NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: यहां रहें या वहां, अब क्या फ़र्क़ पड़ता है!
कोई इसे दोस्त की ‘पीठ में छुरा घोंपना’ कह सकता है, तो कोई सहयोगी के घर में ‘चोरी या डाका’। कोई कह सकता है कि जब खुद कोई घर छोड़कर जा रहा है तो दूसरों को क्या दोष देना। वैसे यूं भी कहा जा सकता है कि जेडीयू में रहो या बीजेपी में क्या फ़र्क़ पड़ता है। अब फ़र्क़ बचा ही क्या है!  
आज का कार्टून
26 Dec 2020
cartoon click

देश की राजनीति में इन दिनों पाला बदल का खेल काफ़ी तेज़ है। बंगाल की ख़बरें तो सुर्खियों में हैं हीं, अरुणाचल से भी ऐसा ही उलटफेर सामने आया। अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सात में से छह विधायकों के भाजपा में शामिल हो गए हैं। यानी इसे अरुणाचल में पूरी पार्टी का भाजपा में विलय कहा जा सकता है। क्रिसमस के मौके और नये साल से पहले जेडीयू को जो तोहफा मिला है उसे लेकर जेडीयू नेतृत्व भी सन्न है। नीतीश कुमार की यही जेडीयू बिहार में बीजेपी की सहयोगी है। और दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा और सरकार चला रहे हैं। लेकिन बीजेपी अब अपने ही सहयोगी पार्टी को तोड़ रही है। और तोड़ना क्या लगभग खुद में विलय कर रही है। नीतीश जी को अब सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि बिहार में इस बार के जो नतीजे आए हैं उसमें भी इस तरह की टूट-फूट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

ताजा सियासी उलटफेर के बाद 60 सदस्यीय अरुणाचल विधानसभा में बीजेपी के 48 विधायक हो गए हैं। वहीं जेडीयू के पास अब केवल एक विधायक बचा है। कांग्रेस और एनसीपी के 4-4 विधायक हैं।

cartoon click
Irfan ka cartoon
cartoon
jdu
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License