NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या मीडिया को पूरे समुदाय को निशाना बनाने की अनुमति दी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट
सुदर्शन टीवी मामले में न्यायालय ने कहा, ‘‘यह बोलने की आज़ादी नफ़रत में तब्दील हो गई है। आप समुदाय के सभी सदस्यों की एक छवि नहीं बना सकते हैं। आपने अपने विभाजनकारी एजेंडे के जरिये अच्छे सदस्यों को भी अलग-थलग कर दिया।’’
भाषा
18 Sep 2020
supreme court

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के संदर्भ में सुदर्शन टीवी से पूछा कि क्या मीडिया को ‘पूरे समुदाय को निशाना बनाने की अनुमति दी जा सकती है।’

बता दें कि बिंदास बोल कार्यक्रम के प्रोमो में दावा किया गया है कि सरकारी सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ का बड़ा खुलासा किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने कार्यक्रम को लेकर की शिकायत पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि चैनल खबर दिखाने को अधिकृत हैं लेकिन ‘पूरे समुदाय की छवि नहीं बिगाड़ सकता और इस तरह के कार्यक्रम कर उन्हें अलग-थलग नहीं कर सकता।

मामले की सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘ यह वास्तविक मुद्दा है। जब भी आप उन्हें प्रशासनिक सेवा से जुड़ते दिखाते हैं, आप आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) को दिखाते हैं। आप कहना चाहते हैं कि प्रशासनिक सेवा से मुस्लिमों का जुड़ना गहरी साजिश का हिस्सा है। क्या मीडिया को एक पूरे समुदाय को निशाना बनाने की अनुमति दी जा सकती है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘सभी उम्मीदवारों को एजेंडा के साथ दिखाना नफ़रत को दिखाता है और यह तत्व चिंता का विषय है।’’ इस पीठ में न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ भी शामिल हैं।

न्यायालय ने कहा, ‘‘यह बोलने की आज़ादी नफ़रत में तब्दील हो गई है। आप समुदाय के सभी सदस्यों की एक छवि नहीं बना सकते हैं। आपने अपने विभाजनकारी एजेंडे के जरिये अच्छे सदस्यों को भी अलग-थलग कर दिया।’’

पीठ ने सुदर्शन टीवी का पक्ष रख रहे श्याम दीवान से कहा कि अदालत को आतंकवाद से जुड़े संगठनों द्वारा वित्तपोषण संबंधी खोजी पत्रकारिता से समस्या नहीं है लेकिन यह नहीं कहा जाना चाहिए कि मुस्लिम एजेंडे के तहत यूपीएससी सेवा में जा रहे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘ मीडिया में संदेश जाना चाहिए कि समुदाय विशेष को निशाना नहीं बनाया जा सकता। हमें भविष्य के राष्ट्र को देखना है जो एकजुट और विविधता से युक्त हो।’’

अदालत ने कहा, ‘‘ यह संदेश मीडिया को जाना चाहिए कि देश ऐसे एजेंडे से जीवित नहीं रह सकता।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम अदालत हैं और हमने देखा कि आपातकाल के दौरान क्या हुआ और यह हमारा कर्तव्य है कि मानव सम्मान सुरक्षित रहे।’’

दीवान ने चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाण द्वारा दायर हलफनामा का उल्लेख किया।

हलफनामे में चैनल ने कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा कि उसने ‘यूपीएससी जिहाद’ का इस्तेमाल आतंकवाद से जुड़े संगठनों द्वारा जकात फाउंडेशन को मिले चंदे के आधार पर किया है।

जकात फांउडेशन प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के अकांक्षी विद्यार्थियों जिनमें अधिकतर मुस्लिम होते को पठन सामग्री और प्रशिक्षण देता है।

वीडियो कांफ्रेंस से हुई सुनवाई के दौरान दीवान ने कहा कि चैनल को कोई समस्या नहीं है अगर किसी भी समुदाय का व्यक्ति प्रतिभा के आधार पर प्रशासनिक सेवा से जुड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘चैनल प्रसारण पूरा करना चाहता है। हम कहीं भागे नहीं जा रहे हैं। अब तक चार एपिसोड देखे गए हैं और पूरे प्रकरण में इसे देखा जाना चाहिए न कि किसी शब्द के आधार पर अदालत को प्रसारण पूर्व प्रतिबंध लगाने के अपने न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करना चाहिए।’’

हालांकि, पीठ ने कहा, ‘‘ बयानों को देखिए। दर्शक सभी बातें बता देंगे जो इस कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया है। हमें गैर सरकारी संगठन या वित्तपोषण के स्रोत से समस्या नहीं है। यहां मुद्दा यह है आप पूरे समुदाय पर प्रभाव डालेंगे क्योंकि आप प्रशासनिक सेवा को लेकर यह कर रहे हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘ कुछ तस्वीरे हमें आहत करती हैं जैसे हरे टी-शर्ट और मुस्लिमों द्वारा पहने जाने वाली टोपी।’’ साथ ही कहा कि ‘‘हम सेंसर बोर्ड नहीं है।’’

अदालत ने पाया कि कुछ आपत्तिजनक सामग्री को हटाया जाना चाहिए।

दीवान ने पीठ से कहा कि अदालत द्वारा कार्यक्रम में रेखांकित की गई कथित आपत्तिजनक सामग्री के संबंध में चैनल हलफनामा दाखिल करेगा।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन ‘जकात फाउंडेशन’ से पूछा कि क्या वह सुदर्शन टीवी मामले में हस्तक्षेप करना चाहता है, क्योंकि इसमें उसकी भारतीय शाखा पर विदेश से आतंकवाद से जुड़े संगठनों से वित्तीय मदद मिलने का आरोप लगाया गया है।

बता दें कि जकात फाउंडेशन प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के इच्छुक मुस्लिम उम्मीदवारों को प्रशिक्षण मुहैया कराता है।

पीठ ने जकात फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगडे से कहा कि सुदर्शन टीवी द्वारा दाखिल हलफनामे में उनके मुवक्किल पर विदेश से चंदा लेने का आरोप लगाया गया है।

हेगड़े ने कहा कि उनका मुवक्किल एक धर्मार्थ संगठन है जो गैर मुस्लिमों की भी मदद कर रहा है और इस तरह की समाज सेवा सरकारी स्तर पर भी नहीं जानी जाती।

इससे पहले, दिन में सुदर्शन चैनल ने एक याचिका दायर कर उच्चतम न्यायालय में होने वाली मामले की सुनवाई का सजीव प्रसारण करने का अनुरोध किया था।

उल्लेखनीय है कि 15 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने अगले आदेश तक चैनल द्वारा ‘बिंदास बोल’ के एपिसोड का प्रसारण करने पर रोक लगा दी थी। न्यायालय ने कहा कि प्रथमदृष्टया लगता है कि कार्यक्रम के प्रसारण का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को ‘बदनाम’ करना है।

Supreme Court
Media
Indian TV media
Sudarshan TV Program
Sudarshan News
Religion Politics

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा


बाकी खबरें

  • वी. श्रीधर
    आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार
    03 Jun 2022
    सकल घरेलू उत्पाद के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी से बहुत दूर है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 
    03 Jun 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,041 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 21 हज़ार 177 हो गयी है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'
    02 Jun 2022
    देश की राजधानी दिल्ली के पश्चिम इलाके के मुंडका गाँव में तीन मंजिला इमारत में पिछले महीने हुई आग की घटना पर गुरुवार को शहर के ट्रेड यूनियन मंच ने श्रमिकों की असमय मौत के लिए जिम्मेदार मालिक,…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग
    02 Jun 2022
    दिल्ली में मुंडका जैसी आग की ख़तरनाक घटनाओं के ख़िलाफ़ सेंट्रल ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया।
  • bjp
    न्यूज़क्लिक टीम
    बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !
    02 Jun 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे में आज अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं बीजेपी सरकार जिस तरह बॉलीवुड का इस्तेमाल कर रही है, उससे क्या वे अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहे हैं?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License