NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: जो दरिया झूम के उट्ठे हैं तिनकों से न टाले जाएंगे...
नवंबर 2020 में जब किसानों से पूछा गया था कि उनका आंदोलन कब तक चलेगा तो उन्होंने कहा था कि हम 6 महीने की तैयारी से आए हैं, उस समय शायद ही किसी को एहसास होगा कि वाकई ये आंदोलन 6 महीने तक उसी जज़्बे और तेवर के साथ चलता रहेगा।
आज का कार्टून
26 May 2021
कार्टून क्लिक: जो दरिया झूम के उट्ठे हैं तिनकों से न टाले जाएंगे...

आज का दिन बेहद ख़ास है। आज 26 मई को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हो गए हैं और आज ही केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल पूरे हुए हैं। इस मौके पर मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में काला दिवस मनाया जा रहा है। इसके तहत जगह जगह मोदी सरकार के पुतले फूंके जा रहे हैं और लोग अपनी गाड़ियों और घरों पर भी काले झंडे लगाकर विरोध जता रहे हैं।

शुरू में यानी नवंबर 2020 में जब किसानों से पूछा गया था कि उनका आंदोलन कब तक चलेगा तो उन्होंने कहा था कि हम 6 महीने की तैयारी से आए हैं, उस समय शायद ही किसी को एहसास होगा कि वाकई ये आंदोलन 6 महीने तक उसी जज़्बे और तेवर के साथ चलता रहेगा। इस आंदोलन ने वाकई बता दिया कि ये किसी के द्वारा गढ़ा गया या प्रायोजित आंदोलन नहीं, बल्कि स्वत-स्फूर्त ढंग से अपनी जायज मांगों को लेकर जन के बीच पैदा हुआ आंदोलन है, जो बातों से, आश्वासनों से या दमन-प्रताड़ना से टाला या ख़त्म नहीं कराया जा सकता।

इस मौके पर मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का ‘तराना’ याद आ रहा है। आप भी पढ़िए

 

दरबार-ए-वतन में जब इक दिन सब जाने वाले जाएंगे

कुछ अपनी सज़ा को पहुंचेंगे, कुछ अपनी जज़ा ले जाएंगे

 

ऐ ख़ाक-नशीनो उठ बैठो वो वक़्त क़रीब आ पहुंचा है

जब तख़्त गिराए जाएंगे जब ताज उछाले जाएंगे

अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें अब ज़िंदानों की ख़ैर नहीं

जो दरिया झूम के उट्ठे हैं तिनकों से न टाले जाएंगे

 

कटते भी चलो, बढ़ते भी चलो, बाज़ू भी बहुत हैं सर भी बहुत

चलते भी चलो कि अब डेरे मंज़िल ही पे डाले जाएंगे

ऐ ज़ुल्म के मातो लब खोलो चुप रहने वालो चुप कब तक

कुछ हश्र तो उन से उट्ठेगा कुछ दूर तो नाले जाएंगे

BLACK DAY
SKM
modi sarkar
farmers protest

Related Stories

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

बंगाल: बीरभूम के किसानों की ज़मीन हड़पने के ख़िलाफ़ साथ आया SKM, कहा- आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

महाराष्ट्र: किसानों की एक और जीत, किसान विरोधी बिल वापस लेने को एमवीए सरकार मजबूर


बाकी खबरें

  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी
    25 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,124 नए मामले सामने आए हैं। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन के भीतर कोरोना के मामले में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
  • weat
    नंटू बनर्जी
    भारत में गेहूं की बढ़ती क़ीमतों से किसे फ़ायदा?
    25 May 2022
    अनुभव को देखते हुए, केंद्र का निर्यात प्रतिबंध अस्थायी हो सकता है। हाल के महीनों में भारत से निर्यात रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
  • bulldozer
    ब्रह्म प्रकाश
    हिंदुत्व सपाट है और बुलडोज़र इसका प्रतीक है
    25 May 2022
    लेखक एक बुलडोज़र के प्रतीक में अर्थों की तलाश इसलिए करते हैं, क्योंकि ये बुलडोज़र अपने रास्ते में पड़ने वाले सभी चीज़ों को ध्वस्त करने के लिए भारत की सड़कों पर उतारे जा रहे हैं।
  • rp
    अजय कुमार
    कोरोना में जब दुनिया दर्द से कराह रही थी, तब अरबपतियों ने जमकर कमाई की
    25 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है कि जहां कोरोना महामारी के दौरान लोग दर्द से कराह रहे…
  • प्रभात पटनायक
    एक ‘अंतर्राष्ट्रीय’ मध्यवर्ग के उदय की प्रवृत्ति
    25 May 2022
    एक खास क्षेत्र जिसमें ‘मध्य वर्ग’ और मेहनतकशों के बीच की खाई को अभिव्यक्ति मिली है, वह है तीसरी दुनिया के देशों में मीडिया का रुख। बेशक, बड़े पूंजीपतियों के स्वामित्व में तथा उनके द्वारा नियंत्रित…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License