NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कैग रिपोर्ट : एफसीआई के कुप्रबंधन से हुआ 55 करोड़ से अधिक का वित्तीय नुकसान
कैग ने बुधवार को वित्त वर्ष 2018-19 में 56.65 करोड़ रुपये राशि के वित्तीय प्रबंधन में चूक के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की खिंचाई की।
भाषा
25 Mar 2021
कैग

नयी दिल्ली : सरकार की वित्तीय निगरानी संस्था, कैग ने बुधवार को वित्त वर्ष 2018-19 में 56.65 करोड़ रुपये राशि के वित्तीय प्रबंधन में चूक के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की खिंचाई की।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) सहित 27 सरकारी मंत्रालयों और विभागों से संबंधित 64 नागरिक अनुदानों के तहत वित्तीय लेनदेन के अनुपालन ऑडिट की जांच की है। उसने बुधवार को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की।

कैग ने एक बयान में कहा कि उसने, एफसीआई के वित्तीय प्रबंधन में कमी के साथ-साथ अनुबंध जारी करने में देरी के कारण बचाये जा सकने वाले खर्च के संबंध में कमियां पाई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एफसीआई ने तय फैसले के अनुरूप खाद्यान्नों के परिवहन की योजना को अंजाम नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप 35.96 करोड़ रुपये के बराबर का रियायती रेलवे भाड़े का फायदा नहीं मिल पाया।’’ इसने कहा है कि परिचालनगत मजबूरियों के बावजूद, तदर्थ हैंडलिंग और परिवहन अनुबंध को अंतिम रूप देने में देरी के कारण राज्य सरकार की एजेंसियों को कैरी-ओवर चार्ज के बतौर 20.69 करोड़ रुपये के खर्च का सामना करना पड़ा जिसकी बचत हो सकती थी।

एफसीआई सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए खाद्यान्न की खरीद और वितरण का कार्य करती है इसके अलावा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्यान्नों की मांग को पूरा करती है।

कैग ने यह भी कहा कि कृषि मंत्रालय की मत्स्य सुगंधी के निपटान की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में निर्णय लेने में अतिशय विलंब तथा उचित आरक्षित मूल्य तय करने की विफलता के परिणामस्वरूप 1.14 करोड़ रुपये का अपरिहार्य व्यय का सामना करना पड़ा।

इसने कहा, ‘‘निपटान में देरी की वजह से मंत्रालय को पोत के मूल्यह्रास के कारण जहाज की कम कीमत भी मिली।’’

CAG
CAG report
FCI

Related Stories

मुद्दा: नई राष्ट्रीय पेंशन योजना के ख़िलाफ़ नई मोर्चाबंदी

झारखंड में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीज़ों का बढ़ता बोझ : रिपोर्ट

एनपीएस की जगह, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग क्यों कर रहे हैं सरकारी कर्मचारी? 

यूपी चुनाव: राज्य के वित्तीय कुप्रबंधन की एक तस्वीर

सरकार ने CEL को बेचने की कोशिशों पर लगाया ब्रेक, लेकिन कर्मचारियों का संघर्ष जारी

क्यों घोंटा जा रहा है मनरेगा का गला! 

खेती के संबंध में कुछ बड़ी भ्रांतियां और किसान आंदोलन पर उनका प्रभाव

नीतीश सरकार ने एससी-एसटी छात्रवृत्ति फंड का दुरूपयोग कियाः अरूण मिश्रा

कुंभ मेले की सीएजी रिपोर्ट को लेकर योगी सरकार पर उठे सवाल

कोरोना काल में भूख कॉरपोरेट की तिजोरी में बंद, सरकार मौन ! 


बाकी खबरें

  • असद रिज़वी
    CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा
    06 May 2022
    न्यूज़क्लिक ने यूपी सरकार का नोटिस पाने वाले आंदोलनकारियों में से सदफ़ जाफ़र और दीपक मिश्रा उर्फ़ दीपक कबीर से बात की है।
  • नीलाम्बरन ए
    तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है
    06 May 2022
    रबर के गिरते दामों, केंद्र सरकार की श्रम एवं निर्यात नीतियों के चलते छोटे रबर बागानों में श्रमिक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात: मेहसाणा कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवानी और 11 अन्य लोगों को 2017 में ग़ैर-क़ानूनी सभा करने का दोषी ठहराया
    06 May 2022
    इस मामले में वह रैली शामिल है, जिसे ऊना में सरवैया परिवार के दलितों की सरेआम पिटाई की घटना के एक साल पूरा होने के मौक़े पर 2017 में बुलायी गयी थी।
  • लाल बहादुर सिंह
    यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती
    06 May 2022
    नज़रिया: ऐसा लगता है इस दौर की रणनीति के अनुरूप काम का नया बंटवारा है- नॉन-स्टेट एक्टर्स अपने नफ़रती अभियान में लगे रहेंगे, दूसरी ओर प्रशासन उन्हें एक सीमा से आगे नहीं जाने देगा ताकि योगी जी के '…
  • भाषा
    दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा
    06 May 2022
    केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License