NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए प्रदर्शन: हिंसा न होने के बावजूद यूपी पुलिस ने लोनी में लगाए प्रदर्शनकारियों के पोस्टर
गाजियाबाद के लोनी में पिछले शुक्रवार को एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ था। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के पोस्टर चौराहों पर लगा दिए गए हैं।
मुकुंद झा
23 Dec 2019
Ghaziabad police
Image courtesy: Twitter

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में है। इसका ताजा उदाहरण दिल्ली से सटे जनपद गाज़ियाबाद के लोनी इलाके का है। यहां शुक्रवार 20 दिंसबर को नमाज़ के बाद एक शंतिपूर्ण विरोध मार्च हुआ। इस प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की हिंसा भी नहीं हुई लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस एफआईआर को देखें तो 153 लोग नामज़द है और 1500 अज्ञात हैं। इन सभी पर लोनी में दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इतना ही नहीं जैसा की हमने देखा है संगीन आरोप में शामिल लोगों के बारे में इश्तहार दिया जाता है वैसे ही प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों की रैली की फोटो के पोस्टर बनाकर चौराहों पर लगाए गए हैं। यह कदम मामले में आरोपी का नाम बदनाम और शर्म करने के लिए लगाया गया है। पोस्टरों में लगभग 150 लोगों के चित्र हैं। आगे कहा गया है कि 1,500 लोगों में से जिनके खिलाफ हिंसक घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी, 152 की पहचान की गई है।

पुलिस ने बताया कि इस मामले अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। जिले के मुख्य मार्गों के किनारे लम्बे चौड़े पोस्टर लगे हैं। पुलिस ने पोस्टरों के माध्यम से जनता को यह भी आश्वासन दिया है कि इनके बारे में जानकारी देने वाले मुखबिर की पहचान छुपा दी जाएगी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार डीएम-एसएसपी ने शनिवार सुबह विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रणनीति बनाने के लिए अधीनस्थों के साथ बैठक की। प्रशासन ने इस मामले में किसी भी तरह की नरमी न बरतने के आदेश दिए हैं।

इस पूरे मामले पर न्यूज़क्लिक ने लोनी थाने के एसएचओ वीरेंद्र सिंह भड़ाना से फोन पर बात की उन्होंने भी कहा कि वहां किसी भी तरह की न कोई हिंसा हुई और न ही कोई तोड़फोड़ हुई हैं।
 
लकिन इसके बाद जब हमने उनसे पूछा, फिर इतनी कड़ी करवाई क्यों की जा रही है? तो इस सवाल सुनते ही उनका रवैया बहुत ही उखड़ा सा लगा। इससे पहले वो आराम से बात कर रहे थे लेकिन इसके बाद उन्होंने अचानक झल्लाते हुए कहा उनके पास इस सवाल का जबाब देने के लिए समय नहीं है। वो अभी मीटिंग में हैं।  

न्यूज़क्लिक ने इसके बाद उस इलाके के सर्किल ऑफिसर राजकुमार पांडे से भी फोन पर बात की। उनका भी कुछ इसी तरह का व्यवहार था। जब उनसे भी इस तरह के होर्डिंग को लेकर सवाल किया तो फोन कट कर दिया।

ऐसे ही पोस्टर में आए एक युवक से न्यूज़क्लिक ने बताया कि वो शुक्रवार की नमाज में गए थे। कुछ समय तक विरोध का हिस्सा रहे, फिर घर चले गए। अगले दिन उनके एक दोस्त ने व्हाट्सएप पर फोटो भेजी कि उनकी तस्वीर सड़क किनारे लगी है और पुलिस उन्हें खोज रही है। पहले तो उसे मजाक लगा लेकिन बाद में कई जानने वालों ने यह तस्वीर भेजी। इसके बाद से उनका पूरा परिवार डरा हुआ है।

उस युवक ने न्यूज़क्लिक से बताया कि वो किसी भी प्रदर्शन में शामिल नहीं होते हैं। वो सिर्फ उस दिन नमाज के लिए गए थे। प्रदर्शन करना उनका मकसद भी नहीं था।

वहीं, ज्यादातर स्थानीय लोगों का कहना कि यह विरोध प्रदर्शन बिलकुल शंतिपूर्ण रहा। बस कुछ देर सड़क जरूर बंद रही जोकि किसी भी प्रदर्शन में सामान्य बात है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह चौराहों पर हमारे बच्चों के पोस्टर लगाए जा रहे हैं जैसे वो कोई आतंकवादी हैं। ये गलत है। साथ ही जिस तरह कई लोगों को अचानक जिम, बाजार या अन्य जगहों से उठाया जा रहा है। इससे डर का माहौल है। इसी डर के चलते जिन लोगों की तश्वीर पोस्टर में है। उन्होंने इलाका छोड़ दिया है।

CAA
NRC
NRC CAA protest
UP police
Ghaziabad Police
nrc and citizenship act
FIR against Protesters

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

रेलवे भर्ती मामला: बर्बर पुलिसया हमलों के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने कोचिंग संचालकों पर कसा शिकंजा

रेलवे भर्ती मामला: बिहार से लेकर यूपी तक छात्र युवाओं का गुस्सा फूटा, पुलिस ने दिखाई बर्बरता

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

'यूपी मांगे रोज़गार अभियान' के तहत लखनऊ पहुंचे युवाओं पर योगी की पुलिस का टूटा क़हर, हुई गिरफ़्तारियां

लखीमपुर खीरी : किसान-आंदोलन की यात्रा का अहम मोड़

लखीमपुर में किसानों की हत्या भाजपा सरकार के ताबूत में आख़िरी कील

लखीमपुर नरसंहार : कई राज्यों में विरोध के बाद झुकी सरकार, मुआवज़े का दिया आश्वासन


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License