NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन : कन्हैया कुमार के नेतृत्व वाली जन-गण-मन यात्रा पर हमला
हमलावर सीएए-एनआरसी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। उन्होंने छपरा के कोपा में यात्रा में शामिल वाहनों को नुक़सान पहुंचाया और पथराव किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Feb 2020
Kanhaiya kumar

पटना : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नेता, कन्हैया कुमार के नेतृत्व में हो रही जन-गण-मन यात्रा पर 1 फ़रवरी की दोपहर में हमला हुआ। यह हमला बिहार के छपरा ज़िले क़रीब 1 बजे हुआ। दावा किया जा रहा है कि यह हमला दक्षिणपंथी युवाओं के एक समूह ने किया है।  यह विरोध मार्च सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में था।

हमलावर CAA-एनआरसी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। उन्होंने छपरा के कोपा में यात्रा में शामिल वाहनों को नुक़सान पहुंचाया, पथराव किया और मार्च को रोकने की कोशिश की। बिहार के कडवा से कांग्रेस विधायक और पूर्व जेएनयूएसयू के अध्यक्ष  शकील अहमद ख़ान, जो यात्रा में कन्हैया के साथ थे, उन्होंने कहा, "पांच गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए और कुछ लोगों को गंभीर चोट आई है। कन्हैया सुरक्षित हैं और अब इस यात्रा के दौरान अतिरिक्त देखभाल और सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा, क्योंकि आगे और भी हमले होने की आशंका है।"

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए वो कहते है, "यह दक्षिणपंथी ताक़तों द्वारा एक संगठित हमला था क्योंकि इस  यात्रा को रास्ते में आने वाले सभी गांव और समुदायों से स्थानीय लोगों द्वारा भारी समर्थन मिल रहा है। प्रत्येक सार्वजनिक सभा में भारी भीड़ एकत्र हुई है। कन्हैया के नेतृत्व वाली यात्रा पर हुए इस हमले ने सीएए-एनआरसी का समर्थन करने वाले लोगों की हिंसक मानसिकता को उजागर किया है। लेकिन एक बात जिस पर प्रकाश डाला जाना चाहिए वह यह है कि इसमें प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही दिखी। स्थानीय पुलिस को पूर्व सूचना मिली थी कि हमारी यात्रा का विरोध करने के लिए लगभग 20 युवाओं का एक समूह कोपा में खड़ा था। हालाँकि, इसके बाद भी पुलिस सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही।" 

सिवान से छपरा रवाना होने से पहले, कन्हैया ने न्यूज़क्लिक से बताया कि CAA-एनआरसी-एनपीआर के ख़िलाफ़ चल रही इस यात्रा में हमारी उम्मीद से बड़ी संख्या में लोग आकर्षित हो रहे हैं।"

दिलचस्प बात यह है यह हमला स्थानीय पुलिस के मौजूदगी में हुआ है, जो दरअसल प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए तैनात थी। इस मार्च पर यह कोई पहला हमला नहीं था। इससे पहले बेतिया, पश्चिम चंपारण और गोपालगंज ज़िलों में भी इस यात्रा को विरोध का सामना करना पड़ा था।

बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले के भितिहरवा आश्रम से यह यात्रा 30 जनवरी को मार्च शुरू हुई थी। यह महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह से जुड़ी ऐतिहासिक भूमि है। पूरे राज्य में घूमने के बाद यह यात्रा पटना के गांधी मैदान में 29 फ़रवरी को ख़त्म होगा।

दो दिन पहले भी हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था जब एक आदेश के कारण स्थानीय प्रशासन ने कन्हैया कुमार, अन्य लोगों के साथ एक बैठक करने की अनुमति दी और उसके बाद लगभग एक घंटे के लिए हिरासत में लिया गया। यह यात्रा एक महीने तक चलने वाली है।

ख़ान ने कहा, "इस यात्रा का उद्देश्य है लोगों तक पहुँचना। यह बिहार के सभी 38 ज़िलों को कवर करेगा और लोगों को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा सीएए-एनआरसी-एनपीआर के बारे में प्रचारित मिथकों का पर्दाफ़ाश करेगा। इसका उद्देश्य सभी समुदायों के लोगों को शिक्षित करना और केंद्र सरकार की जन-विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए उन्हें एक साथ लाना है। यात्रा के दौरान, हम लोगों के वास्तविक मुद्दों जैसे कि बेरोज़गारी, ग़रीबी, आर्थिक मंदी, किसानों को मूल्य वृद्धि और अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"

बिहार के मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी दल जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार सीएए का समर्थन कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं- प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को निष्कासित कर दिया।  जिन्होंने सीएए का समर्थन करने के निर्णय को चुनौती दी थी।

Bihar
CAA
NRC
NRC CAA protest
Kanhaiya Kumar
Attack on Jan-Gan-Man Yatra
Nitish Kumar
Nitish Kumar Government

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

पटना: विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त सीटों को भरने के लिए 'रोज़गार अधिकार महासम्मेलन'

बिहार बजट सत्र: विधानसभा में उठा शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर भर्ती का मामला 

बिहार : सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली को लेकर करेंगे आंदोलन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License