NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: सबकुछ बिक जाएगा... काग़ज़ के मोल...
जब ऐसे उपहारों या स्मृति चिह्न की भी नीलामी हो जिसे राष्ट्रीय संग्रालय में सहेज कर रखना चाहिए, ताकि आने वाली नस्लें प्रेरणा लें, तो कई सवाल और शंकाएं मन में उठती हैं।
आज का कार्टून
18 Sep 2021
Cartoon click

वाकई व्यापार ख़ून में है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि व्यापार उनके ख़ून में है। अब शायद वे इसी को चरितार्थ कर रहे हैं। विनिवेश और मुद्रीकरण के नाम पर देश बेचने की जो परियोजना चली है उसके बाद उपहारों तक की बोली लग रही है। और कोई ऐसे-वैसे उपहारों की बोली नहीं बल्कि ऐसी चीज़ों की भी नीलामी हो रही है जिनपर राष्ट्र को गौरव है।

कोई कहेगा कि प्रधानमंत्री अगर खुद को मिले उपहारों की बोली लगाना चाहते हैं तो इसमें बुरा क्या है, कोई यह भी कहेगा कि अगर इस नीलामी से मिले पैसे का देशहित में प्रयोग किया जाएगा तो इसकी तो तारीफ़ करनी चाहिए। हां, शायद ऐसा कहा जा सकता है लेकिन तब जब उन्हें भेंट किए गए उनका नाम लिखे 10 लाख के सूट इत्यादि की बोली लगे और उस पैसा का देशहित-जनहित में प्रयोग हो। लेकिन जब ऐसे उपहारों या स्मृति चिह्न की भी नीलामी हो जिसे राष्ट्रीय संग्रालय में सहेज कर रखना चाहिए, ताकि आने वाली नस्लें प्रेरणा लें, तो कई सवाल और शंकाएं मन में उठती हैं। क्योंकि देशहित-जनहित का दावा तो देश और जनता देख ही रही है।

आपको मालूम है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन (71वीं सालगिरह) के मौके पर उन्हें मिले उपहारों और स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी शुरू की गई है। 17 सितंबर वही दिन है जब देश के नौजवानों ने अपने लिए काम मांगते हुए ‘राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस’ और ‘जुमला दिवस’ मनाया।

यहां यह जानना ज़रूरी है कि इस नीलामी में मोदी जी को ओलंपिक और पैरालंपिक में पदक विजेता खिलाड़ियों की ओर से दिए गए खेल के सामान भी शामिल हैं। इसमें ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा का भाला भी है। जिसकी कीमत तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन इस भाले की कीमत एक करोड़ लगे या 10 करोड़, देश जानता है कि ये अनमोल है।

यह ई-नीलामी 7 अक्टूबर तक चलेगी।

यानी अगर मशहूर फ़िल्मी गीत (एक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल...) को थोड़ा अर्थ और संदर्भ बदल कर गाएं तो कहा जा सकता है कि...सबकुछ बिक जाएगा...काग़ज़ (पैसे) के मोल...

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
Narendra modi
privatization
Selling Public Assets
National Unemployment Day

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"


बाकी खबरें

  • लेखनाथ पांडे (काठमांडू)
    नेपाल की अर्थव्यवस्था पर बिजली कटौती की मार
    16 May 2022
    नेपाल भारत से आयातित बिजली पर बहुत ज़्यादा निर्भर है, जहां सालों से बिजली संकटों की बुरी स्थितियों के बीच बिजली उत्पादन का काम चल रहा है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: गिर रहा कोरोना का स्तर लेकिन गंभीर संक्रमण से गुजर चुके लोगों की ज़िंदगी अभी भी सामान्य नहीं
    16 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले एक सप्ताह के भीतर कोरोना का दैनिक आंकड़ा 3 हज़ार से भी कम रहा है |
  • सुबोध वर्मा
    कमरतोड़ महंगाई को नियंत्रित करने में नाकाम मोदी सरकार 
    16 May 2022
    गेहूं और आटे के साथ-साथ सब्ज़ियों, खाना पकाने के तेल, दूध और एलपीजी सिलेंडर के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
  • gandhi ji
    न्यूज़क्लिक टीम
    वैष्णव जन: गांधी जी के मनपसंद भजन के मायने
    15 May 2022
    हाल ही में धार्मिक गीत और मंत्र पूजा अर्चना की जगह भड़काऊ माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसी सन्दर्भ में नीलांजन और प्रोफेसर अपूर्वानंद गाँधी जी को प्रिय भजन वैष्णव जन पर चर्चा कर रहे हैं।
  • Gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद: क्या और क्यों?
    15 May 2022
    जो लोग यह कहते या समझते थे कि अयोध्या का बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद आख़िरी है, वे ग़लत थे। अब ज्ञानवापी विवाद नये सिरे से शुरू कर दिया गया है। और इसके साथ कई नए विवाद इस कड़ी में हैं। ज्ञानवापी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License