हालांकि कंगना रनौत का बयान बहुत बात करने लायक़ नहीं है, फिर भी पूछने वाले पूछ रहे हैं कि भीख में क्या मिलता है, जी!, सच तो ये है कि भीख़ में रोटी मिलना मुश्किल है, आप आज़ादी की बात करते हैं।
फ़िल्म अभिनेत्री और अभी हाल में ही पद्मश्री से सम्मानित की गईं कंगना रनौत इन दिनों अपने एक बयान को फिर चर्चा में हैं। एक टेलीविज़न चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 1947 में तो आज़ादी भीख़ में मिली थी, असली आज़ादी तो 2014 में मिली हैं। इसी बयान को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। और सोशल मीडिया से लेकर राजनीति के मंच से उनकी निंदा हो रही है। बहुत लोग उनका पद्मश्री वापस लेने और गिरफ़्तार तक किए जाने की बातें कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कंगना ने हज़ारों वीर शहीदों की कुर्बानियों का अपमान किया है।