NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लीबिया पर शांति सम्मेलन में देश से सभी विदेशी सैनिकों को तत्काल वापस लेने का आह्वान
संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित दूसरे बर्लिन सम्मेलन में भी एलपीडीएफ़ के तहत सभी पक्षों द्वारा सहमत तारीख़ के अनुसार लीबिया में राष्ट्रीय चुनाव कराने की आवश्यकता को दोहराया गया।
पीपल्स डिस्पैच
24 Jun 2021
लीबिया पर शांति सम्मेलन में देश से सभी विदेशी सैनिकों को तत्काल वापस लेने का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित लीबिया पर दूसरा वैश्विक सम्मेलन बुधवार 23 जून को जर्मनी के बर्लिन में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की अंतिम घोषणा में कहा गया है कि चूंकि पिछले साल अक्टूबर में लीबियन पॉलिटिकल डायलॉग फॉरम में सहमति ये हुई थी ऐसे में "सभी विदेशी सैनिकों को बिना किसी देरी के लीबिया से वापस लेने की आवश्यकता है"।

ये बैठक संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित थी और इसमें अफ्रीकी संघ, चीन, रूस सहित विभिन्न दलों ने भाग लिया था। यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंथनी ब्लिंकेन, जर्मन विदेश मंत्री हेइको मास, लीबिया के प्रधानमंत्री दबीबाह के साथ संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक लीबिया में करीब 20,000 विदेशी सैनिक हैं। उनमें से अधिकांश को इस देश में युद्ध के दौरान दो प्रतिद्वंद्वी सरकारों के समर्थन में तुर्की और रूस द्वारा तैनात किए गए थे। तुर्की, त्रिपोली में स्थित गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड का समर्थन करता है और रूस खलीफा हफ्तार या लीबियन नेशनल आर्मी की सेना का समर्थन करता है।

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन द्वारा शुरू की गई लंबी बातचीत के बाद देश में एक स्थायी युद्धविराम हासिल हुआ और इस साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय चुनावों की तैयारी की निगरानी के लिए एक ट्रांजिशनल सरकार का गठन किया गया। प्रधानमंत्री अब्दुल हामिद दबीबाह के नेतृत्व वाली सरकार को टोब्रुक में स्थित लीबिया की संसद और अधिकांश युद्धरत गुटों द्वारा मंजूर किया गया है। इसने शांति प्रक्रिया के लिए खतरा बताते हुए देश से सभी विदेशी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने आह्वान को दोहराया है।

पहला बर्लिन सम्मेलन पिछले साल जनवरी में आयोजित किया गया था जिसमें तुर्की, रूस और फ्रांस सहित लीबिया के संघर्ष में शामिल अधिकांश विश्व शक्तियों ने भाग लिया था।

इस घोषणापत्र में लीबिया में संघर्ष के संरचनात्मक कारणों से निपटने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था जिसमें सशस्त्र बलों को "एकीकृत नागरिक प्राधिकरण" के साथ-साथ देश भर में संसाधनों के पारदर्शी और निष्पक्ष आवंटन के तहत लागू करने की उम्मीद थी।

लीबिया में युद्ध 2011 में देश पर नाटो और अमेरिका के नेतृत्व वाले हमले के बाद शुरू हुआ जिसने लंबे अरसे से रहे शासक मुअम्मर गद्दाफी को विस्थापित कर दिया और देश को बाहरी प्रतिद्वंद्वी शक्तियों के समर्थन से केंद्रीय शक्ति के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले विभिन्न युद्धकारी समूहों में विभाजित कर दिया।

libya
United nations
Berlin Conference

Related Stories

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

अफ़्रीकी देश अपनी मुद्रायें यूरोप से क्यों छपवाते हैं

क्या यूक्रेन मामले में CSTO की एंट्री कराएगा रूस? क्या हैं संभावनाएँ?

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

रूस-यूक्रेन युद्ध अपडेट: संयुक्त राष्ट्र ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसे यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बताया 

यह वक्त रूसी सैन्य गठबंधन को गंभीरता से लेने का क्यों है?

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

मानवाधिकार संगठनों ने कश्मीरी एक्टिविस्ट ख़ुर्रम परवेज़ की तत्काल रिहाई की मांग की

वे उन्हें मार रहे हैं : असांज की 'स्लो डेथ' खसोगी की याद दिलाती है

अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार और हमारे बुनियादी सरोकार


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू-कश्मीर परिसीमन से नाराज़गी, प्रशांत की राजनीतिक आकांक्षा, चंदौली मे दमन
    07 May 2022
    हफ़्ते की बात के इस अंक में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर के परिसीमन की। साथ ही वे नज़र डाल रहे हैं प्रशांत किशोर की राजनीतिक सियासत की।
  • रवि शंकर दुबे
    तीन राज्यों में उपचुनाव 31 मई को: उत्तराखंड में तय होगा मुख्यमंत्री धामी का भविष्य!
    07 May 2022
    चुनाव आयोग ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर विधानसभा चुनावों की तारीख घोषित कर दी है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तराखंड की चंपावत सीट को माना जा रहा है। क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी…
  • पीपुल्स डिस्पैच
    पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन
    07 May 2022
    राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के परिसर से दिन दहाड़े एक बलूच छात्र बेबाग इमदाद को उठाए जाने के बाद कई छात्र समूहों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया।
  • राहुल कुमार गौरव
    पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो
    07 May 2022
    पीड़ित बेटी ने खुद अपने पिता की गंदी करतूत का वीडियो बनाया और फिर उसे लेकर थाने पहुंची। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को 50 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पीड़िता को अपने…
  • सुबोध वर्मा
    ओडिशा: अयोग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित होंगे शिक्षक
    07 May 2022
    शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध 8 कॉलेजों में 62 फैकल्टी हैं, जिनमें से सिर्फ 20 रेगुलेटरी बॉडी की योग्यता के मानदंडों को पूरा करते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License