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कार्टून क्लिक: टीआरपी का ये कैसा खेल?, पूछता है भारत...
ख़बरों के खेल से टीआरपी मिलती है और टीआरपी में भी खेल होता है। ऐसा ही परदाफ़ाश हुआ है मुंबई में। इसलिए पूछता है भारत...कि टीआरपी के लिए ख़बरों से खेल कौन कर रहा है, स्क्रीन के जरिये देश में आग कौन लगा रहा है? दर्शकों को गुमराह कौन कर रहा है? कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने इसी पर व्यंग्य किया है।  
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09 Oct 2020
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ख़बरों के खेल से टीआरपी मिलती है और टीआरपी में भी खेल होता है। ऐसा ही परदाफ़ाश हुआ है मुंबई में। इसलिए पूछता है भारत...कि टीआरपी के लिए ख़बरों से खेल कौन कर रहा है, स्क्रीन के जरिये देश में आग कौन लगा रहा है? दर्शकों को गुमराह कौन कर रहा है? कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने इसी पर व्यंग्य किया है।  

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर है कि मुंबई पुलिस ने ‘टेलीविजन रेटिंग पॉइंट’ (टीआरपी) से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस मामले के संबंध में चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

टीआरपी से यह पता चलता है कि कौन सा टीवी कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखा गया।

इससे दर्शकों की पसंद और किसी चैनल की लोकप्रियता का भी पता चलता है।

मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि रिपब्लिक टीवी चैनल भी टीआरपी गिरोह में शामिल है।

उन्होंने कहा कि इस चैनल द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की गई थी।

सिंह ने कहा कि टीआरपी गिरोह का पर्दाफाश करने वाली मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दो मराठी चैनलों के मालिकों को दर्शकों की संख्या की रेटिंग से छेड़छाड़ करने के लिए गिरफ्तार किया है।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि टीआरपी का पता लगाने वाली एजेंसी हंसा के दो पूर्व कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि टीआरपी गिरोह में रिपब्लिक टीवी चैनल भी शामिल है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा चाहे वह निदेशक, प्रवर्तक हो या चैनल का कोई अन्य कर्मचारी।

रिपब्लिक टीवी ने एक बयान जारी कर सिंह के आरोपों को खारिज किया है।

चैनल के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त ने रिपब्लिक टीवी के विरुद्ध गलत आरोप लगाए हैं क्योंकि चैनल ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।

गोस्वामी ने कहा कि चैनल मुंबई पुलिस आयुक्त के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मुकदमा करेगा।

उन्होंने कहा कि बीएआरसी (बार्क) ने एक भी शिकायत में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं लिया है।

गोस्वामी ने कहा कि सिंह को माफी मांगनी चाहिए और अदालत में मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

सिंह ने कहा कि इन चैनलों के बैंक खातों की जांच भी की जा रही है और टीआरपी गिरोह के लिए जिम्मेदार लोगों को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए तलब किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “विज्ञापन देने वाले इन टीआरपी रेटिंग के आधार पर इन चैनलों पर विज्ञापन प्रसारित करने के लिए पैसे देते थे और यह खेल हजारों करोड़ रुपये का है।”

सिंह ने कहा कि छेड़छाड़ की हुई टीआरपी रेटिंग से विज्ञापन देने वालों को दर्शकों की गलत संख्या बताई जाती थी।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार टीआरपी के गलत आंकड़े दिखाकर सैकड़ों करोड़ रुपये का चूना लगाया जा रहा था।

गोपनीय तरीके से कुछ घरों में टीवी चैनल के दर्शकों के आधार पर टीआरपी की गणना की जाती थी।

सिंह ने कहा कि गिरोह में शामिल लोग इन घरों के लोगों को घूस देकर उनसे कहते थे कि वे टीवी पर कुछ चैनल चलाकर छोड़ दें, भले ही वह उसे देख न रहे हों, या घर पर न हों।

उन्होंने कहा कि ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च कॉउंसिल (बीएआरसी), भारत में टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करता है और इस मामले के संबंध में उनके अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

उन्होंने कहा कि टीआरपी को मापने के लिए मुंबई में दो हजार बैरोमीटर लगाए गए हैं।

सिंह ने कहा कि बीएआरसी ने ‘हंसा’ नामक एजेंसी को इन बैरोमीटर पर नजर रखने का ठेका दिया था।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि दोनों चैनल के मालिकों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें शुक्रवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 और 420 के तहत गिरफ्तार किया गया है।

सिंह ने कहा, “हमें शक है कि यदि यह मुंबई में हो सकता है तो देश के अन्य भागों में भी हो सकता है।”

बीएआरसी, टीवी के दर्शकों की संख्या बताने के लिए सटीक, विश्वसनीय और समयबद्ध प्रणाली के गठन और निगरानी का काम करता है और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के दिशा निर्देशों से बंधा होता है।

सिंह ने कहा कि हंसा ने टीआरपी गिरोह के विरुद्ध एक शिकायत दर्ज की जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।

उन्होंने कहा, “जांच के दौरान पाया गया कि एजेंसी के कुछ पूर्व कर्मचारी कुछ टेलीविजन कंपनियों को आकंड़े उपलब्ध कराने के खेल में शामिल थे।”

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों पर बैरोमीटर लगे थे उनमें से बहुत से लोगों ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें अपने टीवी ऑन रखने के लिए पैसे दिए गए थे।

सिंह ने कहा कि कुछ टीवी चैनलों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए यह किया गया जिससे विज्ञापन देने वालों और उनकी एजेंसियों को नुकसान हुआ।

पुलिस आयुक्त ने कहा, “हम इस बात की जांच भी कर रहे हैं कि इन चैनलों को मिलने वाले धन का कहीं कोई आपराधिक स्रोत तो नहीं है। जांच में ऐसा पाए जाने पर तदनुसार कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस को देश के अन्य भाग में भी इस प्रकार के गिरोह के काम करने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी से छेड़छाड़ की है इसलिए चैनल के मालिक, निदेशकों और प्रवर्तकों से पूछताछ की जाएगी।

उन्होंने कहा कि बीएआरसी की रिपोर्ट में टीआरपी में “संदिग्ध बदलाव” किये गए थे।

उन्होंने कहा कि हंसा के पूर्व कर्मचारी भी पुलिस के शक के दायरे में हैं।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि मुंबई पुलिस ने एक आरोपी के पास से बीस लाख रुपये नकद और उसके बैंक के लॉकर से साढ़े आठ लाख रुपये बरामद किये।

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