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कार्टून क्लिक: हम मेहनतकश इस दुनिया से अब अपना हिस्सा मांगेंगे...
मज़दूर-किसान अपने हक़ के लिए एक बार फिर सड़क पर उतर रहे हैं। और इस बार बात हक़ मांगने से भी ज़्यादा हक़ पर डाले जा रहे डाके को रोकने की है।
आज का कार्टून
25 Nov 2020
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मज़दूर-किसान अपने हक़ के लिए एक बार फिर सड़क पर उतर रहे हैं। ये विडंबना ही है कि पूरी दुनिया जिनकी बलबूते चलती है उन्हें ही अपने अधिकारों के लिए बार-बार सड़क पर उतरना पड़ता है। हड़ताल करनी पड़ती है। धरने-प्रदर्शन करने पड़ते हैं। और इस बार बात हक़ मांगने से भी ज़्यादा हक़ पर डाले जा रहे डाके को रोकने की है।  जी हां, केंद्र की मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए हैं जो खेती-किसान के ही खिलाफ हैं और 44 श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड में बदल दिया है जो मज़दूरों के ख़िलाफ़ ही जाता है। इसी के विरोध में मज़दूर किसानों ने एक साथ मोर्चा खोला है।

देशभर के मज़दूर संगठन 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल पर हैं तो देशभर के 200 से अधिक किसान संगठन भी 26-27 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ‘इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) के संयुक्त फोरम ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। संयुक्त फोरम में स्वतंत्र फेडरेशन व अन्य संगठन भी शामिल हैं।

संयुक्त फोरम ने कहा, ‘‘26 नवंबर की अखिल भारतीय हड़ताल के लिये तैयारियां जोरों पर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी इस बार हड़ताल में हिस्सा लेंगे।’’

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Nov 26-27 Strike

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