NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए विरोध प्रदर्शन :"कौन बड़ा झूठा मोदी या शाह"  
पिछले दो हफ़्तों में देश भर में हो रहे प्रदर्शनों पर हुए पुलिसिया कार्यवाई में कम से कम 15 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, वहीं हजारों लोग ज़ख़्मी हुए जबकि कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। आज भी सुबह मार्च से पहले मंडी हाउस में धारा 144 लगा दी गयी थी जिसके बावजूद लोग सड़क पर उतरे और अपना विरोध दर्ज कराया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Dec 2019
protest

दिल्ली: दिल्ली के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र विवादित  नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के  के ख़िलाफ़ देशभर में पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज 24दिंसबर को जामिया करदनेशन कमेटी के आह्वान पर दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च निकाला गया, जिसमे अन्य विश्वविधालय छात्र, शिक्षक और आम नागरिकों ने भी भाग लिया। मार्च शुरू होते ही ‘हल्ला बोल’ और ‘छात्र एकता जिंदाबाद’ के नारे गूंजने लगे। इस मार्च में आम नागरिकों ने भी हिस्सा लिया।

यह बताना जरुरी है की पिछले दो हफ़्तों में देश भर में हो रहे प्रदर्शनों पर हुए पुलिसिया कार्यवाई में कम से कम 15 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, वहीं हजारों लोग ज़ख़्मी हुए जबकि कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। आज भी सुबह मार्च से पहले मंडी हाउस में धारा 144 लगा दी गयी थी जिसके बावजूद लोग सड़क पर उतरे और अपना विरोध दर्ज कराया।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भी इसमें शामिल हुए।

पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि न केवल नागरिक संस्थाएं इस कानून का विरोध कर रही हैं बल्कि कई मुख्यमंत्रियों और दलों ने भी इसकी आलोचना की है।

मार्च में शामिल हुई चितरंजन पार्क की किरन ने सरकार पर देश की ‘विविधता को नष्ट’ करने आरोप लगाया। वह अपने साथ अपनी दो बच्चियों को भी लाई थीं।

किरन ने कहा,‘‘जो भी हो रहा है वे (उनकी बेटियां) टेलीविजन पर देख रहीं हैं और मैं उन्हें स्कूल से सीधे यहां लाई हूं। उन्हें पता होना चाहिए कि देश में क्या हो रहा है।’’

दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा सानिया ने कहा,‘‘प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है। प्रदर्शनों ने राजनीतिक नेतृत्व को इस हद तक बौखला दिया है कि वे अपने बयान बदल रहे हैं। हम तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक सीएए वापस नहीं ले लिया जाता।’’

इस मार्च के में शामिल अधिकतर लोगो ने प्रधानमंत्री मोदी के रामलीला मैदान में दिए भाषण को लेकर सवाल किया और कहा कीदेश का गृह मंत्री अपने हर भाषण कहता है कि पुरे देश में NRC  लागू  होगा और CAA  इसका पहला चरण है और प्रधनमंत्री कहते हैं कि NRC को लेकर अबतक कोई बातचीत नहीं हुई हैं।   इसको लेकर  दिल्ली विश्विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र मीणा ने कहा यह सब देख कर यह कहना मुश्किल हो रहा है की 'कौन बड़ा झूठा है मोदी या शाह'।

आज के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें:

IMG-20191224-WA0029.jpg

IMG-20191224-WA0033.jpg

IMG-20191224-WA0035.jpg

IMG-20191224-WA0032.jpg

IMG-20191224-WA0034.jpg

IMG-20191224-WA0028.jpg

NRC CAA protest
Narendra modi
Amit Shah
students protest
Jamia Milia Islamia
Delhi University
JNU
Umar khalid

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License