NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना वायरस से बच कर भी ‘घृणित सोच’ से कैसे बचेगा भारत?
कोरोना वायरस महामारी के बीच यह ख़बरें आई हैं कि डॉक्टरों को घर से निकाला जा रहा है, एयर इंडिया और इंडिगो के क्रू के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है। और क्वारंटीन में रहने वाले परिवार पर भी हमलों की ख़बरें सामने आई हैं।
सुमेधा पाल, सत्यम् तिवारी
25 Mar 2020
coronavirus
प्रतीकात्मक तस्वीर

22 मार्च को सारे देश ने स्वास्थ्य और अन्य आपदा कर्मियों का हौसला बढ़ाने के लिए और उन्हें धन्यवाद कहने के लिए एक साथ आ कर तालियाँ बजाई थीं। लेकिन देश के स्वास्थ्य कर्मियों के असल हालात दो दिन बाद ही सामने आ गए हैं। देश के अलग-अलग इलाक़ों के डॉक्टरों ने कथित तौर पर इल्ज़ाम लगाया है कि वो जिस मोहल्ले में या जिस घर में रहते हैं, उन्हें वहाँ घुसने नहीं दिया जा रहा है। क्योंकि लोगों को डर है कि वो डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने जिन घरों को क्वारंटीन किया, उन घरों पर पोस्टर लगाए गए हैं। इसकी वजह से उन परिवारों को भी पड़ोसियों द्वारा परेशान किया जा रहा है।

एक तरफ़ जहाँ सारा देश इस महामारी से लड़ रहा है, और पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन या कर्फ़्यू लगा दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ़ संभावित मरीज़ों या मरीज़ों की पहचान सार्वजनिक होने की वजह से उन्हें 'बदनामी' का ख़तरा उठाना पड़ रहा है, और उनकी निजता भी ख़तरे में आ गई है। यही हाल उन डॉक्टरों का भी है जो उन मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं।

notice_0.png

द वीक में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ राजस्थान सरकार ने 20 मार्च को संभावित कोरोना मरीज़ों के पते सार्वजनिक कर दिये। एक लोकल अख़बार में 46 लोगों के नाम भी छाप दिये गए थे।

नाम सार्वजनिक होने की वजह से मरीज़ों की निजता पर ख़तरा मंडरा रहा है। और उन्हें आम जनता की तरफ़ से उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है।

एयरलाइन कर्मचारी, डॉक्टर हो रहे हैं प्रताड़ना का शिकार

मरीज़ों और संदिग्ध मरीज़ों के अलावा विमान और स्वास्थ्य कर्मचारी भी कोरोना वायरस की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं। एयरलाइन एयर इंडिया ने अपने एक बयान में कहा है कि जो कर्मचारी जापान, चाइना, इटली जैसे देशों से नागरिकों को भारत लेकर आए थे, उनको अपनी कॉलोनियों में भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है। दिल्ली के रेसिडेंट्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन(आरडबल्यूए) जो स्वस्थ्य कर्मियों के लिए ताली बजाने में सबसे आगे थे, उन्हीं लोगों ने एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइन में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर भेदभाव किया है।

एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, "यह बहुत हैरान करने वाला है कि कई कॉलोनियों में सुरक्षाकर्मियों और पड़ोसियों ने एयर इंडिया क्रू के साथ भेदभाव किया है क्योंकि वे अपने काम के दौरान विदेश गए थे। इन लोगों को शायद यह याद नहीं है कि इसी क्रू की मदद की वजह से कितने परिवार सुरक्षित अपने देश वापस आए थे।"

इसी तरह से डॉक्टरों को भी कॉलोनी में नहीं घुसने दिया जा रहा है। और जिन घरों में वो किराए पर रह रहे हैं, उन घरों से उन्हें निकलने को कहा जा रहा है।

कई डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और विमान कर्मचारियों ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने दुख को बयान किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले का संज्ञान लिया है और गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को इसपर जल्द से जल्द कार्रवाई करने को कहा है।

कोरोना वायरस दुनिया भर में एक महामारी घोषित कर दिया गया है, और अभी तक इससे 18 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह से फैल रहे तनाव की वजह से, या कहें कि उसका सहारा लेकर नागरिकों ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ नस्लभेद करना शुरू कर दिया है। और विभिन्न विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों के साथ भेदभाव भी किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि देश कोरोना वायरस से तो बच जाएगा, लेकिन ऐसी घृणित सोच से कैसे बच सकेगा?

इसे भी पढ़ें : कोरोना वायरस संकट के बीच उत्तर-पूर्व के लोगों पर हो रही है नस्लवादी टिप्पणी

Coronavirus
COVID-19
COVID19 India
Coronavirus India
Jan Swasthya Abhiyaan

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License