NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन का 51 वां दिन :कृषि क़ानूनों पर उच्चतम न्यायालय की कमेटी से अलग हुए मान
‘खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता न हो।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Jan 2021
cartoon click

दिल्ली: न्यूनतम तापमान गिरकर दो डिग्री सेल्सियस हो गया है जिससे ‘‘भीषण’’ शीत लहर चल रही है तथा राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार सुबह ‘‘घना’’ कोहरा छाया रहा। इन सबके बाद भी किसान पिछले 51 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपना डेरा डाले बैठे हुए हैं। इस बीच सरकार किसान की मांग को लेकर कुछ करती दिखाई नहीं दे रही है जिसके बाद कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कृषि कानूनों पर एक कमेटी बनाई। लेकिन किसानों ने इस कमेटी के प्रति निराश जाहिर की और इसमें न जाने का एलान कर दिया। इन सबके बीच आज गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त चार सदस्यीय कमेटी से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने अपना बयान जारी कर इसकी घोषण की। मान ने कहा कि वह कमेटी से अलग हो गए हैं।

मान ने कहा कि कमेटी में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के शुक्रगुज़ार हैं, लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता न हो।’’

मान ने कहा, ‘‘मैं समिति से अलग हो रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।’’

उच्चतम न्यायालय ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे रहे किसानों की यूनियनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी।

पीठ ने इस समिति के लिये भूपिन्दर सिंह मान के अलावा शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घन्वत, दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी के नामों की घोषणा की थी।

कानूनों के अमल पर रोक का स्वागत करते हुए किसान संगठनों ने कहा थ कि वे समिति के सामने पेश नहीं होंगे। किसान संगठनों के नेताओं ने दावा किया था कि समिति के सदस्य ‘‘सरकार समर्थक’’ हैं।

जिन तीन नये कृषि कानूनों को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे हैं, वे कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार, कानून, 2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून हैं।

पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान इन कानूनों को निरस्त करवाने के लिए पिछले कई सप्ताह से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार किसानों को बबार्द करने की साजिश कर रही है।

राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार अपने ‘दो-तीन मित्रों’ को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों की सिर्फ उपेक्षा ही नहीं कर रही है, बल्कि उन्हें बर्बाद करने की साजिश भी कर रही है।’’

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार किसानों से जमीन लेकर अपने मित्रों को देना चाहती है। सरकार किसानों को दबा रही है और कुछ कारोबारियों की मदद कर रही है।’’

तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि नए कृषि कानून छोटे और सीमांत किसानों को बड़े ‘कॉरपोरेट्स’ की दया का मोहताज बना देंगे और साथ ही इन्हें तुरंत रद्द किए जाने की मांग भी की।

बारासात की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की सूची से निकाले जाने के बाद प्याज और आलू के दाम आसमान छू रहे हैं।

शिवसेना ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आंदोलनरत किसानों की भावनाओं का सम्मान करने और नए विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसा करने से उनका कद और बड़ा हो जाएगा।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में केंद्र सरकार पर उच्चतम न्यायालय का इस्तेमाल कर किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया।

सामना में कहा गया, "प्रधानमंत्री मोदी को किसानों के विरोध और साहस का स्वागत करना चाहिए। उन्हें किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कानूनों को खत्म कर देना चाहिए। मोदी का आज जितना बड़ा कद है, ऐसा करने से उनका कद और बड़ा हो जाएगा।" 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की निर्धारित ट्रैक्टर रैली का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया कि अगर सरकार चाहती है कि स्थिति और न बिगड़े, तो किसानों की भावनाओं को समझने की जरूरत है।

उसमें कहा गया कि इस प्रदर्शन में अब तक 60 से 65 किसानों की जान जा चुकी है और देश ने आजादी के बाद अब तक ऐसा अनुशासित आंदोलन नहीं देखा है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
farmers protest
Farm Bills
BJP
Modi government

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License