विवादित नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने संयुक्त ‘सत्याग्रह’ किया।
सुबह दस बजे तिरुवनंतपुरम के मार्टेयर्स कॉलम में तीन घंटे तक चलने वाले इस सत्याग्रह में राज्य के मंत्री, एलडीएफ के नेता, कांग्रेस नीत यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के नेता शामिल हुए।

केरल ऐसा पहला राज्य है जिसने घोषणा की थी कि उसके यहां सीएए लागू नहीं होगा।
विजयन ने फेसबुक में पोस्ट में लिखा, ‘‘राज्य ने संयुक्त रूप से विरोध करने का फैसला किया क्योंकि इस कानून ने नागरिकों के बीच चिंता पैदा कर दी है और संविधान में प्रदत्त समानता और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को खत्म कर दिया है।’’
नजमा को काले झंडे दिखाए
दूसरी ओर कोच्चि के निकट अलौवा में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीएए के विरोध में मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को काले झंडे दिखाए।
हेपतुल्ला हवाईअड्डे जा रहीं थी जब युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया, उसके बाद राज्यपाल गंतव्य की ओर रवाना हो सकीं।
CAA, NRC बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण के हथियार : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नागरिकता (संशोधन) कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी को भारत में ‘‘बड़े पैमाने पर धुव्रीकरण’’ के लिए फासीवादियों के हथियार करार देते हुए सोमवार को कहा कि इन हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण सत्याग्रह है।
गांधी ने कहा कि वह इन हथियारों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़े हैं।
गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कैब और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं। इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है। मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं।’’
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केन्द्र से नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री से स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने की अपील की।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)