NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सीएएः उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं के स्थानांतरण के लिए एससी पहुंचा केन्द्र
अदालत ने कहा ‘पहली नजर में हमारा मत है कि नागरिकता संशोधन क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं की उच्च न्यायालयों को सुनवाई करनी चाहिए।'
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
08 Jan 2020
supreme court

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं के उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरण के लिए केन्द्र ने बुधवार को शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की। 

इस पर प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने स्थानांतरण याचिका पर 10 जनवरी को सुनवाई की जाएगी।

हालांकि पीठ ने कहा, ‘‘पहली नजर में हमारा मत है कि नागरिकता संशोधन क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं की उच्च न्यायालयों को सुनवाई करनी चाहिए और अगर इस मामले में परस्पर विरोधी मत हुए तो हम इस पर ग़ौर कर सकते हैं।’’ केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालयों द्वारा परस्पर विरोधी दृष्टिकोण अपनाने से समस्या हो सकती है और वकीलों को भी इससे संबंधित कार्यवाही में शामिल होने के लिए अलग अलग राज्यों का दौरा करना पड़ेगा।

इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के मामलों की सुनवाई के लिए वकीलों का अलग अलग राज्यों में जाना उसकी प्राथमिकता नहीं है। मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि इसी तरह की एक याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध है। इस पर न्यायालय ने कहा कि स्थानांतरण याचिका पर शुक्रवार (10 जनवरी) को सुनवाई की जाएगी।

शीर्ष अदालत इससे पहले 18 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता की विवेचना के लिए तैयार हो गया था लेकिन उसने इसके अमल पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। नागरिकता संशोधन क़ानून में 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के सदस्यों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

शीर्ष अदालत ने इस क़ानून को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था और इसे जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।

शीर्ष अदालत में नागरिकता संशोधन क़ानून की वैधता को चुनौती देने वालों में कांग्रेस के जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, राजद नेता मनोज झा, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, गैर सरकारी संगठन ‘रिहाई मंच’ और ‘सिटीजंस अगेन्स्ट हेट’, अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा और क़ानून के छात्र शामिल हैं।

(समाचार एजेन्सी भाषा इनपुट के साथ)

CAA
NRC
NPR
Supreme Court
BJP
modi sarkar

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License