NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: कुछ जल्दी ही सारा काम (तमाम) नहीं हो गया!
प्रधानमंत्री को शायद याद नहीं कि जिस तेजी से उन्होंने ये काम कंप्लीट किया है, वैसे ही उन्होंने बाकी चीजों का भी काम तमाम.... SORRY.. काम कंप्लीट किया है, जैसे...
श्याम मीरा सिंह
16 Sep 2021
कार्टून क्लिक: कुछ जल्दी ही सारा काम (तमाम) नहीं हो गया!

हमारी इस सरकार का भोजन है ''क्रेडिट''. क्रेडिट खाकर ही इस सरकार की साँस चल रही हैं. खाती पहले की सरकारें भी थीं, लेकिन उनके लिए ''क्रेडिट'' डेली का भोजन न होकर, खीर-पूरी की तरह कभी-कभार खाने वाला भोजन हुआ करता था. जिसे वो हफ्ते, दो हफ्ते में खाया करती थीं, लेकिन मोदी सरकार ने क्रेडिट को सुबह-शाम-दुपहर, मंगल-बुध-गुरु-शुक्र-शनि, जनवरी-फरवरी-मार्च, सर्दी-गर्मी बरसात हर मौसम में खाने की चीज बना लिया है. 

इसमें भी करतब की बात ये है कि ये हर तरह का क्रेडिट नहीं खाते, जैसे किसान आंदोलन का क्रेडिट नहीं खाते, न 9 महीने में मारे गए किसानों का क्रेडिट नहीं खाते, न कोविड में मारे गए लाखों लोगों का क्रेडिट खाते, न अस्पतालों में खत्म हुई ऑक्सीजन का क्रेडिट खाते। न सर के बल जमीन पर लेटी अर्थव्यवस्था का क्रेडिट लेते। न बेरोजगारी में मारे-मारे फिरते नौजवानों का क्रेडिट लेते, न बढ़ती महंगाई का क्रेडिट लेते, न पेट्रोल-डीजल-दामों का क्रेडिट लेते। वैसे ये ऐसी सरकार है कि राशन के साथ दिए जाने वाले पांच रुपये के झोले का भी क्रेडिट न छोड़े, जिसमें पांच किलो अनाज होता है और पच्चीस नेता जी की फोटो।

देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ''डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स'' का उद्घाटन करते हुए कह रहे हैं कि ''डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का भी जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने के रिकॉर्ड समय में कंप्लीट किया गया है।''. 

लेकिन प्रधानमंत्री को शायद याद नहीं कि जिस तेजी से उन्होंने ये काम कंप्लीट किया है, वैसे ही उन्होंने बाकी चीजों का भी काम तमाम.... SORRY.. काम कंप्लीट किया है, उन्होंने अंग्रेजों के जमाने में आई रेलवे का भी काम तमाम,,,, सॉरी कंप्लीट कर दिया है, जो काम पिछले साठ साल में हुआ, उसे भी कुछ ही साल में ठिकाने लगा दिया है। जिस LIC को लोग सत्तर साल से ''जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी'' मानकर चल रहे थे, अब वो अपनी ही जिंदगी बचाने में लगी हुई है, उसे नहीं मालूम कि अब उसकी ही जिंदगी के साथ और बाद में कोई है कि नहीं'' यही हाल बीएसएनएल और एयर इंडिया जैसी कंपनियों का है। 

हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में उड़ाने की कहने वाले मोदी जी के दिन रात के परिश्रम से आज हवाई जहाज की हालत चप्पल पहनने की हो गई है. ये वैसे ही है जैसे फ्री की दावत खाने के लिए भंडारे में गए, अंदर गए तो भंडारा खत्म और बाहर आए तो चप्पल गायब। यही हाल यहां हवाई जहाज और हवाई चप्पल वालों दोनों का हुआ है। अच्छे दिन की तलाश में... सॉरी जिंदगी की तलाश में मौत के कितने पास आ गए..वाली हालत है।

पर प्रधानमंत्री इतने उदार और बड़े दिल वाले हैं कि इनका क्रेडिट नहीं लेते। इनका क्रेडिट विपक्ष के लिए छोड़ देते हैं, वैसे ही जैसे ''खुशियां बांटने से खुशियां बढ़ती हैं'' वैसे ही मोदी जी क्रेडिट भी शेयर करते हैं, बढ़िया बढ़िया खाया खुद, खराब खराब विपक्ष के लिए, कम्युनिस्टों के लिए।

हंसी-मजाक के इतर प्रधानमंत्री अपने प्रिय भोजन ''फुटेज, कैमरा और क्रेडिट'' के इतने प्रेमी हैं कि डिफेंस कार्यालयों का उद्घाटन भी किसी डिफेंस या सेना से जुड़े आदमी पर नहीं कराया, न किसी सेनाध्यक्ष से, न किसी जनरल से, मेजर से, न रक्षा मंत्री से. प्रधानमंत्री भोजन के रूप में ''फुटेज'' का सेवन तो तब से ही कर रहे हैं जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद, जब JNU में स्थापित की गई एक मूर्ती का उद्घाटन भी उन्होंने ही कर दिया, तब से ये यकीन बढ़ गया है कि जल्द ही मोहल्ले में बनने वाली नालियों और खड़ंजों का उद्घाटन भी वे ही किया करेंगे।

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
Narendra modi
Modi government
New Defense Complex
Defense Complex inauguration
Inflation
unemployment

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License