कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की तैयारियों की हक़ीक़त सामने आ गई है। कॉरोपोरेट मीडिया कुछ सवाल तो उठा रहा है लेकिन अभी भी उसकी हिम्मत देश के मुखिया, प्रधानसेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने की नहीं हो रही, जैसे मनमोहन काल में थी।
कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की तैयारियों की हक़ीक़त सामने आ गई है। लोगों को न दवा मिल रही है, न इलाज। लोग खुद ही बेड, इंजेक्शन और ऑक्सीजन के इंतज़ाम के लिए इधर से उधर दौड़ रहे हैं। कॉरोपोरेट मीडिया कुछ सवाल तो उठा रहा है लेकिन अभी भी उसकी हिम्मत देश के मुखिया, प्रधानसेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने की नहीं हो रही, जैसे मनमोहन काल में थी। कार्टूनिस्ट इरफ़ान इसी पर व्यंग्य कर रहे हैं।