NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
भारत में कोविड-19 टीकाकरण की रफ़्तार धीमी, घरेलू उत्पादन बढ़ाने की ज़रूरत 
टीकाकरण की वर्तमान गति से भारत की वयस्क आबादी का टीकाकरण 2022 की दूसरी तिमाही तक पूरा हो पाएगा।
ऋचा चिंतन
19 Jul 2021
Translated by महेश कुमार
भारत में कोविड-19 टीकाकरण की रफ़्तार धीमी, घरेलू उत्पादन बढ़ाने की ज़रूरत 
Image courtesy : Business Today

राज्यों में फिर से वैक्सीन की किल्लत हो रही है। जिसके चलते 15 जुलाई को दिल्ली में कई कोविड केंद्रों को बंद करना पड़ा था। इसी तरह की खबरें दूसरे राज्यों से भी सुनने को मिल रही  हैं। महाराष्ट्र में, स्वास्थ्य मंत्री ने शिकायत की कि वैक्सीन स्टॉक की कमी का मुख्य कारण, केंद्र सरकार का अपनी क्षमता से कम काम करना हैं, जिसके कारण राज्य सरकार केवल 2-3 लाख लोगों को ही टीका लगा पा रही है, जबकि सरकार की 15 लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता है। राजस्थान और पंजाब ने भी वैक्सीन की आपूर्ति में कमी की शिकायत की है, जिसके कारण इन राज्यों में कोविड केंद्रों को बंद करना पड़ा है।

यद्यपि केंद्र ने सीमित आपूर्ति को देखते हुए टीकों के कुप्रबंधन के लिए राज्यों को दोषी ठहराया है, जबकि लग ऐसा रहा है कि केंद्र ने खुद विभिन्न स्रोतों से टीकों की आपूर्ति के मामले में कुप्रबंधन किया है। सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे के मुक़ाबले, केंद्र ने अगस्त-दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान टीकों की अनुमानित उपलब्धता को काफी कम कर दिया है।

तालिका 1: अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 तक कोविड-19 टीकों की अनुमानित उपलब्धता (करोड़ में)

मई के महीने में, केंद्र ने अगस्त-दिसंबर 2021 के दौरान लगभग 217 करोड़ टीकों की उपलब्धता का अनुमान लगाया था। इनमें विभिन्न निर्माताओं के टीके शामिल थे। ये इस अनुमान पर आधारित थे कि वैश्विक फार्मा कंपनियों के टीके उपलब्ध होंगे और घरेलू उत्पादन में भी तेजी आएगी।

हालांकि करीब डेढ़ महीने के बाद जून में यह अनुमान टीकों की 135 करोड़ खुराक तक सिमट कर रह गया है। इस अनुमान से भारत दिसंबर के अंत तक वैक्सीन की करीब 173 करोड़ ख़ुराक तक पहुंच जाएगा। मई की एक प्रेस विज्ञप्ति में, केंद्र ने कहा था कि इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड सितंबर 2021 से कोवैक्सिन का उत्पादन शुरू करने की स्थिति में आ जाएगी, जबकि हैफ़किन इंस्टीट्यूट और बीआईबीसीओएल नवंबर 2021 से कोवैक्सिन का उत्पादन शुरू करेंगे।

मामला ये है कि केंद्र अब तक टीकों की खरीद के लिए एक उचित रणनीति तैयार नहीं कर पाया है, इसलिए सरकार का टीकों का अनुमान वास्तविकता से परे है, जिसके परिणामस्वरूप भारत को "दुनिया की फार्मेसी" कहे जाने के बावजूद यह कमी बनी हुई है। इससे पहले, मार्च में, गलत योजना के कारण, भारत को कोविड-19 संक्रमण में उछाल के बीच अन्य देशों को टीकों की आपूर्ति अचानक बंद करनी पड़ी थी, और इस प्रकार ये देश भी टीके की कमी के मंझदार में फंस गए थे। 

घरेलू स्तर पर भी, केंद्र टीकों की खरीद और वितरण के मॉडल के मामले एक किस्म का प्रयोग कर रहा है। जनवरी से अप्रैल तक, मॉडल यह था कि केंद्र सरकार निर्माताओं से टीके खरीदती थी और राज्यों को वितरित करती थी। 1 मई से, 'उदारीकृत और त्वरित नीति' पेश की गई, जिसमें टीकों के कोटे का 50 प्रतिशत केंद्र और बाकी 50 प्रतिशत निर्माता और निजी प्रदाताओं से राज्यों को खरीदने को कहा गया था। नतीजतन, राज्यों को टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदाएं जारी करनी पड़ीं, जिन्हें दवा कंपनियों से ज्यादा प्रतिक्रिया या भाव नहीं मिला।  नतीजतन, यह नीति पूरी तरह से विफल हो गई, और बढ़ते असंतोष और सर्वोच्च न्यायालय से फटकार के बाद, केंद्र को इस नीति को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 21 जून से, 75 प्रतिशत टीके केंद्र द्वारा राज्यों के लिए खरीदे जाने थे और वितरित किए जाने थे और बाकी 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र द्वारा खरीदे जा सकते थे।

जून में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी विभिन्न देशों को दी जाने वाली मदद के रूप में अपने कोविड-19 ग्लोबल रिस्पांस एंड रिकवरी फ्रेमवर्क के तहत वैक्सीन खुराक आपूर्ति की घोषणा की थी। इसके तहत फाइजर और मॉडर्न जैसे निर्माताओं से भारत का हिस्सा करीब 20 लाख डोज के बराबर बनता है। हालाँकि, यह आपूर्ति वर्तमान में क्षतिपूर्ति खंड के आसपास कानूनी बातचीत के कारण रुकी हुई है, जिस पर ये फार्मा कंपनियां जोर दे रही हैं।

भारत में टीकाकरण की गति

इस दौरान भारत में टीकाकरण की दर अपेक्षाकृत काफी धीमी रही है। मध्यम आय वाले कुछ अन्य देशों के साथ भारत की तुलना करने से पता चलता है कि पूर्ण टीकाकरण की गति मेक्सिको, ब्राजील और रूस जैसे देशों से बहुत कम है। टीकाकरण की कुल संख्या और टीकाकरण की दर के मामले में भी पड़ोसी देश श्रीलंका ने भारत को पीछे छोड़ दिया है।

आंकड़ा: 1

टीकाकरण की वर्तमान दर के मुक़ाबले तय लक्ष्य 

यदि हम टीकाकरण की वर्तमान दर से अनुमान लगाए, तो भारत में वयस्क आबादी (दो खुराक के साथ) पूरी तरह से टीकाकरण का लक्ष्य केवल अप्रैल-मई 2022 तक ही पूरा किया जा सकता है। यहाँ हम 1 अप्रैल, 2021 से टीकाकरण की प्रवृत्ति का अध्ययन कर रहे हैं (लगभग 100 दिन का)।

हमारी गणना के अनुसार, लगभग 94 करोड़ वयस्क आबादी के टिककरण और कुल खुराक में लगभग 20 प्रतिशत के नुकसान (94x2.4 = 226 करोड़ खुराक) के हिसाब से लगभग 226 करोड़ वैक्सीन खुराक का लक्ष्य बनता है। इस अंदाजे के अनुसार यह मान कर चलना होगा कि टीकाकरण अभियान बिना किसी अंतराल और दैनिक आधार पर भी सुचारू रूप से चल रहा होगा या चलाना पड़ेगा। 

सुप्रीम कोर्ट में दिए गए केंद्र के हलफनामे के अनुसार, अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 तक कोविड-19 टीकों की अनुमानित उपलब्धता 135 करोड़ खुराक हो जाएगी। यानी दिसंबर के अंत तक भारत वैक्सीन की लगभग 173 करोड़ खुराक (पहले से दी जा चुकी लगभग 38 करोड़ खुराकों सहित) को दे पाएगा। हालांकि, हमारी अनुमानित गणना के अनुसार, 31 दिसंबर तक, भारत केवल 112 करोड़ खुराक देने में सक्षम होगा, जो लक्षित 226 करोड़ टीकाकरण का केवल लगभग 50 प्रतिशत है।

आंकड़ा 2: अनुमानित वैक्सीन देने का परिदृश्य

यह देखते हुए कि भारत आने वाले महीनों में तीसरी लहर का सामना कर सकता है, वायरस के नए उत्परिवर्तन या म्यूटेशन के साथ, सरकार को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है। वैश्विक फार्मा निर्माताओं की तरफ से टीकों की आपूर्ति के संबंध में अनिश्चितताओं के चलते, भारत को टीकों के घरेलू उत्पादन में तत्काल वृद्धि करने की जरूरत है। हालांकि, सरकार आश्वस्त करती रही है कि वह घरेलू उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन सार्वजनिक डोमेन में डेटा विरल है। हम केवल एक ही उम्मीद कर सकते हैं कि वैक्सीन उत्पादन में अंतर जल्द से जल्द पूरा किया जाए और टीकाकरण दर को बढ़ाया जाए।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

COVID-19 Vaccination Slow in India, Need to Augment Domestic Production

COVID-19
Pandemic
Covid Vaccination
Covishield
Covaxin
SII
Indian government
Vaccine Shortage

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License