहार के गया में भी शाहीन बाग की झलक देखने को मिल रही है। यहां जारी प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाएं और छात्र शामिल हैं। यहां इंक़लाब जिंदाबाद, लड़ेंगे जीतेंगे, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगातार लगाए जाते हैं। प्रदर्शनकारी रंगीन तख्तियाँ, पोस्टर और बैनर लेकर रात भर प्रदर्शन कर रहे हैं। 
     
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

CAA
NRC
kolkata
NRC CAA protest
Shaheen Bagh
Citizenship Amendment Act
Women Leadership
BJP
Narendra modi
Amit Shah

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल


बाकी खबरें

  • MGNREGA
    सरोजिनी बिष्ट
    ग्राउंड रिपोर्ट: जल के अभाव में खुद प्यासे दिखे- ‘आदर्श तालाब’
    27 Apr 2022
    मनरेगा में बनाये गए तलाबों की स्थिति का जायजा लेने के लिए जब हम लखनऊ से सटे कुछ गाँवों में पहुँचे तो ‘आदर्श’ के नाम पर तालाबों की स्थिति कुछ और ही बयाँ कर रही थी।
  • kashmir
    सुहैल भट्ट
    कश्मीर में ज़मीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षा और मानदेय के लिए संघर्ष कर रहे हैं
    27 Apr 2022
    सरपंचों का आरोप है कि उग्रवादी हमलों ने पंचायती सिस्टम को अपंग कर दिया है क्योंकि वे ग्राम सभाएं करने में लाचार हो गए हैं, जो कि जमीनी स्तर पर लोगों की लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए…
  • THUMBNAIL
    विजय विनीत
    बीएचयू: अंबेडकर जयंती मनाने वाले छात्रों पर लगातार हमले, लेकिन पुलिस और कुलपति ख़ामोश!
    27 Apr 2022
    "जाति-पात तोड़ने का नारा दे रहे जनवादी प्रगतिशील छात्रों पर मनुवादियों का हमला इस बात की पुष्टि कर रहा है कि समाज को विशेष ध्यान देने और मज़बूती के साथ लामबंद होने की ज़रूरत है।"
  • सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    पीपल्स डिस्पैच
    सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    रक्षा पर सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाले 10 देशों में से 4 नाटो के सदस्य हैं। 2021 में उन्होंने कुल वैश्विक खर्च का लगभग आधा हिस्सा खर्च किया।
  • picture
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अर्जेंटीना ने लिया 45 अरब डॉलर का कर्ज
    27 Apr 2022
    अर्जेंटीना की सरकार ने अपने देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के साथ 45 अरब डॉलर की डील पर समझौता किया। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License