NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक : शराब नहीं रोटी चाहिए सरकार!
शराब की दुकानें खोलने के साथ अब एक भ्रम यह फैलाया जा रहा है कि इन दुकानों पर लाइन लगाने वालों में सबसे ज़्यादा वही ग़रीब लोग हैं, जो कल तक मुफ़्त राशन की मांग कर रहे थे। इन्हें जानना चाहिए कि वो लाइन अलग थी और ये अलग।
आज का कार्टून
06 May 2020
cartoon click

लॉकडाउन-3.O के दौर में शराब की दुकानें खोलने के साथ अब एक भ्रम यह फैलाया जा रहा है कि इन दुकानों पर लाइन लगाने वालों में सबसे ज़्यादा ग़रीब लोग हैं, वे लोग जो कल तक राशन की मांग कर रहे थे। यह एक तरह की उच्चवर्गीय या मिडिल क्लास की धारणा या सोच है, जिसे हर मामले में ग़रीब वर्ग में खोट ही नज़र आता है। इससे उसका किसी को मदद न करने का तर्क मजबूत होता है। ऐसे लोग राशन या खाने के लिए लगी लंबी लाइनों को देखकर भी यही कहते थे कि ये कई-कई बार राशन या खाना ले जा रहे हैं।

हमारी सरकारें भी इस झूठ या धारणा को मजबूत करने में ही मदद करती हैं, क्योंकि इससे उन्हें अपनी नाकामी छुपाने का मौका मिल जाता है। इसी तरह नोटबंदी में भी अमीरों से ज़्यादा ग़रीबों पर ही उंगली उठी थी कि वे कई-कई बार नोट बदलने की लाइन में लग रहे हैं। जबकि अपनी सुविधा और भ्रष्टाचार छुपाने के लिए उनका इस्तेमाल यही वर्ग कर रहा था। 

cartoon click
cartoon
Liquor shops
Liquor shop open
poverty
Hunger Crisis
Lockdown 3.0
modi sarkar

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?

कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...

‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं

राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 

UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध

“मित्रों! बच्चों से मेरा बचपन का नाता है, क्योंकि बचपन में मैं भी बच्चा था”

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License