8वें दौर की वार्ता भी विफल हुई। 9वीं से भी कोई उम्मीद नहीं। लेकिन किसान डटा है और कह रहा है कि अब तो आर-पार है...।
बात हो चुकी बहुत
मंदिर ओ’ मसान की
बात अब करो ज़रा
देश के किसान की
वो किसान जिसके दम से
देश ये महान है
पेट सबका भर रहा
जी रहा जहान है
वो किसान देखो आज
भूख से है मर रहा
क़र्ज़ में घिरा हुआ
ख़ुदकुशी है कर रहा
उस किसान की कहो
उस किसान की सुनो
मन की बात हो चुकी
जन की बात भी सुनो
वो किसान आ रहा है
अपने हक़ को मांगने
डटके वो खड़ा है अब
हुक्मरां के सामने
तुम भी साथ आओ अब
पीठ न दिखाओ अब
ज़ुल्म से ये जंग है
आओ साथ आओ सब
दुनिया देखती खड़ी
है परीक्षा ये बड़ी
हौसला दिखाओ अब
फ़ैसले की है घड़ी
उनको ये बता दो अब
उनको ये जता दो सब
कोई भी अलग नहीं
साथ साथ सारे सब
अब तो आर पार है
हाथ ही हथियार है
हम नहीं सरकार से
हमसे ये सरकार है
- मुकुल सरल