NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
कैबः अब हम 'हिंदू राष्ट्र' में हैं!
यह संविधान संशोधन विधेयक (कैब) 1955 के नागरिकता क़ानून में पूरी तरह रद्दोबदल करते हुए धर्म को नागरिकता के लिए बुनियादी आधार बनाता है। भारत गणराज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है। ...अजय सिंह का विशेष स्तंभ 'फ़ुटपाथ'
अजय सिंह
14 Dec 2019
CAB Protest

11 दिसंबर 2019 को हम बाक़ायदा फ़ासीवादी हिंदू राष्ट्र—हिंदू भारत—में प्रवेश कर गये हैं!

इस दिन एक प्रकार से औपचारिक घोषणा संसद में कर दी गयी कि भारत अब समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य नहीं रहा। अब भारत सिर्फ़ हिंदुओं का देश है!

देश का संविधान हाथ-पर-हाथ बांधे खड़ा रहा और संसद ने संविधान की प्रस्तावना को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। यह काम खुलेआम संसदीय व संवैधानिक तौर-तरीक़े से किया गया! संविधान की शपथ लेने वाले शासक वर्ग ने संविधान की धज्जियां उड़ा दीं।

धर्म के आधार पर भारत की नारिकता देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को, जिसे नागरिकता संशोधन विधेयक (कैबः सिटिज़नशिप अमेंडमेंट बिल) के नाम से जाना जाता है, 11 दिसंबर को राज्यसभा ने पास कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पास कर चुकी है। अगले ही दिन राष्ट्रपति ने इस पर दस्तख़त भी कर दिये और उनके दस्तख़त के बाद यह कानून बन गया है। आधुनिक भारत के इतिहास में पहली बार धर्म को नागरिकता के लिए आधार बनाया जा रहा है।

पूरी तरह से विभाजनकारी और दो-राष्ट्र सिद्धांत की वकालत करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को केंद्र में सत्तारूढ़ हिंदुत्व फ़ासीवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने संसद में अपने पाशविक बहुमत के बल पर पास करा लिया। संसद में इसे पास कराकर इस जोड़ी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पुराने हिटलरी सपने—भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के सपने—को साकार करने के लिए रास्ता साफ़ कर दिया है।

कैब में यह प्रावधान है कि धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान से भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारत की नागरिकता दे दी जायेगी। लेकिन इन देशों से भारत आनेवाले मुसलमानों को देश की नागरिकता नहीं मिलेगी, उनके लिए भारत के दरवाज़े बंद रहेंगे—सिर्फ़ इस वजह से कि वे मुसलमान हैं।

इस तरह यह संविधान संशोधन विधेयक (कैब) 1955 के नागरिकता क़ानून में पूरी तरह रद्दोबदल करते हुए धर्म को नागरिकता के लिए बुनियादी आधार बनाता है। भारत गणराज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है। यह विधेयक धर्म के आधार पर खुल्लमखुल्ला, ज़बरिया भेदभाव करता है, जिसकी स्पष्ट मनाही देश के संविधान में की गयी है।

कैब और इसके साथ राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)—दोनों का मुख्य, बल्कि एकमात्र, निशाना मुसलमान हैं। मुसलमान हमारे देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। उसे चारों तरफ़ से घेर लेने, पूरी तरह हाशिए पर पहुंचा देने, नागरिकताविहीन बना देने और सभी तरह के अधिकारों व मानवीय गरिमा से वंचित कर देने का अभियान भाजपा, नरेंद्र मोदी व अमित शाह चला रहे हैं।

कैब और एनआरसी नरेंद्र मोदी व अमित शाह के हाथों में मुस्लिम-विरोधी अभियान के आक्रामक हथियार हैं। इससे समाज में कितनी भयानक उथल-पुथल व अशांति फैलेगी, इसका नज़ारा असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में दिखायी दे रहा है।

संसद में कैब के पास होते ही असम व त्रिपुरा में जैसे आग लग गयी—कैब -विरोधी व एनआरसी-विरोधी जुझारू प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। कुछ जगहों पर इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप भी ले लिया। गुवाहाटी की सड़कों के दृश्य कश्मीर की सड़कों के दृश्य याद दिला रहे थे—चप्पे-चप्पे पर सेना व अर्द्ध सैनिक बलों के फ़ौजी बंदूकें ताने हुए।

क्या नरेंद्र मोदी व अमित शाह पूरे देश को ऐसी ही आग में झोंक देना चाहते हैं?

एक बात समझ लेनी चाहिए कि कैब और एनआरसी का क़हर देश की क़रीब 20 करोड़ आबादी पर तो टूटेगा ही- वही नरेंद्र मोदी-अमित शाह का मुख्य निशाना है, लेकिन देश के अन्य करोड़ों लोग भी इसकी भयानक गिरफ़्त में आएंगे, ये वे लोग होंगे, जो समाज के हाशिए पर है और वंचित समूहों से आते हैं। इनमें दलितों और आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी शामिल है, जिनके पास अपनी पहचान-पता-निवास के सबूत के तौर पर ज़रूरी काग़ज़ात सबसे काम हैं। अपने गाँव-शहर से दूर रहने वाले लोग, लगातार अपनी जगह बदलने वाले लोग, घुमंतू समुदाय के लोग, पहाड़ों और जंगलों में रहने वाले लोग, बेसहारा महिलाएं और अनाथ बच्चे, अकेले रहने वाले कमज़ोर और असहाय बुजुर्ग आदि अपनी नागरिकता कैसे साबित कर पाएंगे?

ये सब भयानक रूप से अमानवीय डिटेंशन सेंटरों (हिरासत केंद्र यानी नज़रबंदी केंद्र) में रखे जाएंगे, जो असम-समेत कई राज्यों में बनाये जा रहे हैं। ये डिटेंशन सेंटर नाज़ी जर्मनी के यातना केंद्रों की तर्ज पर बनाये जा रहे हैं।

हिंदू भारत करोड़ों-करोड़ लोगो के लिए विशाल आततायी डिटेंशन सेंटर बनने जा रहा है।

(लेखक वरिष्ठ कवि और पत्रकार हैं। लेख में व्यक्त विचार निजी हैं।)

CAB
CAB Protest In all over India
Citizenship law 2019
Hindutva
Hindu Rastra
hindu-muslim
BJP
Amit Shah
Narendra modi
NRC
Protest against NRC

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License